आम्रपाली ग्रुप पर चला सुप्रीम कोर्ट का चाबुक, घर खरीदने वालों को बड़ी राहत
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आम्रपाली ग्रुप पर चला सुप्रीम कोर्ट का चाबुक, घर खरीदने वालों को बड़ी राहत

आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट में घर खरीदने वालों के लिए राहत की बड़ी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते सीज कर दिए हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट में घर खरीदने वालों के लिए राहत की बड़ी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते सीज कर दिए हैं. इसके साथ ही कंपनी के सभी डायरेक्टर्स के खाते भी सीज किये गए हैं. कोर्ट ने कहा है कि कंपनी से घर खरीदने वालों के हितों की रक्षा के लिए आम्रपाली ग्रुप की अभी अचल संपत्ति को भी जब्त कर लिया जाए. 

  1. आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते सीज कर दिए हैं. 
  2. कंपनी के डायरेक्टर्स के खाते भी सीज किये गए. 
  3. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ने उसे गुमराह किया है.

आदेश को अमल में लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के चैयरमैन अनिल शर्मा को दिया आदेश कि वो ग्रुप के सभी डायरेक्टर्स के पैन कार्ड और बैंक डिटेल गुरुवार तक उपलब्ध कराएं. इस मामले की गुरुवार को फिर होगी सुनवाई. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप ने उसे बार बार गुमराह किया है और उसके आदेशों का पालन नहीं किया. अदालत ने कहा, 'हमारे धैर्य की परीक्षा न लीजिए' और इसके साथ ही कंपनी और उसके सभी डायरेक्टर्स के खातों को सीज करने का आदेश दे दिया. 

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव और एनबीसीसी के अध्यक्ष को भी समन भेजा कि वो गुरुवार को खुद अदालत में हाजिर हों और बताएं की आम्रपाली के प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए वो क्या कदम उठा रहे हैं. 

दरअसल इस साल 17 मई को सुप्रीमकोर्ट ने कहा था कि आम्रपाली ग्रुप ने 2765 करोड़ रुपये दूसरे कामों में ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद कोर्ट ने आम्रपाली को आदेश दिया कि वो 250 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करे. ऐसा नहीं करने पर कोर्ट ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स में लोग रह रहे हैं, वहां बेसिक सुविधाएं पूरी करें. आम्रपाली ने ऐसा कुछ नहीं किया.

नोएडा में होम प्रोजेक्ट्स में सैकड़ों लोगों ने वर्षों से बुकिंग करा रखी है, लेकिन उन्हें अपना मकान नहीं मिला. अब कहा जा रहा है कि कोर्ट आम्रपाली के इन प्रोजेक्ट्स को एनबीसीसी को सौंप सकता है, ताकि वो इन्हें पूरा करके होम बायर्स को अपना मकान सौंप सके. यदि ऐसा होता है तो होम बायर्स के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर होगी.

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