LIVE: पुणे हिंसा केे बाद महाराष्ट्र में कई जगह प्रदर्शन, बसों और अन्‍य वाहनों में तोड़फोड़
Advertisement
trendingNow1362193

LIVE: पुणे हिंसा केे बाद महाराष्ट्र में कई जगह प्रदर्शन, बसों और अन्‍य वाहनों में तोड़फोड़

महाराष्‍ट्र में अलग-अलग जगहों पर किए जा रहे प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों और अन्‍य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया है. उनमें तोड़फोड़ की गई है. ऐ‍हतियातन मुंबई समेत पूरे महाराष्‍ट्र में भारी संख्‍या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. 

भीमा-कोरेगांव हिंसा : महाराष्‍ट्र में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों और अन्‍य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया है. (फोटो-ANI)

मुंबई/नई दिल्‍ली : महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह के दौरान हुई हिंसा की वजह से महाराष्ट्र एक बार फिर जातिगत तनाव के मुहाने पर खड़ा है. राज्य सरकार द्वारा दलितों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा रोकने में विफल रहने पर आज एक राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया गया है. महाराष्ट्र में कई जगहों पर प्रदर्शन जारी हैं. महाराष्‍ट्र में अलग-अलग जगहों पर किए जा रहे प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी बसों और अन्‍य वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया है. उनमें तोड़फोड़ की गई है. ऐ‍हतियातन मुंबई समेत पूरे महाराष्‍ट्र में भारी संख्‍या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. प्रदर्शन के चलते राज्‍य में बस और रेल सेवा पर भी गहरा असर पड़ा है. 

  1. महाराष्ट्र में कई जगहों पर प्रदर्शन 
  2. भारी संख्‍या में सुरक्षा बल तैनात
  3. राज्‍य में बस-रेल सेवा पर गहरा असर

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि दलित प्रदर्शनकारियों ने बुधवार सुबह ठाणे रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्हें जल्द ही खदेड़ दिया गया तथा मध्य रेलवे लाइन पर यातायात बाधारहित है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने गोरेगांव उपनगर में पश्चिमी लाइन पर रेल यातायात भी बाधित करने की कोशिश की. नालासोपारा स्‍टेशन पर भी प्रदर्शनकारी रेल ट्रैक पर बैठ गए, जिससे इस लाइन पर रेल यातायात प्रभावित हुआ.

 

 

मुंबई में प्रदर्शनकारियों ने ईस्‍टर्न एक्‍सप्रेस हाइवे पर भी जाम लगा दिया. इससे यहां पर सड़क यातायात प्रभावित हुआ है.

 

 

वहीं, दक्षिण मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज में आज 11वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं. प्रदर्शन के चलते प्रशासन ने आज नासिक और औरंगाबाद में स्‍कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है. हालांकि मुंबई में आज ज्‍यादातर स्कूल और कॉलेज खुले हैं. मुंबई यूनिवर्सिटी की सभी परीक्षाएं तय समय पर होंगी. उधर, मुंबई में डिब्बेवालों से खाना लेने वालों को आज मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, क्‍योंकि आज उन्होंने सेवा बंद रखने का फैसला किया है. औरंगाबाद में इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया है.

भारिप बहुजन महासंघ (बीबीएम) के नेता और डॉ. बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने दो दिन पहले पुणे जिले के भीमा कोरेगांव गांव में हिंसा रोकने में राज्य सरकार की 'विफलता' के विरोध में आज महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है. अंबेडकर ने इस हिंसा के लिए हिंदू एकता अघाड़ी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र डेमोक्रेटिक फ्रंट, महाराष्ट्र लेफ्ट फ्रंट और करीब 250 अन्य संगठनों ने बंद का समर्थन किया है.

बहरहाल, राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसने स्कूलों में छुट्टी घोषित नहीं की है, लेकिन बस ऑपरेटरों ने कहा कि वे मुंबई में आज स्कूल बसें नहीं चलाएंगे. स्कूल बस मालिकों के संघ के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम छात्रों की सुरक्षा का जोखिम नहीं उठा सकते. अगर हम दूसरी पारी में बस चला सकते हैं तो इस पर स्थिति देखने के बाद फैसला लेंगे'. गुजरात से विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने आरोप लगाया कि दो दिन पहले पुणे जिले में दलितों पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थकों ने हमले किए थे. मेवाणी कल मुंबई में थे.

बुधवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने पुणे रेलवे स्‍टेशन पर भी प्रदर्शन किया और ट्रेन को रोक दिया. इससे ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई.

 

इससे पहले मंगलवार को हिंसा के आरोप गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद पर लगे. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मंगलवार देर शाम अक्षय बिक्कड और आनंद डॉन्ड नाम के दो युवकों ने पुणे के डेक्कन पुलिस स्टेशन में जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद के खिलाफ लिखित शिकायत देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की. शिकायत पत्र में आरोप लगाया गया है कि जिग्नेश मेवानी और उमर खालिद ने 31 दिसंबर को कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद यह हिंसा फैली है. 

आरोप है कि जिग्नेश मेवानी ने अपने भाषण के दौरान एक खास वर्ग के लोगों को सड़क पर उतरने के लिए उकसाया था. उमर खालिद ने भी अपने भाषण में जाति विशेष के लोगों को उकसाने वाली बातें कही थी. इन दोनों लोगों के भाषण के बाद एक खास वर्ग के लोग विरोध करने के इरादे से सड़क पर निकलने लगे, जो बाद में हिंसक रूप ले लिया. आरोप है कि विधायक जिग्नेश मेवानी 14 अप्रैल को नागपुर में जाकर आरएसएस मुक्त भारत अभियान की शुरुआत करने की भी बात कही थी. इस भाषण के दौरान प्रकाश आंबेडकर, पूर्व न्यायाधीश बी.जी. कोलसे पाटिल, लेखिका और कवि उल्क महाजन आदि लोग मौजूद रहे.

मंगलवार को जातीय हिंसा की आग मुंबई पहुंच गई. दलित प्रदर्शनकारियों ने मुंबई में कई बसों को क्षतिग्रस्त किया और सड़क तथा रेल यातायात को बाधित किया. भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ के दौरान सोमवार को पुणे में दलित समूहों और दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के बीच कल संघर्ष हो गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. 

पुणे में, पीम्प्री पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में हिन्दू एकता अघादी के प्रमुख मिलिंद एकबोते तथा शिवराज प्रतिष्ठान के अध्यक्ष संभाजी भिड़े के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं. दोनों संगठनों ने युद्ध में ‘ब्रिटेन की जीत’ का जश्न मनाने का विरोध किया था. पुलिस ने बताया कि मुंबई में प्रदर्शनकारियों ने 160 से ज्यादा बसों को क्षतिग्रस्त किया. 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे हिंसा मामले में बंबई उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच के आदेश दे देते हुए शांति की अपील की थी. उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे क्या कोई साजिश थी इसका पता लगाने की जरूरत है. फडणवीस ने कहा कि हिंसा में मारे गए युवक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और उसकी मौत की जांच सीआईडी करेगी.

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि, 'ये जो घटना घटी है, ये रोकी जा सकती थी. सरकार को वहां सुरक्षा के उचित प्रबंध करने चाहिए थे. वहां बीजेपी की सरकार है ओर उन्होंने वहां हिंसा कराई. लगता है इसके पीछे बीजेपी-आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथ है.'

Trending news