गृहमंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के साथ बुधवार रात कई घंटे तक बातचीत है. बातचीत के दौरान कर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के साथ भविष्य की रणनीति का भी खाका खींच लिया गया है.
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की आवाम के साथ वहां तैनात सुरक्षाबलों के लिए अगले 72 घंटे बेहद मुश्किल भरे हैं. दरअसल, 8 जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान मुजफ्फर वानी उर्फ बुरहान वानी को कोकेरनागम इलाके में आने बुमदूरा गांव में मार गिराया था. बुरहान वानी की मौत के दो साल पूरे होने पर अलगाववादी नेताओं ने घाटी में बंद का एलान कर प्रदर्शन और रैलियों की तैयारी की है.
वहीं अपने साथी की मौत का बदला लेने के लिए हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी अगले तीन दिनों के भीतर घाटी में किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं. इस आतंकी वारदात के जरिए हिजबुल के आतंकी अपने कमांडर की मौत का बदला जम्मू-कश्मीर की आवाम और सुरक्षाबलों से लेना चाहते हैं.
जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, आतंकियों के निशाने पर मुख्यतौर पर अमरनाथ यात्री, सुरक्षाबलों के परिसर, कानून-व्यवस्था में तैनात सुरक्षाबल सहित प्रमुख सरकारी इमारते हैं. इसके अलावा, आतंकी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, प्रमुख बाजार सहित अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी खूनखराबा कर सकते हैं.
घाटी में अलगाववादी नेताओं की योजना और आतंकियों की साजिश के बाबत भनक लगते ही सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है. खास तौर पर लॉ एण्ड आर्डर की ड्यूटी पर तैनात जवानों को खास तौर पर अपनी और मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए खास निर्देश दिए गए हैं.
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लॉ एण्ड आर्डर की ड्यूटी पर तैनात जवानों और अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि आतंकी किसी भी कीमत पर स्थानीय लोगों के मन में खुद को लेकर नफरत नहीं पैदा करेंगे. लिहाजा, वे सुरक्षाबलों को ढाल बनाकर वह स्थानीय नागरिकों को अपना निशाना बनाएंगे. जवानों से कहा गया है कि आतंकी की पहली गोली का निशाना सुरक्षाबल ही होंगे,
जवाबी फायरिंग के दौरान आतंकी अपनी गोलियों का रुख आम जनता की तरफ मोड़ देंगे, जिससे स्थानीय लोगों की मौत का झूठा इल्जाम सुरक्षाबलों पर डालकर स्थानीय लोगों की हमदर्दी आतंकी हासिल कर सकें. लिहाजा, जवानों से कहा गया है कि हमले की स्थिति में आतंकियों की पोजीशन को अच्छी तरह से परखने के बाद ही अपनी तरफ से जवाबी फायरिंग करें.
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वहीं इस बीच, जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था के हालात की समीक्षा करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी घाटी पहुंच गए हैं. बुधवार शाम विशेष विमान से श्रीनगर एयरपोर्ट पहुंचे गृहमंत्री राजनाथ सिंह सिंह के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा, गृह मंत्रालय में जम्मू-कश्मीर के प्रभारी संयुक्त सचिव ज्ञानेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी श्रीनगर पहुंचे हैं.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल और गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के साथ बुधवार रात कई घंटे तक बातचीत की. इस दौरान जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा को लेकर तमाम पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में आतंक की तरफ बढ़ रहे स्थानीय युवकों पर भी विस्तार से चर्चा की गई है.