इस गांव में पैदा हुआ था Nipah वायरस, दुनिया भर में लोगों को सुला रहा मौत की नींद
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इस गांव में पैदा हुआ था Nipah वायरस, दुनिया भर में लोगों को सुला रहा मौत की नींद

तेज बुखार, सिर में भयानक दर्द, सांस लेने में तकलीफ, मतिभ्रम होना, कोमा में जाना जैसे लक्षण इसके कारण होते हैं.

 1998 में मलेशिया के कामपुंग सुंगाई निपाह गांव के एक व्‍यक्ति की इस वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई.(प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

केरल में एक दुर्लभ दिमागी बुखार(Brain Fever) की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो गई है. डॉक्‍टरों के मुताबिक निपाह वायरस(NiV) के कारण ये मौतें हुई हैं. यह वायरस इसलिए बेहद खतरनाक माना जाता है क्‍योंकि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं है और न ही इसका कोई वैक्‍सीनेशन अभी उपलब्‍ध है. 2018 में इसी कारण इसको विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन(WHO) की वायरसों की उस सूची में रखा गया है, जो मानव जाति के लिए स्‍वास्‍थ्‍य के लिहाज से बड़ा खतरा बन सकते हैं:

  1. 1998 में सबसे पहले मलेशिया में इसका पता चला
  2. वहां के एक गांव के आधार पर इसका नाम रखा
  3. 2004 में यह वायरस बांग्‍लादेश में फैला

1. दो दशक पहले 1998 में मलेशिया के कामपुंग सुंगाई निपाह गांव के सुअरों में इस वायरस की पहली बार पहचान की गई. एक व्‍यक्ति की इस वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई. इस कारण इसका नाम निपाह वायरस(Nipah Virus) पड़ गया. उसी दौरान यह संक्रामक बीमारी सिंगापुर में भी फैली. उसके बाद 2004 में बांग्‍लादेश में यह फैली.

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विशेषज्ञों के मुताबिक चमगादड़ों से यह वायरस मनुष्‍य में फैला.(फाइल फोटो)

2. यह RNA(रिबोन्‍यूक्लिक एसिड) वायरस के कारण उत्‍पन्‍न होता है. आरएनए वायरस पैरामाईक्‍सोविरिडी (Paramyxoviridae) फैमिली और हेनीपावायरस (Henipavirus) वंश से संबंधित होता है और हेंड्रा (Hendra) वायरस से नजदीकी रूप से संबद्ध होता है.

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3. सुअरों से यह वायरस चमगादड़(Fruit Bats) के संपर्क में आया. इसके द्वारा पशुओं और उनसे इंसानों में फैला. यह एक जूनोटिक बीमारी (zoonotic disease) है. मलेशिया में जब यह पहली बार पहचान में आया तो इससे संक्रमित करीब 50 प्रतिशत मरीजों की मौत हो गई.

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सुअरों से यह वायरस चमगादड़(Fruit Bats) के संपर्क में आया. इसके द्वारा पशुओं और उनसे इंसानों में फैला. यह एक जूनोटिक बीमारी (zoonotic disease) है. (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

4. तेज बुखार, सिर में भयानक दर्द, सांस लेने में तकलीफ, मतिभ्रम होना, कोमा में जाना जैसे लक्षण इसके कारण होते हैं.

5. केरल के कोझिकोड जिले में पिछले दो हफ्ते में कथित रुप से ‘निपाह’ नामक एक विषाणु एक ही परिवार के तीन व्यक्तियों की मौत के बाद राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग बिल्कुल सावधान हो गया है. 20 मई को जिले में एक निजी अस्पताल में 50 वर्षीय महिला की मौत हो गयी थी जबकि उसके 25 और 23 साल के दो रिश्तेदारों की क्रमश: 18 और पांच मई को मृत्यु हो गई थी. इससे पहले लोकसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने केरल के कोझिकोड जिले में एक वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र की मदद मांगी थी.
दिल्ली से प्राप्त खबर के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक को राज्य सरकार की सहायता करने के लिए केरल के कोझिकोड़ की यात्रा करने का निर्देश दिया. मंत्री के निर्देश पर एक केंद्रीय टीम केरल जाएगी. नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने स्थिति की समीक्षा की.

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