जबलपुर पहुंचे बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का दर्द खुलकर सामने आया. सिन्हा ने कहा कि आज की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अटल और आडवाणी की नहीं रह गई है.
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दुर्गेश साहू, जबलपुर: बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया है. जबलपुर पहुंचे बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा का दर्द खुलकर सामने आया. सिन्हा ने कहा कि आज की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अटल और आडवाणी की नहीं रह गई है. लालकृष्ण आडवाणी अब भारतीय जनता पार्टी में खास तो क्या आम भी नहीं रह गए हैं. सिन्हा ने बताया कि देश के कुछ मुद्दों को लेकर 13 महीने पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा था, लेकिन आज तक प्रधानमंत्री ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया. उन्होंने कहा कि इस घटना से वे आहत हैं और तभी से तय कर लिया है कि अब वे किसी भी मुद्दे पर सरकार से दिवारों के पीछे बात नहीं करेंगे. अब जो भी बात होगी वह खुलकर सबके सामने सार्वजनिक तौर पर की जाएगी.
'अटल-आडवाणी वाली बीजेपी नहीं रही'
यशवंत सिन्हा ने कहा कि एक जमाना था जब बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता किसी भी वरिष्ठ नेता से आसानी से मिल लेता था, क्योंकि उस समय अटल और आडवाणी की कार्यशैली बहुत अलग थी. वह हर कार्यकर्ता को बराबरी का दर्जा देते थे, लेकिन आज वह हालात नहीं रह गए हैं. आज बड़े से बड़ा कार्यकर्ता एक मुलाकात के लिए तरसते रहते हैं.
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'हम जिन नीतियों के खिलाफ रहे, आज बीजेपी उसे ही लागू कर रही'
इसके साथ ही सिन्हा ने केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमने 2004 से 2014 तक इन 10 सालों में विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस की जिन नीतियों का घोर विरोध किया आज की सरकार की नीतियों को लागू कर रही है. इसके साथ ही सिन्हा ने भावांतर योजना और प्रदेश में किसानों की हालत पर भी चिंता जाहिर की है.
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'आज के सरकार की बुद्धि ज्यादा खुल गई है'
FDI पर उन्होंने कहा कि मैं 15वी लोकसभा का सदस्य था, तब FDI का हमने ख़ूब विरोध किया था, आज की सरकार की बुद्धि ज्यादा खुल गई है. और कुछ क्षेत्र में सरकार ने 100 प्रतिशत FDI दे दिया. उन्होंने यह भी कहा कि 2004 से 2014 तक UPA के शासन में जिन प्रस्तावों का विरोध किया आज उसे सरकार ने पास किया है.
नरसिंहपुर में होने वाले किसान आंदोलन में शामिल होने एमपी आए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों के हालातों को सुनकर बेहद निराश हूं.
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उन्होंने कहा कि NTPC किसानों को रोजगार दे. गन्ना किसानों को उचित क़ीमत दी जाए साथ ही फ़सल बीमा योजना को सुगम बनाया जाए. महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने किसानो की मांगों को माना, उसी तरह मध्य प्रदेश में भी किसानों की सभी मांगों को मानना चाहिए.
सिन्हा ने बताया कि देश में किसानों की कोई पूछ नहीं हो रही है. मध्य प्रदेश में भी किसानों के हालात ठीक नहीं हैं. किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम दिलाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में शुरू भावांतर योजना एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फसल बीमा योजना को सिन्हा ने ‘‘झुनझुना’’ करार दिया.