पीएम मोदी ने 2024 में विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कहकर यह संदेश देने का प्रयास भी किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए को कोई चिंता नहीं है.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले चार साल में देश में एनडीए सरकार के विकास कार्यों के बावजूद ‘अहंकार’ के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है . पीएम मोदी ने 2024 में विपक्ष को अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कहकर यह संदेश देने का प्रयास भी किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए को कोई चिंता नहीं है. लगभग डेढ घंटे के अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष द्वारा लगाये गए तमाम आरोपों का बिंदुवार जवाब दिया. उन्होंने अपने भाषण में लगभग पूरे समय निशाने पर कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार को रखा.
1. अहंकार से भरी हुई है कांग्रेस: पीएम मोदी ने कहा कि पिछले चार साल में देश में हुए विकास के इतने कार्यों के बावजूद ‘अहंकार’ के कारण अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. प्रधानमंत्री ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर विशेष निशाना साधा. उन्होंने राहुल गांधी की ओर से अपने पास आकर गले मिलने के घटनाक्रम का जिक्र किया और कहा, ‘उनका एक ही मकसद है मोदी हटाओ. मैं हैरान हूं कि सुबह चर्चा शुरू हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय पराजय का फैसला भी नहीं हुआ था, लेकिन उन्हें यहां पहुंचने का इतना उत्साह है कि आकर (मुझसे) बोले, उठो उठो.’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां कोई न उठा सकता है, न बैठा सकता है. सवा सौ करोड़ देशवासियों ने बैठाया है. सवा सौ करोड़ देशवासी उठा सकते हैं. इतनी जल्दबाजी क्या है.’ मोदी ने कहा, ‘‘उनका एक ही मकसद है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा. इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए.’
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2. नामदार से कामगार कैसे आंखें मिला सकता है: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘आंखों में आंखें नहीं डाल पाने’’ संबंधी टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘एक गरीब मां का बेटा, पिछड़ी जाति से आने वाला नरेन्द्र मोदी ऐसा साहस कैसे कर सकता है?’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने देखा है कि आंखों में आंख डालने पर सुभाष चंद्र बोस के साथ क्या हुआ, चौधरी चरण सिंह के साथ क्या हुआ, जय प्रकाश नारायण के साथ क्या हुआ, मोरारजी देसाई के साथ क्या हुआ, सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ क्या हुआ ? उन्होंने कहा कि आंख में आंख डालने वालों को ठोकर मारकर बाहर कर दिया गया. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘आप तो नामदार है, मैं तो कामगार हूं. हम आपकी आंखों में आंख कैसे डाल सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि आंखों का खेल पूरे देश ने देखा है. आंखों की बात करके ‘आंख की हरकत’ पूरे देश ने देखी है. आंखों की बात करके सत्य को पूरी तरह से कुचला गया है.
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3. दुआ करता हूं आप 2024 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाएं: सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, ‘मैं प्रार्थना करूंगा कि साल 2024 में आपको इतनी शक्ति दे कि आप फिर अविश्वास प्रस्ताव लाएं. मेरी आपको शुभकामनाएं.’ राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उनका एक ही मकसद है कि ‘मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा’. उन्होंने कहा कि इसके लिए कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न बनाइए. उन्होंने कहा कि हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्याबल है. हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है. अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए देश के मन पर, देशवासियों के आशीर्वाद पर कम से कम अविश्वास न करें.
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4. मैं खड़ा भी हूं और अपने कामों पर अड़ा हूं: प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना तुष्टीकरण के, बिना वोट बैंक की राजनीति के हम ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र के साथ राजनीति करते हैं. पिछले चार साल में उस वर्ग के लिए काम किया जिसके पास चमक धमक नहीं थी. मोदी ने राहुल को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘अहंकार ही कहता है कि हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री 15 मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किये हैं, उस पर अड़ा भी हूं.’’ उन्होंने कहा कि वह चौकीदार भी हैं और भागीदार भी लेकिन सौदागर और ठेकेदार नहीं हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह गरीबों एवं युवाओं के सपनों के भागीदार है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में नहीं होती है तब अस्थिरता और अफवाह फैलाने का काम करती है.
