प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समृद्ध और विकसित भारत के उनके सपने को पूरा करने का संकल्प दोहराते हुए वह अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं
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नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में अच्छे कामकाज के लिये सभी दलों के सांसदों की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि सत्र को सामाजिक न्याय और युवाओं के कल्याण के सत्र के रूप में हमेशा याद किया जाएगा जिसमें युवाओं और पिछड़े समुदायों को लाभ पहुँचाने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किये गए. आकाशवाणी पर आज प्रसारित प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि आजकल देश में एक साथ केंद्र और राज्यों के चुनाव कराने के विषय में चर्चा हो रही है. इस विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में लोग अपनी-अपनी बात रख रहे हैं. ये अच्छी बात है और लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत भी है.
समृद्ध और विकसित भारत का संकल्प
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जरुर कहूंगा स्वस्थ लोकतंत्र के लिए, उत्तम लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्पराएं विकसित करना, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करना, चर्चाओं को खुले मन से आगे बढ़ाना, यह भी अटल जी (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी) को एक उत्तम श्रद्धांजलि होगी.’’ मोदी ने कहा कि समृद्ध और विकसित भारत के उनके सपने को पूरा करने का संकल्प दोहराते हुए वह अटल जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
कुछ दिन पहले ही समाप्त हुआ है संसद का मानसून सत्र
उन्होंने कहा कि "संसद की आजकल चर्चा जब होती है तो अक्सर रुकावट, हो-हल्ला और गतिरोध के विषय में ही होती है, लेकिन यदि कुछ अच्छा होता है तो उसकी चर्चा इतनी नहीं होती. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही संसद का मानसून सत्र समाप्त हुआ है. आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि लोकसभा के कामकाज की उत्पादकता 118% और राज्यसभा की 74% रही.
कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया
मोदी ने कहा, ‘‘दलहित से ऊपर उठकर सभी सांसदों ने मानसून सत्र को अधिक से अधिक उपयोगी बनाने का प्रयास किया और इसी का परिणाम है कि लोकसभा ने 21 विधेयक और राज्यसभा ने 14 विधेयकों को पारित किया.’’ उन्होंने कहा कि संसद का ये मानसून सत्र सामाजिक न्याय और युवाओं के कल्याण के सत्र के रूप में हमेशा याद किया जाएगा. इस सत्र में युवाओं और पिछड़े समुदायों को लाभ पहुंचाने वाले कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित किया गया.
ओबीसी आयोग बनाने का संकल्प पूरा किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सबको पता है कि दशकों से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग की तरह ही अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिये जाने की मांग चली आ रही थी. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछड़े वर्ग के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए देश ने इस बार ओबीसी आयोग बनाने का संकल्प पूरा किया और उसको एक संवैधानिक अधिकार भी दिया. यह कदम सामाजिक न्याय के उद्देश्य को आगे ले जाने वाला सिद्ध होगा.
दलित समुदायों में विश्वास भरेगा
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए संशोधन विधेयक को भी पास करने का काम इस सत्र में हुआ. यह कानून अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समुदाय के हितों को और अधिक सुरक्षित करेगा. साथ ही यह अपराधियों को अत्याचार करने से रोकेगा और दलित समुदायों में विश्वास भरेगा.