पिछले दिनों राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि 'पद्मावती' फिल्म तब तक रिलीज न हो जब तक इसमें आवश्यक बदलाव नहीं कर दिये जाये ताकि किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे.
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जयपुर: यूपी और मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान सरकार ने भी 'पद्मावती' फिल्म को नहीं दिखाने का फैसला लिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि उन्होंने फिल्म में बदलाव संबंधी सुझाव केंद्र को दिए हैं. जब तक उनको अमलीजामा नहीं पहनाया जाएगा तब तक इस फिल्म का प्रदर्शन राजस्थान में नहीं होगा. दरअसल पिछले दिनों राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि 'पद्मावती' फिल्म तब तक रिलीज न हो जब तक इसमें आवश्यक बदलाव नहीं कर दिये जाये ताकि किसी भी समुदाय की भावनाओं को ठेस न पहुंचे.
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इस संबंध में सेंसर बोर्ड को भी फिल्म प्रमाणित करने से पहले इसके सभी संभावित नतीजों पर विचार करना चाहिए. प्रसिद्ध इतिहासकारों, फिल्मी हस्तियों और पीड़ित समुदाय के सदस्यों की एक समिति गठित की जाए जो इस फिल्म तथा इसकी कथानक पर विस्तार से विचार-विमर्श करे.
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#Rajasthan Chief Minister Vasundhara Raje had stated yesterday that #Padmavati film will not be released in the state till necessary changes as per suggestions given to Centre were incorporated in the film.
— ANI (@ANI) November 21, 2017
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राजे ने पत्र में लिखा था कि विचार विमर्श के बाद ऐसे आवश्यक परिवर्तन किए जाए जिससे किसी भी समाज की भावनाओं को आघात न पहुंचे. उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को अपनी समझ के अनुसार फिल्म बनाने का अधिकार है लेकिन कानून व्यवस्था, नैतिकता और नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंचने की स्थिति में मौलिक अधिकारों पर भी तर्क के आधार पर नियंत्रण रखने का प्रावधान भारत के संविधान में है, इसलिए पद्मावती फिल्म की रिलीज पर पुनर्विचार किया जाए.
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मध्य प्रदेश में भी बैन
इससे पहले सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म 'पद्मावती' के संबंध में घोषणा की कि यदि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर चित्तौड़ की महारानी (रानी पद्मावती) के सम्मान के खिलाफ दृश्य रखे गये तो उस फिल्म को मध्य प्रदेश में रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जायेगी.
चौहान ने सोमवार को भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर राजपूत समाज के सम्मेलन में यह घोषणा करते हुए कहा, ''इतिहास पर जब फिल्में बनायी जाती हैं तो ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ कोई बर्दाश्त नहीं करेगा. पूरा देश एक स्वर में कह रहा है कि फिल्म में ऐतिहासिक मूल्यों से खिलवाड़ किया गया है. इसलिये मैं पूरे जोश और होश में यह कह रहा हूं कि ऐतिहासिक तथ्यों से खिलवाड़ कर अगर रानी पद्मावती के सम्मान के खिलाफ दृश्य रखे गये हैं, तो उस फिल्म का प्रदर्शन मध्य प्रदेश की धरती पर नहीं होगा.''
यूपी
उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार (19 नवंबर) को कहा कि फिल्म से जब तक विवादित अंश नहीं हटाये जायेंगे तब तक इस फिल्म को प्रदेश में रिलीज करने की इजाजत नहीं दी जायेंगी. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ''मैं प्रदेश का मनोरंजन कर मंत्री भी हूं, हम उत्तर प्रदेश में इस फिल्म को तब तक रिलीज नही होने देंगे जब तक कि इसमें से विवादित अंश न हटा दिये जाये.'' उन्होंने कहा, ''उन्होंने मुगलों के सामने आत्मसर्मपण के बजाय अपने जीवन का बलिदान दे दिया और इतिहास में अपना नाम अमर कर दिया. हमलावरों ने देश में बहुत उत्पात मचाया, लेकिन रानी ने अपने सतीत्व और आत्मसम्मान की रक्षा के लिये अपने को 'जौहर' में जिंदा जला लिया.''