प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए मथुरा में एक स्टूडेंट ने खास मशीन तैयार की है. गरीबी में पलने वाला उत्तर प्रदेश के मथुरा का ये बेटा आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहता है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए मथुरा में एक स्टूडेंट ने खास मशीन तैयार की है. गरीबी में पलने वाला उत्तर प्रदेश के मथुरा का ये बेटा आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहता है. 15 साल के सिकांतो मंडल की बनाई गई मशीन को स्वच्छ भारत अभियान में बेस्ट क्रिएटिव आइडिया में शुमार किया गया है. इस आविष्कार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में लगने वाले फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन के लिए भी आमंत्रित किया गया है.
स्कूल में आया मशीन बनाने का आइडिया
उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित जय गुरुदेव संस्था स्कूल में पढ़ने वाला सिकांतो ने एक ऐसी मशीन तैयार की है जिसकी मदद से जमीन से आसानी से कचरा उठाया जा सकता है. मशीन का इस्तेमाल करने पर कूड़े को इकट्ठा करने में परेशानी नहीं होगी, साथ ही उसे आसानी से डंप करने के लिए ले जाया जा सकता है.
कूड़े की ये मशीन न सिर्फ कचरा उठाने में मदद करती है बल्कि उसमें बनी स्टोरेज की जगह में कचरा इकट्ठा हो जाता है, जो सफाई करने के प्रोसेस को आसान बना देता है. सिकांतो को ये आइडिया अपने स्कूल में ही आया. दरअसल, स्कूल में स्टूडेंट्स मिलकर सफाई करते थे. लड़कियां जहां कूड़ा साफ करती थीं, वहीं लड़कों का काम उसे इकट्ठा कर बाहर फेंकने का था. इस सफाई के बाद स्टूडेंट्स काफी थक जाते थे. ऐसे में सिकांतो के दिमाग में खास मशीन बनाने का आइडिया आया.
सिकांतो की मशीन को हर स्तर पर मिली सराहना
इस प्रोजेक्ट को उसने इंस्पायर अवॉर्ड के लिए भी भेजा. नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए सिकांतो को पांच हजार रुपये की सहायता भी उपलब्ध करवाई. आर्थिक सहायता मिलने के बाद सिकांतो ने मशीन तैयार कर ली.
सिकांतो मंडल की बनाई गई कचरा उठाने वाली मशीन को इंस्पायर अवॉर्ड योजना में राष्ट्रीय स्तर पर भी सिलेक्ट किया गया. साथ ही उसे अपने इस आविष्कार के लिए राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान अहमदाबाद द्वारा जापान एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम इन साइंस जापान में ट्रेनिंग के लिए भी भेजा गया. अपनी मशीन को सिकांतो ने पेटेंट करवा लिया है.
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सिकांतो का है ये सपना
सिकांतो एक गरीब परिवार से आता है. उसका परिवार मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. वे पैसे कमाने के लिए उत्तर प्रदेश आए थे. सिकांतो के पिता एक फैक्ट्री में मजदूरी कर अपने परिवार का खर्चा चलाते हैं. गरीब परिवार से आने के बावजूद सिकांतो ने सपने देखना नहीं छोड़ा है. वो इंजीनियर बन अपने परिवार की गरीबी दूर करना चाहता है. साथ ही देश के लिए कुछ करना चाहता है.
सिकांतो को राष्ट्रपति भवन में 19 मार्च से लगने वाले फेस्टिवल ऑफ इनोवेशन के लिए आमंत्रित किया गया है. यहां वो अपनी मां के साथ 23 मार्च तक रहेगा. इस दौरान सिकांतो को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भोज करने का भी मौका मिलेगा. सिकांतो की उपलब्धि पर न सिर्फ उसके परिवार को बल्कि पूरे मथुरा को नाज है.