पाकिस्तानी सेना ने भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई, जासूसी का है आरोप
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पाकिस्तानी सेना ने भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई, जासूसी का है आरोप

पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना प्रमुख ने आज कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत द्वारा दोषी पाये जाने के बाद उसकी मौत की सजा को मंजूरी दे दी. सैन्य अदालत ने जाधव को देश के खिलाफ जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने का दोषी पाया था. इस कदम से पहले से ही तनावपूर्ण भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में और कड़वाहट आ सकती है.

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण यादव को मौत की सजा सुनाई गई है. (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के शक्तिशाली सेना प्रमुख ने आज कथित भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को सैन्य अदालत द्वारा दोषी पाये जाने के बाद उसकी मौत की सजा को मंजूरी दे दी. सैन्य अदालत ने जाधव को देश के खिलाफ जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने का दोषी पाया था. इस कदम से पहले से ही तनावपूर्ण भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में और कड़वाहट आ सकती है.

और पढ़ें: कौन हैं कुलभूषण जाधव?

कुलभूषण जाधव को सुनाई मौत की सजा 

पाकिस्तानी सेना की सैन्य इकाई इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस  ने कहा कि फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल द्वारा ‘सभी आरोपों में’ दोषी पाये जाने पर 46 वर्षीय जाधव की मौत की सजा पर सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मुहर लगा दी. इसमें कहा गया, ‘जासूस पर पाकिस्तानी सैन्य कानून के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल के जरिये मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनायी गयी.’’ इसमें आगे कहा गया कि जाधव को सभी आरोपों में दोषी पाया गया.

बलोचिस्तान से गिरफ्तार करने का दावा

आईएसपीआर के बयान के मुताबिक भारतीय नौसेना के कमांडर जाधव ने मजिस्ट्रेट और अदालत के सामने यह ‘स्वीकार’ किया कि उसे ‘रॉ ने पाकिस्तान को अस्थिर करने और जंग छेड़ने के उद्देश्य से जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों की योजना बनाने और समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. उसका काम बलूचिस्तान और कराची में कानून का पालन करवाने वाली एजेंसियों के शांति बहाली के प्रयासों को बाधित करना था.’

पाकिस्तान ने जारी किया था कबूलनामे का वीडियो

जाधव को पिछले साल तीन मार्च को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने अशांत बलूचिस्तान प्रांत से ‘गिरफ्तार’ किया था जहां वह कथित तौर पर ईरान के रास्ते दाखिल हुआ था. पाकिस्तान का आरोप था कि जाधव भारतीय नौसेना का ‘सेवारत अधिकारी’ था और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग में प्रतिनियुक्ति पर था. जाधव की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी सेना ने उसके ‘कबूलनामे का वीडियो’ भी जारी किया था. भारत यह बात मानता है कि जाधव ने नौसेना में काम किया है लेकिन सरकार के साथ उसके किसी संबंध को खारिज किया है.

भारत का आरोपों से इंकार

विदेश मंत्रालय ने पिछले साल एक बयान में कहा था, ‘भारतीय नौसेना से समयपूर्व ली गयी सेवानिवृत्ति के बाद इस शख्स का सरकार से कोई जुड़ाव नहीं है.’ भारत ने वाणिज्य दूतावास को जाधव से संपर्क करने देने की मांग की थी लेकिन पाकिस्तान बार-बार भारतीय अधिकारियों को उससे मिलने देने से इनकार करता रहा है. आईएसपीआर के बयान में हालांकि कहा गया कि जाधव उर्फ हुसैन मुबारक पटेल को ‘कानूनी प्रावधानों के मुताबिक बचाव अधिकारी मुहैया कराया गया था.’ पाकिस्तानी सेना के आज के फैसले से भारत-पाक के रिश्तों में और तनाव आने की उम्मीद है. पाकिस्तान के आतंकवाद को शह देने समेत कई मुद्दों को लेकर दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं.

पाक के टीवी चैनल पर दिखाया गया था जाधव का कबूलनामा

वीडियो में जाधव ने कहा कि वह मुंबई में रहता है, और 'अब भी भारतीय नौसेना का अधिकारी है, जिसकी सेवानिवृत्ति 2022 में होनी है...' उसने कहा कि उसने वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद खुफिया विभाग में काम करने से करियर शुरू किया था, और बाद में उसने ईरान में छोटे स्तर पर व्यापार शुरू किया, जिसकी वजह से उसे पाकिस्तान आने-जाने में सहूलियत होने लगी, और वर्ष 2013 में उसे रॉ एजेंट बना लिया गया. उसके मुताबिक उसे 3 मार्च को ईरान से पाकिस्तान में घुसने की कोशिश के दौरान ही गिरफ्तार किया गया.

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