कर्नाटक में अप्रैल में चुनावों की संभावना जताई जा रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस और बीजेपी ने अपने टॉप लीडरों के प्रचार के लिए इंतजाम शुरू कर दिए हैं.
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बेंगलुरू: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रैली के साथ ही कर्नाटक में चुनावी शंखनाद कर दिया है. इसके साथ ही अगले तीन महीने के भीतर होने जा रहे विधानसभा चुनावों के लिए सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी 10-12 फरवरी के बीच राज्य के तीन दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं. इस बीच कर्नाटक में अप्रैल में चुनावों की संभावना जताई जा रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस और बीजेपी ने अपने टॉप लीडरों के प्रचार के लिए इंतजाम शुरू कर दिए हैं.
बीजेपी की रणनीति
बीजेपी अपने मुख्य चुनावी रणनीतिकार अमित शाह के ठहरने के लिए बेंगलुरू में एयरपोर्ट के पास बेस की तलाश कर रही है. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी ने कुछ समय पहले पार्टी अध्यक्ष समेत मुख्य रणनीतिकारों के लिए एक विला को खरीदने की योजना बनाई थी लेकिन बाद में इस प्लान को ड्रॉप कर दिया गया. बीजेपी ने 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए पिछले नवंबर में ही अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी थी. इसके तहत चुनावों में पार्टी का चेहरा और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने परिवर्तन यात्रा के तहत सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया. अमित शाह ने उस यात्रा को हरी झंडी दिखाई थी और रविवार को पीएम मोदी की रैली के साथ ही इस यात्रा का समापन हुआ. इसके साथ ही पिछले दो महीने से पार्टी बूथ लेवल संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में लगी है. अमित शाह 31 दिसंबर और नौ जनवरी को इस संबंध में दो समीक्षा बैठकें कर चुके हैं.
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कांग्रेस की रणनीति
इलेक्शन को देखते हुए कांग्रेस ने अपने चुनावी रणनीतिकारों के लिए मध्य बेंगलुरू में दो बड़े फ्लैट किराए पर लिए हैं. एआईसीसी जनरल सेक्रेट्री केसी वेणुगोपाल और चार सचिवों माणिकराम टैगोर, पीसी विष्णुनाथ, मधु याशकी गौड़ और साके शैलजानाथ के ठहरने के लिए ये फ्लैट किराए पर लिए गए हैं. एक चार बेडरूम के फ्लैट में ये चारों सचिव ठहरेंगे और उसके पास में दूसरे फ्लैट में केसी वेणुगोपाल के रुकने का इंतजाम किया गया है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन फ्लैटों की लोकेशन पार्टी ऑफिस और विधानसभा के पास है. इसके पीछे मकसद यह है कि इसके जरिये इन नेताओं के चुनावी रणनीति बनाने के लिहाज से पार्टी के सभी स्तरों के नेताओं से मिलने-जुलने की सुविधा होगी.
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इसके साथ ही राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस ने एक फरवरी से जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने के लिए चुनाव पूर्व अभियान की शुरुआत कर दी है. 15 फरवरी से एक मार्च तक सब कमेटियों के माध्यम से बूथ लेवल पर मिलने की योजना है. उसके बाद एक मार्च से लेकर 20 मार्च तक राज्य के वरिष्ठ नेताओं के बस के माध्यम से पूरे राज्य का दौरा करने की योजना है.