शशि थरूर के बयान पर पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तंज कसते हुए उन्हें घेरा, वहीं अब कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर नाराजगी जताई है.
Trending Photos
नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' पर जारी विवाद में दो कांग्रेसी दिग्गज आमने-सामने आ गए हैं. शशि थरूर के महाराजाओं के कायरता वाले बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है. जहां शशि थरूर के बयान पर पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने तंज कसते हुए उन्हें घेरा, वहीं अब कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर नाराजगी जताई है. गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य खुद सिंधिया राजघराने से हैं. ऐसे में उनको थरूर की बात सही नहीं और उन्होंने थरूर को इतिहास पढ़ने की नसीहत दे डाली.
सिंधिया से जब शशि थरूर के महाराजाओं की कायरता वाले बयान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने एएनआई से कहा, 'मुझे लगता है कि उनको (थरूर) इतिहास पढ़ना चाहिए, मैं ज्योतिरादित्य सिंधिया हूं और मुझे अपने अतीत पर गर्व है.'
गौरतलब है किं थरूर ने गुरुवार को कहा था कि आज जो ये 'तथाकथित जाबांज महाराजा' एक फिल्मकार के पीछे पड़े हैं और दावा कर रहे हैं कि उनका सम्मान दांव पर लग गया है, यही महाराजा उस समय भाग खड़े हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान सम्मान को ‘‘रौंद’’दिया था.
यह भी पढ़ें : 'पद्मावती' विवाद : महाराजाओं की 'कायरता' पर बयान देकर फंसे थरूर, स्मृति ने घेरा
हालांक बाद में थरूर ने अपने बयान पर सफाई भी दी. ट्विटर पर उन्होंने कहा, 'कुछ भाजपाई अंधभक्तों द्वारा साज़िशन झूठा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने राजपूत समाज के सम्मान के ख़िलाफ़ टिप्पणी की है. मैंने राष्ट्र हित में अंग्रेज़ हकूमत के कार्यकाल का विरोध करते हुए उन राजाओं की चर्चा की थी जो स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ के साथ थे.'
थरूर ने कहा, 'मैं यह भी निर्भीक होकर कहूंगा की भारत की विविधता व समरस्ता के मध्यनज़र राजपूत समाज की भावनाओ का आदर किया जाना सबका कर्तव्य है। राजपूतों की बहादुरी हमारे इतिहास का हिस्सा है और इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। भाजपा व उसके सेन्सर बोर्ड को इन भावनाओ का सम्मान करना चाहिए.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने थरूर के बयान पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, क्या सभी महाराजाओं ने ब्रिटिश के सामने घुटने टेके थे??? शशि थरूर की इस टिप्पणी पर क्या कहेंगे ज्योतिरादित्य सिंधिया. स्मृति ने अपने ट्वीट में कांग्रेस के उन नेताओं का जिक्र किया है जो कि राजघरानों से ताल्लुक रखते हैं.