डॉक्टरों ने एक व्यक्ति की जांघ का 14 किलोग्राम भारी सूजा हुआ हिस्सा हटाया
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डॉक्टरों ने एक व्यक्ति की जांघ का 14 किलोग्राम भारी सूजा हुआ हिस्सा हटाया

त्रिसूर जिले में रहने वाला सैदालवी लिम्फेडेमा नाम की बीमारी से ग्रस्त था. इस बीमारी में एक शारीरिक विकार शुरू हो जाता है और शरीर के किसी हिस्से में पूरे शरीर का पानी जमा होने लगता है.

डॉक्टरों ने एक व्यक्ति की जांघ का 14 किलोग्राम भारी सूजा हुआ हिस्सा हटाया

कोच्चिः डॉक्टरों ने 46 साल के एक व्यक्ति की दायीं जांघ से लटका 14 किलोग्राम भारी सूजा हुआ हिस्सा ऑपरेशन कर हटा दिया. इस शारीरिक विकार के कारण यह व्यक्ति दो साल से बिस्तर पर पड़े रहने को मजबूर था. अब वह दोबारा चलने फिरने में सक्षम होगा.

डॉक्टरों ने बुधवार को बताया कि केरल के त्रिसूर जिले में रहने वाला सैदालवी लिम्फेडेमा नाम की बीमारी से ग्रस्त था. इस बीमारी में एक शारीरिक विकार शुरू हो जाता है और शरीर के किसी हिस्से में पूरे शरीर का पानी जमा होने लगता है. इसके बाद वह हिस्सा असामान्य रूप से बड़ा हो जाता है और अंतत: शारीरिक अशक्तता का रूप ले लेता है.

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हाल में यहां के अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में डॉक्टरों की एक टीम ने यह ऑपरेशन किया.अस्पताल के प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के प्रमुख सुब्रहमण्यम अय्यर ने बताया कि ऑपरेशन जटिल था और पूरी प्रक्रिया में एक महीने से ज्यादा समय लग गया.

ज़ी जानकारी
एक मेडिकल जर्नल द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक भारत में सिर्फ 10 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो किसी तरह की एक्सरसाइज करते हैं. मेडिकल जर्नल द लैंसेट के मुताबिक भारत के 90 प्रतिशत डॉक्टर कभी मरीज़ों से ये नहीं पूछते कि वो एक्सरसाइज करते हैं या नहीं. द लैंसेट के मुताबिक हर मरीज़ के मेडिकल रिकॉर्ड में ये सवाल ज़रूर शामिल किया जाना चाहिए. हमें लगता है कि शरीर में जमा होने वाला फैट एक तरह का टाइम बम है जिसे वक्त रहते डिफ्यूज़ किया जाना जरूरी है. वर्ना ये आपकी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है.

इमान अहमद पर जो सर्जरी की जाएगी उसे Bariatric सर्जरी कहा जाता है. इस सर्जरी को कई तरीकों से किया जाता है. इस सर्जरी की मदद से अत्याधिक मोटे लोगों का वज़न कम किया जाता है. Bariatric सर्जरी के मुख्य तौर पर दो तरीके होते हैं. पहले तरीके को Gastric Band कहा जाता है. इसमें पेट के उपरी हिस्से को एक तरह से Staple कर दिया जाता है यानी उसमें एक Clip लगा दी जाती है. इससे पेट का आकार कम हो जाता है. और थोड़ा सा खाना खाने पर ही मरीज़ को लगता है कि उसका पेट भर गया है. दूसरा तरीका है Gastric Bypass इसमें मरीज़ के पेट को दो हिस्सों में बांट दिया जाता है और Digestive System की संरचना में भी बदलाव कर दिया जाता है. इस सर्जरी के बाद भी मरीज़ को कम खाना खाने पर भी पेट भरा भरा लगने लगता है. और मरीज़ का वज़न धीरे धीरे कम हो जाता है. 

इसके अलावा आजकल एक नई तकनीक भी प्रचलन में है. जिसे Intra-Gastric balloon कहा जाता है. इसमें मरीज़ के पेट में एक गुब्बारा पहुंचाया जाता है. ये एक Medically Approved गुब्बारा होता है, जो पेट में पहुंचकर फूल जाता है. गुब्बारे की वजह से मरीज़ को भूख कम लगती है, और उसका वज़न कम होने लगता है. लेकिन 6 महीने बाद इस गुब्बारे को पेट से बाहर निकालना पड़ता है. 

भारत में Bariatric सर्जरी कराने वाले मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में मोटापे को अभी तक एक बीमारी के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है. भारत में Medical Science की भाषा में मोटापे को एक Condition यानी स्थिति माना जाता है जबकि अमेरिका में 2013 से ही डॉक्टर्स मोटापे को एक बीमारी की तरह Treat करने लगे हैं. भारत में मोटापे की वजह से लोगों को डायबिटिज़ और हृदय रोग हो रहे हैं. 

-एक मेडिकल इंश्योरेंस कंपनी के मुताबिक 18 से 47 वर्ष के 30 प्रतिशत भारतीय किसी तरह की एक्सरसाइज नहीं करते हैं. 
-जबकि 26 से 46 वर्ष की उम्र के 40 प्रतिशत भारतीय किसी तरह का कोई व्यायाम नहीं करते हैं. 
-एक अंतर्राष्ट्रीय मेडिकल जर्नल के मुताबिक भारत के लोग रोज़ाना औसतन सिर्फ 19 मिनट की एक्सरसाइज करते हैं, जबकि सामान्य तौर पर 30 मिनट से 1 घंटे तक व्यायाम करना ज़रूरी होता है.
-भारत में मधुमेह के रोगियों की संख्या 7 करोड़ के आसपास है. भारत में चीन के बाद मधुमेह के सबसे ज्यादा रोगी रहते हैं.
-लेकिन आपको जानकर अफसोस होगा कि इनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत लोग ही अपनी डायबिटीज को नियंत्रण में रख पाते हैं.

इसकी सबसे बड़ी वजह है आधुनिक लाइफ स्टाइल और खाने-पीने की खराब आदतें. हमारी सलाह है कि आप अपने वज़न पर नियंत्रण रखें और अपनी सेहत सुधारने के लिए आज से ही प्रयास शुरू कर दें और ऐसा करना बहुत मुश्किल भी नहीं है.

World Heart Federation के मुताबिक अगर आप रोज 30 मिनट Workout करते हैं तो हृदय रोग का खतरा 30 प्रतिशत कम हो जाता है. एक स्टडी के मुताबिक 30 मिनट पैदल चलने से दिल की बीमारियों का खतरा 24 प्रतिशत और डायबिटीज का खतरा 30 प्रतिशत कम हो जाता है.

मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों से दूर रहने के लिए खुद को तनाव रहित रखना भी ज़रूरी है. तनाव से शरीर में पानी की कमी होती है इससे खून में टॉक्सिन्स यानी विषैले तत्व बनने लगते हैं जो दिल को नुकसान पहुंचाते हैं. हमारे देश में आज भी मोटे ताज़े लोगों को देखकर यही कहा जाता है कि ये खाते-पीते घर के हैं और लोग मोटापे को गंभीरता से नहीं लेते लेकिन हकीकत ये है कि ये लोग मोटापे के मरीज़ हैं. अगर इन्होंने मोटापे की इस बीमारी का इलाज नहीं किया तो इनकी जान भी जा सकती है. इसलिए सबसे पहले खुद को मोटापे को डिस्काउंट देना बंद कीजिए और अपने परिवार को भी मोटापे के प्रति जागरूक बनाइये.

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