तमाम विपक्षी दलों को एक जुट करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं. विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात के साथ-साथ बीजेपी के खेमे में भी सेंध लगाने की खास रणनीति बनाई है.
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नई दिल्ली : 2019 केआम चुनावों के लिए बीजेपी ने 'मिशन 350' तैयार कर इस दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है. उधर, बीजेपी को घेरने के लिए तमाम विरोधी दल एकजुट हो रहे हैं. बीजेपी को अपने लक्ष्य से दूर रखने के लिए विपक्षी दल हर रणनीति अपना रहे हैं. इसकी एक बानगी यूपी में लोकसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में देखने को भी मिली थी. दो धुर विरोधी पार्टी बीएसपी और सपा ने हाथ दशकों पुरानी दुश्मनी को तिलाजंलि देकर हाथ मिलाए और जीत भी हासिल की थी.
अब तमाम विपक्षी दलों को एक जुट करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं. विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात के साथ-साथ बीजेपी के खेमे में भी सेंध लगाने की खास रणनीति बनाई है. ममता यहां बीजेपी के उन असंतुष्ट नेताओं से मिलेंगी, जो अपनी पार्टी की नीतियों से अक्सर नाराज रहते हैं और मोदी की खुलकर आलोचना करते रहते हैं. असंतुष्ट नेताओं के अलावा के बीजेपी के सहयोगी दलों से भी मुलाकात कर रही हैं.
ममता बनर्जी ने दिल्ली रवाना होने से पहले कहा कि वे दिल्ली में बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और शत्रुघ्न सिन्हा से भी मुलाकात करेंगी. राजनीति के जानकार बताते हैं कि इस बार विपक्ष ने बीजेपी को घेरने के लिए उसी की रणनीतियों का इस्तेमाल किया है. जिस तरह बीजेपी विरोधी दल में सेंध लगाकर उनके नेताओं को अपने खेमे में लाकर विपक्ष को कमजोर करने का काम करते हैं, उसी नीति के तहत यह रणनीति बनाई गई है. और टीएमसी की मुखिया इसी नीति को लेकर दिल्ली आई हैं.
Yes, Sonia ji is unwell right now and recovering, will meet her once she is fine.Tomorrow will meet Shatrughan Sinha ji,Yashwant Sinha ji, and Arun Shourie ji. Will certainly go if they(Mayawati-Akhilesh Yadav) call us for a meeting to Lucknow: WB CM Mamata Banerjee pic.twitter.com/IV6YdNvAKx
— ANI (@ANI) 27 मार्च 2018
BJP के विरोधियों की खुलकर तारीफ करते हैं शत्रुघ्न सिन्हा
ममता बनर्जी ने बीजेपी के जिन नेताओं से मुलाकात की बात कही है, उनमें पटना से पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की पार्टी से खिलाफत किसी से छिपी नहीं है. शॉटगन के नाम से मशहूर सिन्हा बीजेपी की खुलकर मुखालफत करते रहते हैं. नोटबंदी, जीएसटी और बैंक घोटालों पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर खुलकर कटाक्ष किए थे. इतना ही नहीं वे बीजेपी के विरोधी दलों की तारीफ करने का मौका भी नहीं चूकते.
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आम आदमी पार्टी विधायकों पर लाभ का पद हो या उपराज्यपाल विवाद, शत्रुघ्न सिन्हा हमेशा आम आदमी पार्टी के पक्ष में ही बोलते रहे हैं. इसके अलावा वे लालू प्रसाद यादव के भी प्रशंसक हैं. लालू को चारा घोटाले में सजा सुनाए जाने पर शत्रुघ्न सिन्हा ने सबसे पहले दुख प्रकट किया था. इतना ही नहीं वे दो दिन पहले रांची के रिम्स में भर्ती लालू का हालचाल जानने के लिए भी गए थे और उन्होंने लालू के कामों की खुलकर तारीफ की और कहा कि उन्हें जल्द ही इंसाफ मिलेगा. लालू से मुलाकात के बादे शत्रुघ्न सिन्हा पटना स्थित लालू यादव के घर गए और वहां उनकी पत्नी राबड़ी देवी तथा उनके बेटों तेजस्वी और तेजप्रताप से मुलाकात की. राजनीतिक जानकारों ने उनके इस लालू प्रेम के बारे में कहा कि शॉटगन दूसरा खेमा तलाश कर रहे हैं उसी कवायद में वे लालू परिवार से मिले थे.
पीएम मोदी के खिलाफ उतरे यशवंत सिन्हा
बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं की श्रेणी में दूसरे नेता यशवंत सिन्हा हैं. नौकरशाही से राजनीति में आए यशवंत सिन्हा ने जनता दल से अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की. 1990 में चन्द्र शेखर की सरकार में वे वित्त मंत्री रहे. बाद में वे बीजेपी में आ गए और अटल सरकार में भी उन्होंने वित्त तथा विदेश मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली.
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2014 में आई मोदी सरकार में वे हाशिए पर आए. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के फैसलों का लगातार विरोध किया. 100 फीसदी विदेशी निवेश का उन्होंने खुलकर विरोध किया है. उन्होंने कहा कि हमने 2004 से 2014 तक इन 10 सालों में विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस की जिन नीतियों का घोर विरोध किया वर्तमान सरकार उन्हीं नीतियों को लागू कर रही है.
अरुण शौरी ने मोदी शासन को बताया आपातकाल
पत्रकार, लेखक, अर्थशास्त्री से राजनेता बने अरुण शौरी 1998 से 2004 तक भारत सरकार में मंत्री. अरुण शौरी केंद्र में मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों के शुरू से ही खिलाफ रहे हैं. अरुण शौरी ने भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकता की वकालत की और कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार के खिलाफ हर सीट पर एक प्रत्याशी होने चाहिए.
विपक्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारे : अरुण शौरी
शौरी ने कहा, "तात्कालिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि आज हमारे यहां केंद्रीकृत आपातकाल नहीं बल्कि एक तरह का विकेंद्रीकृत आपातकाल है. डर और बेबसी का जैसा माहौल बना हुआ है, वैसा मैंने आपातकाल के दौरान नहीं देखा था. जो ताकतें हैं, वो विभाजित हैं. मैं काफी समय से कह रहा हूं कि आपको उस विनाशकारी खतरे को पहचानना होगा जो (नरेंद्र) मोदी व अन्य देश के सामने पेश कर रहे हैं."
शिवसेना से की मुलाकात
ममता बनर्जी अपने इस दौरे पर बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं के साथ-साथ बीजेपी के सहयोगी दलों से भी मुलाकात कर रही हैं. उन्होंने मंगलवार को शिवसेना के सांसद संजय राउत से मुलाकात की. संजय राउत के अलावा उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सांसद के. कविता से भी मुलाकात की. बता दें कि इन दिनों संसद का बजट सत्र चल रहा है. इस दौरान तमाम नेता दिल्ली में मौजूद रहते हैं. सभी नेताओं से मुलाकात का संसद सत्र से अच्छा मौका कोई और नहीं होता. इसलिए ममता बनर्जी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए दिल्ली आने का कार्यक्रम बनाया.