विश्व महिला दिवस विशेष: एसिड अटैक पीड़िता कविता बिष्ट विकलांगों के लिए बनी सहारा
Advertisement
trendingNow1378862

विश्व महिला दिवस विशेष: एसिड अटैक पीड़िता कविता बिष्ट विकलांगों के लिए बनी सहारा

एसिड अटैक पीड़िता कविता बिष्ट अपनी आंखों की रौशनी खो देने के बावजूद कई विकलांगों की मदद कर रही हैं. इसके लिए वह गेस्टहाउस का भी प्रबंध करती हैं. 

एसिड अटैक पीड़िता कविता बिष्ट करती हैं विकलांगों की सेवा

हल्दवानी : उत्तराखंड की एसिड अटैक पीड़िता कविता बिष्ट अपनी आंखों की रोशनी खो देने के बावजूद कई विकलांगों की मदद कर रही हैं. इसके लिए वह गेस्टहाउस का भी प्रबंध करती हैं. कविता कहती हैं, मैं विभिन्न रूप से विकलांग हुए लोगों की मदद करने की कोशिश करती हूं. मैं अपना काम करती हूं और इसके लिए मैं गेस्टहाउस का भी प्रबंध करती हूं.' उन्होंने कहा, 'मैं उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण की ब्रांड एंबेसडर हूं और महिलाओं को अपना काम कभी नहीं छोड़ना चाहिए.' 

  1. एसिड अटैक पीड़िता कविता बिष्ट करती हैं विकलांगों की सेवा
  2. इसके लिए वह गेस्टहाउस का भी प्रबंध करती हैं. 
  3. कविता उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण की ब्रांड एंबेसडर हैं

 

19 साल की उम्र में हुआ था एसिड अटैक
उल्लेखनीय है कि कविता बिष्ट जब 19 साल की थी, तब उन पर एसिड से हमला किया गया था. इस हमले में कविता गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी. इस हमले के बाद भी कविता ने अपने हौसले को बुलंद रखा और संघर्ष किया. 

2013 में बनी थी उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण की ब्रांड एंबेसडर
साल 2008 में कविता पर एसिड से हमला किया गया था और उसके कई सालों बाद उनके हौसले को देखते हुए उत्तराखंड की सरकार ने 2013 में उन्हें राज्य नारी सशक्तिकरण का ब्रांड एंबेसडर बनाया. कविता को ब्रांड एंबेसडर बनाने की घोषणा करते हुए उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने कहा था कि कविता ने संघर्ष का सामना किया और आज न केवल अपने पैरों पर खड़ी हैं, बल्कि दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं. रावत ने उनकी तारीफ में कहा था कि वह वह दुर्गा का ही एक रूप हैं. 

एसिड अटैक सरवाइवर 'बहन' की शादी में पहुंचे विवेक ओबेरॉय, गिफ्ट किया फ्लैट

अल्मोड़ा की रहने वाली हैं कविता  
जब कविता के पिता का निधन हुआ था तो उनके पास पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे नहीं थे और उन्हें इसके लिए चंदा करना पड़ा था. कविता उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के करल गांव की रहने वाली हैं और अभी वह विकलांग लोगों की मदद करती हैं. 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news