शिमला में भाई के लिए वोट मांग रही पंजाब के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की बहू
Advertisement
trendingNow1348664

शिमला में भाई के लिए वोट मांग रही पंजाब के सबसे बड़े राजनीतिक घराने की बहू

वीरभद्र सिंह ने 2012 में जाति समीकरणों को उलटकर शिमला ग्रामीण से कांग्रेस को जीत दिलाई थी.

विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं....(फोटो साभार: India.com)

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. देश की दो सबसे बड़ी पार्टियां- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस एक-दूजे को टक्कर देने के लिए तैयार हैं. एक तरफ कांग्रेस देश में अपने सिमटते अस्तित्व को बचाने के लिए पहाड़ों पर दोबारा कब्जा जमाने की जुगत में है, तो वहीं भाजपा प्रधानमंत्री के सहारे सत्ता वापसी के लिए जोर आजमाइश कर रही है. इसी कोशिश में कांग्रेस की ओर से पटियाला राजघराने की बहू और हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र की बेटी अपराजिता सिंह अपने भाई विक्रमादित्य सिंह के लिए चुनाव प्रचार में जुट गई हैं. अपराजिता सिंह की शादी पटियाला राजघराने से जुड़े व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाती अंगद सिंह से हुई थी. विक्रमादित्य शिमला ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

  1. भाजपा ने प्रोफेसर प्रमोद शर्मा पर दांव खेला है
  2. शर्मा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रबंधन संस्थान में कार्यरत हैं
  3. प्रमोद शर्मा को एक समय वीरभद्र सिंह का करीबी बताया जाता था

अपराजिता ने चुनाव प्रचार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं बचपन से ही राजनीतिक माहौल में रही हूं. हालांकि खुद के राजनीति में आने के बारे में अपराजिता ने कहा कि वह राजनीति से दूर रहकर जनता की सेवा करना चाहती हैं.

हिमाचल में 'पहाड़ों की रानी' कही जाने वाले शिमला में वर्ष 2008 को हुए परिसीमन के बाद शिमला (ग्रामीण) विधानसभा सीट उभरकर सामने आई. वर्ष 2012 में यहां पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज व वरिष्ठ नेता और मौजूदा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भाजपा उम्मीदवार को शिकस्त दी थी. शिमला (ग्रामीण) विधानसभा सीट 68 सदस्यीय विधानसभा की सीट संख्या 64 है और यहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 2012 में 68,326 थी. जाति विशेष बहुल क्षेत्र होने के कारण परिसीमन से पहले यहां भाजपा का कब्जा था, लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार वीरभद्र सिंह ने जाति समीकरणों को उलटकर यहां कांग्रेस को जीत दिलाई थी.

हिमाचल चुनाव: वीरभद्र सिंह को हराने के लिए बीजेपी ने बनाया खास प्लान

हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिमला (ग्रामीण) विधानसभा सीट को छोड़कर सोलन जिले की अर्की सीट से लड़ने का फैसला किया है, लेकिन शिमला (ग्रामीण) सीट के प्रति अपना लगाव दिखाते हुए उन्होंने अपने बेटे विक्रमादित्य सिह को यहां से चुनाव मैदान में उतारा है. विक्रमादित्य शिमला (ग्रामीण) क्षेत्र से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर रहे हैं. सिंह हिमाचल युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं. वहीं दूसरी तरफ पिछले विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेल चुकी भाजपा ने इस सीट से हिमाचल की मशहूर शख्सियत प्रोफेसर प्रमोद शर्मा पर दांव खेला है. शर्मा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रबंधन संस्थान में कार्यरत हैं.

हिमाचल चुनाव 2017: अपने करीबियों की बगावत झेल रहे वीरभद्र सिंह, बीजेपी भी परेशान

प्रमोद शर्मा को एक समय वीरभद्र सिंह का करीबी बताया जाता था. शर्मा नई दिल्ली में भारतीय युवा कांग्रेस के प्रवक्ता भी रह चुके हैं और 2003, 2007 और 2012 में ठियोग व कुमारसैन-सुन्नी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं. प्रमोद की गांव-गांव में पहचान होने के कारण उन्हें जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताया जाता है. प्रमोद शर्मा 2012 में तृणमूल कांग्रेस के हिमाचल प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news