प्रदेश में विगत वर्ष की तुलना में डकैती में 5.70 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 7.5 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 13.21 प्रतिशत की कमी आई है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इस वर्ष के शुरूआती डेढ महीने में फिरौती, अपहरण, झपटमारी और डकैती के मामलों में कमी आई है लेकिन हत्या, लूट, आगजनी और बलात्कार के मामलों में बढोत्तरी हुई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में एक जनवरी 2018 से 15 फरवरी तक की अवधि में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में हत्या के 446, लूट के 447, आगजनी के 11, फिरौती के लिए अपहरण के चार, छीना झपटी के 14, डकैती के 22 तथा बलात्कार के 397 मामले दर्ज हुये है.
विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य दीपक सिंह द्वारा पूछे गये एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि पिछले साल एक जनवरी से 15 फरवरी 2017 के सापेक्ष एक जनवरी से 15 फरवरी 2018 तक की अवधि में फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 20 प्रतिशत, छीना झपटी के मामलों में 48 प्रतिशत से अधिक, डकैती के मामलों में 8.33 प्रतिशत तक की कमी आई है जबकि हत्या के मामलों में 2 .53 प्रतिशत, लूट के मामलों में 20.49 प्रतिशत, आगजनी के मामलों में 120 प्रतिशत तथा बलात्कार के मामलों में 11.20 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है.
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प्रदेश में कानून व्यवस्था
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति सुदृढ. है तथा प्रभावी कार्ययोजना के कारण ही प्रदेश में आपराधिक घटनाओं डकैती, हत्या एवं फिरौती के लिए अपहरण आदि में कमी आई है. प्रदेश में विगत वर्ष की तुलना में डकैती में 5.70 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 7.5 प्रतिशत, फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 13.21 प्रतिशत की कमी आई है.
मुख्यमंत्री ने लिखित उत्तर में बताया कि लूट, डकैती एवं अपहरण के अपराधों में विगत 10 वर्षो में प्रकाश में आये अभियुक्तों की वर्तमान गतिविधियों की गहनता से जानकारी कर सक्रिय अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है. अपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिये संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कराकर वहां पर सीसीटीवी कैमरे, अतिरिक्त गश्त वाहन, गश्त चेकिंग तथा पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गयी है.