Congress, TMC.... को राष्ट्रपति का अपमान बर्दाश्त नहीं! नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे विपक्षी दल
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Congress, TMC.... को राष्ट्रपति का अपमान बर्दाश्त नहीं! नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे विपक्षी दल

New Parliament Building: कई विपक्षी दलों के नेताओं ने 28 मई को आयोजित समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए.

Congress, TMC.... को राष्ट्रपति का अपमान बर्दाश्त नहीं! नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगे विपक्षी दल

New Parliament Building Inauguration: नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराने की विपक्ष की मांग के बीच कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने 28 मई को आयोजित समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए.

समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की और सदन में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा जल्द ही एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा, जिसमें उद्घाटन कार्यक्रम के संयुक्त बहिष्कार की घोषणा की जाएगी. इस बीच, तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने कहा कि वे उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.

कार्यक्रम का औपचारिक निमंत्रण प्राप्त होने के बाद बुधवार को राजनीतिक दलों द्वारा अंतिम फैसला किया जाएगा. राज्यसभा में तृणमूल के के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है; यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है - यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं समझते हैं. उनके लिए, रविवार को नई इमारत का उद्घाटन सिर्फ मैं, खुद के बारे में है. इसलिए हमें इससे बाहर रखें. 

भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्धघाटन समारोह में भाग नहीं लेगी. जैसे ही संसद सदस्यों को आमंत्रण की सॉफ्ट कॉपी मिलनी शुरू हुई, वे इस मुद्दे पर चर्चा करने लगे. विपक्षी सूत्रों ने संकेत दिया कि ज्यादातर दलों की राय है कि उन्हें एकजुट होकर समारोह से दूर रहना चाहिए, लेकिन इस मुद्दे पर अंतिम फैसला बुधवार को किया जाएगा.

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है. उन्होंने कहा, महामहिम राष्ट्रपति, जो एक सामान्य पृष्ठभूमि से उठकर यहां तक पहुंची हैं, उनका अपमान क्यों हो रहा है? क्या अपमान इसलिए हो रहा है कि वह आदिवासी समाज से आती हैं या फिर उनके राज्य (ओडिशा) में चुनाव नहीं है?

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस समारोह का बहिष्कार करेगी तो वल्लभ ने कहा, उचित समय पर उचित फैसला किया जाएगा.  कार्यक्रम के आमंत्रण कार्ड में कहा गया है कि समारोह दोपहर में शुरू होगा और आमंत्रितों लोगों से अनुरोध है कि वे सुबह 11.30 बजे तक अपना स्थान ग्रहण कर लें.

अन्य विपक्षी दलों ने क्या कहा?

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने राष्ट्रपति को 'नजरअंदाज' करने का आरोप लगाया. येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, जब नए संसद भवन की आधारशिला रखी गई तो मोदी ने राष्ट्रपति को दरकिनार कर दिया था और अब उद्घाटन के मौके पर भी उन्होंने उन्हें नजरअंदाज कर दिया, यह अस्वीकार्य है. संविधान का अनुच्छेद 79 कहता है कि संघ के लिए एक संसद होगी जिसमें राष्ट्रपति और दो सदन होंगे. 

आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि वह संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगी. आप ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा संसद भवन का उद्घाटन न कराए जाने से वह निराश है. पार्टी ने कहा, कई अन्य विपक्षी दल भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. हम समारोह का बहिष्कार करेंगे.  

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करना चिंताजनक होने के साथ-साथ हास्यास्पद भी है. उन्होंने कहा, राष्ट्रपति संसद का प्रमुख और लोकतंत्र का संरक्षक भी होता है और अगर राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह न केवल चिंताजनक है, बल्कि हास्यास्पद भी है.

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