पीड़िता ने न तो अपनी पहचान जाहिर की है, न ही उसने आरोपी के नाम का खुलासा किया है, हालांकि वकील इंदिरा जयसिंह के बयान के बाद इशारा एक्टिविस्ट तालिब हुसैन की ओर गया है.
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नई दिल्ली : मीटू मूवमेंट में एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस बार इस मूवमेंट की जद में आए हैं, कठुआ रेप कांड के एक्टिविस्ट. जेएनयू की एक छात्रा ने सोशल मीडिया के जरिए उस पर रेप का आरोप लगाया है. इस मामले में पीड़िता ने अपनी पहचान स्पष्ट नहीं की है. न ही उसने रेप करने वाले का स्पष्ट रूप से नाम बताया है. लेकिन विवाद होने पर ये स्पष्ट हो गया है कि ये आरोप जम्मू एंड कश्मीर के रहने वाले तालिब हुसैन पर लग रहे हैं. फर्स्टपोस्ट के अनुसार, पीड़िता ने लिखा है कि उस शख्स ने उसका पहले रेप किया, फिर उससे निकाह करने के लिए कहा. तालिब हुसैन का नाम तब सुर्खियों में आया, जब वह कठुअा रेप कांड के आरोपियों को सजा दिलाने के लिए आंदोलन चला रहे थे.
पीड़िता ने लिखा, जब वह रेप की कोशिश कर रहा था, तब मैंने बहुत विरोध किया. इस पर उसने कहा, तुम बहुत नाजुक हो. पीड़ित छात्रा ने लिखा, उस रात मैं कमजोर नहीं थी. मैंने काफी विरोध भी किया, लेकिन अंत में मैं हार गई. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. ऐसे में उसने मुझे चिढ़ाते हुए कहा, तुम बहुत नाजुक हो. रेप के बाद उसने मुझसे निकाह की बात भी कही.
I did NOT represent him on domestic violence and rape,it was for custodial torture, I will continue to oppose custodial torture of any accused person regardless of the crime alleged against the person concerned , it is immoral , illegal , unethical and unconstitutional https://t.co/QZtZaee47l
— indira jaising (@IJaising) October 20, 2018
लड़की ने रेप करने वाले शख्स का नाम जाहिर नहीं किया था, लेकिन इन खबरों के सामने आने पर मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा, पीड़िता की खबर जानकर तय है कि ये बात तालिब हुसैन की हो रही है. अब मैं कोर्ट में उनका साथ नहीं दूंगी. उनका कहना है कि मैंने कभी भी घरेलू हिंसा के मामले में उनका केस नहीं लड़ा. कस्टडी में उन पर हुए अत्याचार के खिलाफ मैं उनका पक्ष रख रही थी. लेकिन अब मैं उनका पक्ष नहीं रखूंगी. ये निर्णय मैंने मीटू मूवमेंट के समर्थन के कारण लिया है. उधर, केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने महिला आयोग ने इस तरह के सभी मामलों में आ रही शिकायतों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कहा है.
क्या लिखा है पीड़िता ने
कठुआ रेप कांड के खिलाफ जब देश में रोष फैला था, उसी समय इस जम्मू कश्मीर के एक्टिविस्ट का नाम सबसे आगे आया. उसने इस रेप कांड के आरोपियों के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी थी. इसी दौरान उसे देश की तमाम बड़ी यूनिवर्सिटी में लेक्चर देने के लिए बुलाया गया. इसमें जेएनयू, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भी शामिल थे. उसे जेएनयू में 27 मार्च को बुलाया गया. इसके बाद उसका जेएनयू के स्टूडेंट्स के साथ मेल जोल बढ़ गया. अप्रैल में वह फिर से जेएनयू में आया. मैं उन लोगों में शामिल थी, जिसने उसे बुलाया था. उसी समय उसने मेरे सामने निकाह का प्रस्ताव दिया, पर मैंने उसे टाल दिया. वह मुझे उसके बाद भी कॉल करता रहा. वह मुझे देर रात कॉल करता. जब मैं उससे साधारण बातें करती तो वह मुझसे अंतरंग बातें करने की कोशिश करता.
27 अप्रैल को उसने मुझे बहुत सारे कॉल किए. मैं जेएनयू के नॉर्थ गेट के बाहर मिली. वह वहां पर एक कार लेकर खड़ा था. उसने मुझे बाटला हाउस एरिया में चलने के लिए कहा. वहां मैं जाना नहीं चाहती थी, लेकिन फिर भी उसके साथ चली गई. वहा वह मुझे एक फ्लैट में ले गया. वहां उसने मेरे साथ रेप किया. उसके बाद भी उसने मुझसे निकाह के लिए कहा. उस रात मुझे असहनीय पीड़ा हुई. मेरी गायनोकॉलिजिस्ट ने भी बताया कि मुझे अंदरूनी हिस्सों में चोट आई है. उसने सिर्फ मेरे साथ ही नहीं अपनी एक रिश्तेदार के साथ भी रेप किया था. उसे सिर्फ दो महीने में ही बेल मिल गई.