लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक चंद्रकांत खैरे ने बताया कि पहले के ‘‘नोटिस’’ (व्हिप) में पार्टी सांसदों से कहा गया था कि उन्हें दिन भर संसद में मौजूद रहना होगा.
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नई दिल्ली/मुंबई : विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज (शुक्रवार को) लोकसभा में होने वाली चर्चा में भाजपा के पुरानी सहयोगी दल शिवसेना का क्या रुख रहेगा, इस पर सभी की नजरें रहेंगी. हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवसेना पार्टी का समर्थन कर सकती हैं, लेकिन अभी भी इस संशय बरकरार है. उद्धव ठाकरे के निकट सहयोगी हर्षल प्रधान ने बताया, ‘‘उद्धव ने सभी सांसदों से शुक्रवार को दिल्ली में मौजूद रहने के लिए कहा है और पार्टी के निर्णय के बारे में सुबह शिवसेना अध्यक्ष उन्हें बताएंगे’’.
वहीं, लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक चंद्रकांत खैरे ने बताया कि पहले के ‘‘नोटिस’’ (व्हिप) में पार्टी सांसदों से कहा गया था कि उन्हें दिन भर संसद में मौजूद रहना होगा. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, हालांकि खैरे ने यह भी बताया कि किसी एक पक्ष में वोट करने को लेकर व्हिप जारी नहीं किया गया है. नोटिस केवल संसद में मौजूद रहने के लिए जारी किया गया है. पार्टी अध्यक्ष उद्धव ही अंतिम निर्णय लेंगे.
Chandrakant Khaire, Shiv Sena Chief whip in Lok Sabha to ANI says that there was no whip issued to vote one way or another. Notice has been given to be present in Parliament. Party chief Uddhav Thackeray will take final decision. #NoConfidenceMotion pic.twitter.com/ozDr0EtLlT
— ANI (@ANI) July 19, 2018
हालांकि इससे पहले गुरुवार को शिवसेना की तरफ से कहा गया था कि वह लोकसभा में विपक्ष की ओर से लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करेगी. शिवसेना के मुख्य सचेतक चंद्रकांत खैरे ने लोकसभा में पार्टी के सभी सदस्यों को व्हिप जारी कर चर्चा के लिए प्रस्ताव लाए जाने के दौरान सदन में उन्हें मौजूद रहने और सरकार का समर्थन करने को कहा था.
अविश्वास मत में पार्टी की भूमिका को लेकर अटकलों को खत्म करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक करीबी सूत्र ने कहा था कि लोकसभा में सरकार का समर्थन करने का फैसला किया गया है.
बहरहाल, महाराष्ट्र में विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना की आलोचना करते हुए कहा है कि उसके ढोंग का पर्दाफाश हो चुका है. राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, ‘‘शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी है लेकिन निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल होने के बावजूद लगातार सरकार की नीतियों की आलोचना करती रहती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा नीत सरकार को समर्थन देने का शिवसेना का फैसला दिखाता है कि भाजपा को लेकर उसका विरोध ढोंग है.’’
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मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम ने कहा, ‘‘अब यह जाहिर हो चुका है कि भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ शिवसेना का नियमित बयान खोखला है. वे साथ हैं और वे साथ रहेंगे. एक दूसरे से लड़ने का उनका नाटक चलता रहेगा.’’