देशभर में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर चल रही बहसों और प्रदर्शनों से उपजे विवादों की फेहरिस्त में एक नया नाम जुड़ गया है. बीजेपी एमएलए राज पुरोहित ने फिल्म 'पद्मावती' को चल रहे विवाद में कांग्रेस नेता शशि थरूर की टिप्पणी पर असहमति जताते हुए उनके लिए अपशब्दों को इस्तेमाल किया है.
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नई दिल्लीः देशभर में संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर चल रही बहसों और प्रदर्शनों से उपजे विवादों की फेहरिस्त में एक नया नाम जुड़ गया है. यह नाम है मुंबई से बीजेपी के तेजतर्रार विधायक राज पुरोहित का. राज पुरोहित ने फिल्म 'पद्मावती' को चल रहे विवाद में कांग्रेस नेता शशि थरूर की टिप्पणी पर असहमति जताते हुए उनके लिए अपशब्दों को इस्तेमाल किया है. राज पुरोहित ने कहा है कि अगर शशि थरूर उनके सामने आ गए तो वह थरूर को थप्पड़ मार देंगे. आपको बता दें कि राज के पुरोहित मुंबई की मुंबादेवी विधानसभा सीट से विधायक हैं.
बीजेपी विधायक राज पुरोहित ने शनिवार को कहा, 'मैं एमएलए हूं, मुझे मर्यादा में रहना चाहिए. लेकिन मैं भंसाली को नहीं मारूंगा पर थरूर को जरूर पीटूंगा. अगर अंग्रेज से राजपूत नहीं लड़े तो क्या इसका बाप लड़ा.'' BJP विधायक ने यह भी कहा कि, 'शशि थरूर बेगानी शादी में अब्दुल्ला बन रहे हैं'. आज तक की खबर के मुताबिक बीजेपी एमएलए राज पुरोहित कर्णी सेना की महाराष्ट्र इकाई की मौजूदगी में मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. राज पुरोहित लगातार पद्मावती विरोध पर बयान दे रहे हैं. इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि उन्होंने सेंसर बोर्ड और आईएंडबी मिनिस्ट्री को भी पत्र लिखकर फिल्म 'पद्मावती' पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
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इससे पहले पुरोहित ने कहा था कि फिल्म 'पद्मावती' में तथ्यों से छेड़छाड़ की है. उन्होंने कहा कि एक राजपूत रानी को हर किसी के सामने नाचते हुए दिखाना पूरी तरह से राजपूत संस्कृति और गौरव के खिलाफ है. कोई समुदाय इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. यह हमारे समृद्ध एवं गौरवशाली इतिहास का अपमान है. गौरतलब है कि राज पुरोहित महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के मुख्य सचेतक हैं लेकिन इस पूरे विवाद में वह लगातार यह स्पष्ट अवश्यक रहे हैं कि कर्णी सेना को उनका समर्थन निजी है और इसका उनकी पार्टी से कोई लेना देना नहीं है.
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गौरतलब है किं थरूर ने गुरुवार (16 नवंबर) को कहा था कि आज जो ये 'तथाकथित जाबांज महाराजा' एक फिल्मकार के पीछे पड़े हैं और दावा कर रहे हैं कि उनका सम्मान दांव पर लग गया है, यही महाराजा उस समय भाग खड़े हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान सम्मान को ‘‘रौंद’’दिया था. हालांकि बाद में थरूर ने अपने बयान पर सफाई भी दी. ट्विटर पर उन्होंने कहा, 'कुछ बीजेपीई अंधभक्तों द्वारा साज़िशन झूठा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने राजपूत समाज के सम्मान के ख़िलाफ़ टिप्पणी की है. मैंने राष्ट्र हित में अंग्रेज़ हकूमत के कार्यकाल का विरोध करते हुए उन राजाओं की चर्चा की थी जो स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ के साथ थे.'
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थरूर ने कहा, 'मैं यह भी निर्भीक होकर कहूंगा की भारत की विविधता व समरस्ता के मध्यनज़र राजपूत समाज की भावनाओ का आदर किया जाना सबका कर्तव्य है। राजपूतों की बहादुरी हमारे इतिहास का हिस्सा है और इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। बीजेपी व उसके सेन्सर बोर्ड को इन भावनाओ का सम्मान करना चाहिए.