मोदी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव गिरा, सरकार के पास 325 का आंकड़ा
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मोदी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव गिरा, सरकार के पास 325 का आंकड़ा

लोकसभा में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा के बाद वोटिंग हुई.

फोटोः ट्विटर (@loksabhatv)

नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष की ओर से नरेंद्र मोदी नीत एनडीए सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव पर शुक्रवार को चर्चा के बाद वोटिंग शुरू हो गई है. इस दौरान कई असंतुष्‍ट सदस्‍य वाकआउट कर गए. अविश्‍वास प्रस्‍ताव के पक्ष में 126 जबकि विरोध में 325 वोट पड़े. कुल 425 वोट पड़े. लोकसभा स्‍पीकर सुमित्रा महाजन ने वोटिंग के बाद ऐलान किया कि बीजेपी सरकार के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव गिर गया है. इससे पहले पूरे दिन प्रस्‍ताव पर चर्चा चली. सदस्यों को चर्चा के लिए 7 घंटे का समय मिला था. प्रश्नकाल के साथ-साथ गैर-सरकारी कामकाज नहीं हुआ. 

टीडीपी आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर राजग गठबंधन से अलग हो गई थी. लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एस केसीनेनी, तारिक अनवर, मल्लिकार्जुन खडगे समेत कुछ अन्य सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया है और अब वह इस नोटिस को सदन के समक्ष रख रही हैं.

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अध्यक्ष ने उन सदस्यों से खड़े होने का आग्रह किया जो अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के पक्ष में हैं. इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अनुपस्थित रहने का फैसला करने के लिए शिवसेना की आलोचना की. चव्हाण ने कहा, ‘‘शिवसेना को एक साथ सत्ता का स्वाद और सरकार के खिलाफ बोलने का ढोंग बंद करना चाहिए.

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चर्चा के दौरान शुक्रवार (20 जुलाई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कइयों के मन में ये प्रश्‍न है कि अविश्‍वास प्रस्‍ताव लाया क्‍यों गया? ना तो संख्‍या है, न सदन में बहुमत है, फिर भी सदन में इस प्रस्‍ताव को क्‍यों लाया गया. अपना कुनबा कहीं बिखर ना जाए कांग्रेस पार्टी को इसकी चिंता है और अविश्‍वास प्रस्‍ताव इसका ही सबूत है.

उन्‍होंने कहा कि हमको तो अपनी बात कहने का मौका मिल रहा है पर देश को यह भी देखने को मिला है कि कैसी नकारात्‍मक राजनीति ने कुछ लोगों को घेर रखा है, कैसे विकास के प्रति विरोध का भाव है. पीएम ने तंज कसा- 'ना मांझी न रहबर, न हक में हवाएं, है बस्‍ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है.'

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उन्‍होंने कहा-'मैं यहां खड़ा भी हूं और जो 4 साल में काम करें है उस पर अड़ा भी हूं. भारत ने अपने साथ ही पूरी दुनिया के आर्थिक विकास को गति दी है. देश को विश्वास है, दुनिया को विश्वास है लेकिन जिनको खुद पर विश्वास नहीं है वे हम पर क्या विश्वास करेंगे. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर कांग्रेस को इतनी शक्ति दें कि वह 2024 में फिरसे अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ सके.'

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