शरद यादव का शक्‍त‍ि प्रदर्शन : फारुख अब्‍दुल्‍ला बोले, हमें बाहर से नहीं अंदर से खतरा
Advertisement
trendingNow1337369

शरद यादव का शक्‍त‍ि प्रदर्शन : फारुख अब्‍दुल्‍ला बोले, हमें बाहर से नहीं अंदर से खतरा

शरद यादव ने दिल्ली में सांझी विरासत बचाओ के नाम का सम्मेलन बुलाया है. इस बैठक में 17 राजनीतिक दलों के हिस्सा लेने का दावा किया जा रहा है. सम्मेलन की शुरुआत में शरद यादव ने कहा कि देशभर में किसानों और दलितों पर अत्याचार हो रहा है, देश भर में बेचैनी है.

इस बैठक में 17 राजनीतिक दलों के हिस्सा लेने का दावा किया जा रहा है.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने अपने तेवर तीखे कर लिए हैं. गुरुवार को उन्होंने दिल्ली में सांझी विरासत बचाओ के नाम का सम्मेलन बुलाया है. इस बैठक में 17 राजनीतिक दलों के हिस्सा लेने का दावा किया जा रहा है. सम्मेलन की शुरुआत में शरद यादव ने कहा कि देशभर में किसानों और दलितों पर अत्याचार हो रहा है, देश भर में बेचैनी है. शरद यादव ने कहा कि मैंने यहां किसी को नहीं बुलाया है फिर भी हजारों लोग मेरे साथ जुड़ रहे हैं. कार्यक्रम में कांग्रेस नेता फारुख अब्‍दुल्‍ला, गुलाम नबी आजाद, रामगोपाल यादव, सीताराम येचुरी और डी राजा पहुंचे हैं. 

  1. दिल्ली में सांझी विरासत बचाओ के नाम से शरद ने बुलाया सम्मेलन
  2. फारुख अब्‍दुल्‍ला, गुलाम नबी आजाद, येचुरी और डी राजा इसमें पहुंचे
  3. गुलाम नबी आजाद बोले-असली जेडीयू शरद की

गुलाम नबी आजाद ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा, असली जेडीयू तो शरद यादव की है. नीतीश जी की तो भाजपा है. आजाद ने कहा कि आज अंग्रेज नहीं हैं, लेकिन उनके समर्थक हैं जो भारत छोड़ो आंदोलन के समय में शामिल नहीं हुए थे. आजाद ने कहा कि ये जो समय चल रहा है वो इमरजेंसी का बाप है.

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि पहले हमारी जंग अंग्रेजों से थी, लेकिन अब अपनों से है. उन्होंने कहा कि मैं फक्र से कहता हूं कि मैं मुसलमान हूं, मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं. इस समय देश को पाकिस्‍तान या चीन से खतरा नहीं है. अंदर चोर बैठा है जो बेड़ा गर्क कर रहा है. 

उन्होंने कहा कि ये लोग जोड़ने की बात करते हैं लेकिन तोड़ने का काम कर रहे हैं. एक पाकिस्तान बना दिया पर अब कितने पाकिस्तान बनाओगे. उन्होंने कहा कि हम पर आरोप लगाते हैं कि हम वफादार नहीं हैं, पर सच ये है कि तुम लोग दिलदार नहीं हो. हम 1947 में आसानी से पाकिस्तान जा सकते थे, लेकिन नहीं गए. मैं उस घाटी से आया हूं जहां पर लोगों को पाकिस्तानी कहा जाता है. हम पाकिस्तानी या अंग्रेजी मुसलमान नहीं हैं हम एक हिंदुस्तानी मुसलमान हैं.

Trending news