गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ससंद में दी जानकारी. बोले- 'छूटे लोगों को मिलेगा अपील का मौका'.
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नई दिल्ली : असम के एनआरसी मुद्दे पर मचेे सियासी घमासान पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को संसद में जानकारी दी कि एनआरसी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. उन्होंने साफ किया कि इस मामले में जो लोग छूट गए हैं, उनके खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह 40 लाख परिवार नहीं हैं, बल्कि ये व्यक्तियोंं की संंख्या हैै. उन्होंने साफ किया कि एनआरसी में कोई भेदभाव ना तो हुआ है और ना ही किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जिसे एनआरसी में नाम जुड़वाना है उसे सर्टिफिकेट पेश करना होगा. एनआरसी को लेकर हम शांति और सौहार्द बनाकर रखेंगे. 1971 से पहले के दस्तावेज दिखाने पर एनआरसी में नाम आ जाएगा. मामले में अनावश्यक डर फैलाने की कोरिश की गई है.
Procedure of #NRC started in 1985 through the Assam accord when the late Rajiv Gandhi ji was the PM. The decision to update was taken by Dr.Manmohan Singh ji in 2005: HM Rajnath Singh in Rajya Sabha #NRCAssam pic.twitter.com/EJRg367Ey4
— ANI (@ANI) August 3, 2018
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनआरसी की प्रक्रिया 1985 में असम समझौते के जरिये तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में शुरू हुई थी. इसको अपडेट करने का निर्णय 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लिया था.
Whole procedure of #NRCAssam was undertaken under supervision of Supreme Court. I would like to repeat that its a draft and not final, everyone will get chance to appeal. Its a totally fair process. Unwarranted accusations are unfortunate: HM Rajnath Singh in Rajya Sabha
— ANI (@ANI) August 3, 2018
उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में पूरी की गई है. उन्होंने कहा 'मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि यह अंतिम मसौदा है, अंतिम सूची नहीं है. सभी लोगों को अपील कररने का मौका मिलेगा. यह पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया है.'