VIDEO : अपनी मां और पत्नी से मिले कुलभूषण जाधव, विदेश मंत्रालय में 40 मिनट चली मुलाकात
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VIDEO : अपनी मां और पत्नी से मिले कुलभूषण जाधव, विदेश मंत्रालय में 40 मिनट चली मुलाकात

कुलभूषण जाधव आज अपनी मां और पत्नी से मुलाकात करेंगे, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते मां और पत्नी कुलभूषण के लिए खाने-पीने का कुछ भी सामान नहीं ले जाकेंगी.

पाकिस्तान स्थित विदेश मंत्रालय में कुलभूषण जाधव अपनी मां और पत्नी से मुलाकात करते हुए

नई दिल्ली : जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारत के पूर्व कमांडर कुलभूषण जाधव ने आज क्रिसमस के मौके पर अपनी मां और पत्नी से मुलाकात की. कुलभूषण की मां और पत्नी दोपहर 12 बजे मुंबई से इस्लामाबाद पहुंचीं. इस्लामाबाद में सबसे पहले वे भारतीय दूतावास गईं. उसके बाद विशेष सुरक्षा के बीच उन्हें विदेश मंत्रालय लाया गया. जहां करीब 40 मिनट उन्हें जाधव से मुलाकात की. इस दौरान भारतीय उप उच्चायुक्त जेपी सिंह मौजूद रहे. कुलभूषण और परिवार के बीच मुलाकात कहां, किस समय और किस तरह होगी, इसके एक-एक बिंदू पर रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच विचार-विमर्श हुआ था. सफेद लैंड क्रूजर गाड़ी में कड़ी सुरक्षा के बीच इन दोनों को पहले भारतीय हाईकमिशन ऑफिस ले जाया गया. 

  1. पिछले साल मई में गिरफ्तार किया था पाकिस्तान ने कुलभूषण को
  2. भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगुवा किया गया था
  3. अप्रेैल में अशांति फैलाने के आरोप में सुनाई थी फांसी की सजा

सवा दो बजे शुरू हुई. विदेश मंत्रालय में घुसने पर उन्हें सुरक्षा जांच से भी गुजरना पड़ा था. दोपहर 2.18 बजे इनकी मुलाकात शुरू हुई. मुलाकात के लिए विशेष कमरा तैयार किया गया. जाधव और उनकी मां तथा पत्नी के बीच एक शीशे की मोटी दीवार थी. इंटरकोम फोन के जरिए जाधव ने अपनी मां और पत्नी से बात की. कमरे में सीसीटीवी कैमरे में पूरी वार्तालाव को कैद किया गया. जाधव नीले रंग का कोट पहने हुए थे. यह मुलाकात 40 मिनट तक चली. मुलाकात के बाद कुलभूषण की पत्नी और मां सुरक्षा गाड़ियों के बीच भारतीय हाईकमीशन पहुंचे.

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कुलभूषण जाधव से मिलने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय में कुलभूषण की मां और पत्नी

कुलभूषण जाधव की उसके परिजनों के साथ मुलाकात को लेकर पाकिस्तान में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए. विदेश मंत्रालाय के आसपास आतंक निरोधी दस्ते, शार्प शूटर्स और पाकिस्तानी रेंजर्स को तैनात किया गया है. मीडिया और सुरक्षाकर्मियों के अलावा किसी अन्य ट्रैफिक को इस इलाके पर जाने पर पाबंदी लगाई हुई है. विदेश मंत्रालय पहुंचने पर पाक मीडिया ने उन्हें घेर लिया और सवालों की झड़ी लगा दी. कुलभूषण की मां मीडिया को नमस्कार करती हुईं आगे बढ़ गईं. पाक मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या आपको पता है कि आपका बेटा जासूसी कर रहा है, क्या आपको पता था कि जाधव के पास दो अलग-अलग नामों से पासपोर्ट थे. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, कुलभूषण को एक कैदी की हैसियत से ही मां और पत्नी से मुलाकात के लिए विदेश मंत्रालय ले जाया गया. 

परिवार के साथ डिप्टी हाईकमिश्नर के जाने पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जिओ टीवी को बताया कि पाकिस्तान ने जाधव मामले में कांसुलर की मंजूरी दे दी थी. इस पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डिप्टी हाईकमिश्नर के पाकिस्तान जाने को राजयनिक मदद ना माना जाए. 

कुलभूषण के परिजन लंबे समय से उनसे मिलने की मांग कर रहे थे. पिछले 20 दिसंबर को पाकिस्तान ने पत्नी और मां को तीन दिन का वीजा देने की बात कही थी. पत्नी और मां को शनिवार को पाकिस्तान भेजने का कार्यक्रम था, लेकिन बाद में सुरक्षा कारणों से केवल एक दिन का वीजा देने पर फैसला हुआ. पाकिस्तान यात्रा के दौरान कुलभूषण के परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. जानकारी के मुताबिक, परिजनों को कुलभूषण के लिए खाने-पीने का कुछ भी सामान ले जाने के लिए मना किया गया है.

कुलभूषण के लिए कपड़े ले जाने की इजाजत दी गई है. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि चूंकि पाकिस्तान कुलभूषण को मारना चाहता है, इसलिए पाकिस्तान उसकी हत्या कर बाद में उसके खाने में जहर होने की बात कह सकता है. ऐसी बातें भी कही जा रही हैं कि इस मुलाकात के बाद पाकिस्तान कुलभूषण को फांसी दे सकता है.

बता दें कि कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व कमांडर हैं. पाकिस्तान सरकार ने उन्हें तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था. हालांकि भारत का कहना है कि जाधव रियाटरमेंट के बाद ईरान में अपना खुद का कारोबार कर रहे थे, पाकिस्तान ने उन्हें ईरान ने अगुवा किया गया था. पाकिस्तानी सेना ने उन पर बलूचिस्तान में दंगा फैलाने और जासूसी का आरोप लगाते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. लेकिन मई में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने भारत की अपील पर इस सज़ा पर रोक लगा दी थी. 

मोदी सरकार के ये मंत्री 30 साल पहले थे कुलभूषण जाधव के बैचमेट

उधर, इस मुलाकात पर भारत में वरिष्ठ अधिवक्ता उज्जवल निकम ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि शीशे की दीवार से मुलाकात को कोई औचित्य ही नहीं है. 

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