जब पंडित नेहरू ने वाजपेयी के लिए कहा- ''ये हमेशा मेरी आलोचना करते हैं, लेकिन..."
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जब पंडित नेहरू ने वाजपेयी के लिए कहा- ''ये हमेशा मेरी आलोचना करते हैं, लेकिन..."

एक बार जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आए तो पंडित नेहरू ने वाजपेयी से उनका विशिष्‍ट अंदाज में परिचय कराया

एक बार पंडित नेहरू ने किसी विदेशी अतिथि से अटल बिहारी वाजपेयी का परिचय संभावित भावी प्रधानमंत्री के रूप में कराया.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: 1957 में जब अटल बिहारी वाजपेयी बलरामपुर से पहली बार लोकसभा सदस्‍य बनकर पहुंचे तो सदन में उनके भाषणों ने तत्‍कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को बेहद प्रभावित किया. विदेश मामलों में वाजपेयी की जबर्दस्‍त पकड़ के पंडित नेहरू कायल हो गए. उस जमाने में वाजपेयी लोकसभा में सबसे पिछली बेंचों पर बैठते थे लेकिन इसके बावजूद पंडित नेहरू उनके भाषणों को खासा तवज्‍जो देते थे.

इन स्‍टेट्समैन नेताओं के रिश्‍तों से जुड़े कुछ किस्‍सों का वरिष्‍ठ पत्रकार किंगशुक नाग ने अपनी किताब 'अटल बिहारी वाजपेयी- ए मैन फॉर ऑल सीजन' में जिक्र किया है. उन्‍होंने लिखा है कि दरअसल एक बार जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आए तो पंडित नेहरू ने वाजपेयी से उनका विशिष्‍ट अंदाज में परिचय कराते हुए कहा, "इनसे मिलिए. ये विपक्ष के उभरते हुए युवा नेता हैं. मेरी हमेशा आलोचना करते हैं लेकिन इनमें मैं भविष्य की बहुत संभावनाएं देखता हूं."

इसी तरह यह भी कहा जाता है कि एक बार पंडित नेहरू ने किसी विदेशी अतिथि से अटल बिहारी वाजपेयी का परिचय संभावित भावी प्रधानमंत्री के रूप में कराया.

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नाग ने अपनी किताब में 1977 की एक घटना का जिक्र किया है जिससे पता चलता है कि पंडित नेहरू के प्रति वाजपेयी के मन में कितना आदर था. उनके मुताबिक 1977 में जब वाजपेयी विदेश मंत्री बने तो जब कार्यभार संभालने के लिए साउथ ब्‍लॉक के अपने दफ्तर पहुंचे तो उन्‍होंने गौर किया कि वह पर लगा पंडित नेहरू की तस्‍वीर गायब है. उन्‍होंने तुरंत अपने सेकेट्री से इस संबंध में पूछा. पता लगा कि कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर वह तस्‍वीर वहां से हटा दी थी. वो शायद इसलिए क्‍योंकि पंडित नेहरू विरोधी दल के नेता थे. लेकिन वाजपेयी ने आदेश देते हुए कहा कि उस तस्‍वीर को फिर से वहीं लगा दिया जाए.

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में 10 अनसुनी बातें जानिए:
1. अटल बिहारी वाजपेयी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे, जिन्‍होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था.
 
2. अटल बिहारी वाजपेयी 1996 में पहली बार 13 दिनों के लिए प्रधानमंत्री बने थे
 
3. पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने कानपुर के डीएवी कॉलेज में अपने पिता के साथ कानून की पढ़ाई की है. दोनों एक ही कमरे में रहते थे.
 
4. प्रधानमंत्री रहते हुए नेशनल हाईवेज डेवलप प्रोजेक्‍ट (एनएचडीपी) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) जैसी बड़ी और प्रमुख योजनाएं उन्‍हीं के कार्यकाल में शरू की गईं. एनएचडीपी के तहत देश के चार प्रमुख महानगरों मुंबई, दिल्‍ली, चेन्‍नई ओर कोलकाता को आपस में सड़क से जोड़ा गया. वहीं पीएमजीएसवाई के तहत देश के गांवों को जोड़ने के लिए हर मौसम में कारगर सड़कों का जाल बिछाया जाना था.
 
5. प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने देश की अर्थव्‍यवस्‍था को सुधारने और विश्‍व में देश की बेहतर छवि बनाने के लिए निजीकरण को लेकर अभियान भी चलाया.
 
6. अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार सांसद के रूप में लोकसभा पहुंचे. साथ ही दो बार राज्‍यसभा भी पहुंचे.
 
7. 1977 में अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री बने. वे मंत्री बनने वाले जन संघ के पहले सदस्‍य हैं.
 
8. वाजपेयी को 1992 में पद्मविभूषण और 1994 में बेस्‍ट पार्लियामेंटेरियन अवॉर्ड मिला.
 
9. 2014 में राष्‍ट्रपति कार्यालय ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को देश का सर्वोच्‍च सम्‍मान देने की घोषणा की थी.
 
10. उन्‍हें लोग प्‍यार से 'बाप जी' भी कहते हैं. 2005 के बाद स्‍वास्‍थ्‍य कारणों के चलते सार्वजनिक जीवन से दूर होते चले गए.

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