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5. 30 साल में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी: तेदेपा और कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ लाये गये पहले अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लोकतंत्र की महत्वपूर्ण शक्ति का परिचायक है. भले ही यह तेदेपा के माध्यम से आया हो, लेकिन उनके साथ जुड़े हुए कुछ अन्य सदस्यों ने भी इसके समर्थन में बात कही है तो एक बड़े वर्ग ने इसके विरोध में कुछ बात कही हैं. उन्होंने सभी सदस्यों से इस प्रस्ताव को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत से बनी सरकार ने पिछले चार साल में जिस गति से काम किया है, उसके काम पर विश्वास जताएं.
6. विपक्ष को विकास कार्यों पर विश्वास नहीं: मोदी ने कहा कि इससे हमें अपनी बात करने का मौका तो मिल ही रहा है, साथ ही देश को देखने को मिल रहा है कि विपक्ष में कैसी नकारात्मकता है, विकास के प्रति कितनी नकारात्मक सोच है. ‘‘उन सबका चेहरा निखरकर सजधज कर बाहर आया है.’’ उन्होंने कहा कि कभी तो लगता है कि आज उनके (विपक्षी दलों के) सारे भाषण, उनका व्यवहार अज्ञानवश नहीं है. यह झूठे आत्मविश्वास के कारण भी नहीं. ‘‘अहंकार इस प्रकार की प्रवृत्ति के लिए खींच लाया.’’ मोदी ने कहा कि विपक्ष को हमारे इतने सारे विकास कार्यों, योजनाओं पर विश्वास नहीं है.
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7. राफेल पर विपक्ष के बयान को बताया बचकाना: राफेल सौदे को लेकर राहुल के बयान के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दो जिम्मेदार सरकारों के बीच सौदा है, दो कारोबारी पार्टियों के बीच नहीं. उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर तो ‘‘यह बचकाना रवैया’’ नहीं अपनाएं. उन्होंने कहा कि यह समझौता जिम्मेदार सरकारों के बीच और पूरी पारदर्शिता के साथ हुआ.
8. कृपया सेना को कटघरे में खड़ा ना करें: राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने संवेदनशील मुद्दे पर इस तरह की बात करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, ‘नामदार के आगे तो मैं इसके संबंध में प्रार्थना ही कर सकता हूं.’ उन्होंने कहा कि देश के सेनाध्यक्ष के बारे में बात की जाती है जो ठीक नहीं है. जो देश के लिये मर मिटने को तत्पर होते हैं, उनके बारे में इस तरह की बात करना ठीक नहीं है.
‘जुमला स्ट्राइक’ शब्द के इस्तेमाल पर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि आप सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक बता रहे हो . ‘‘ आपको अगर गाली देना है, तो मोदी तैयार है लेकिन देश के जवानों के पराक्रम पर प्रहार नहीं करें . सर्जिकल स्ट्राइक की तुलना जुमला स्ट्राइक से करना देश की सेना का अपमान है.’’ मोदी ने कहा कि हम यहां इसलिए हैं कि हमारे पास संख्याबल है. हम यहां इसलिए हैं कि सवा सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हमारे साथ है.
10. 9 महीने में 50 लाख लोगों को रोजगार मिला: रोजगार का जिक्र करते प्रधानमंत्री ने कहा कि सितंबर 2017 से मई 2018 तक नौ महीने में संगठित क्षेत्र में 50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. एक साल के लिये यह आंकडा जोड़ें तक यह संख्या 70 लाख होगी . संगठित और असंगठित क्षेत्र में एक साल में एक करोड़ लोगों से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है और यह एक स्वतंत्र एजेंसी का आंकड़ा है.