शिवसेना ने पीएम मोदी को गोधरा कांड की याद दिलाई, बीजेपी कल बिगड़ते संबंधों पर करेगी चर्चा
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शिवसेना ने पीएम मोदी को गोधरा कांड की याद दिलाई, बीजेपी कल बिगड़ते संबंधों पर करेगी चर्चा

बीजेपी के साथ तनाव बढ़ने के बीच शिवसेना ने मुंबई में गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बुधवार को उन्हें गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगों की याद दिलाई जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे और कहा कि दंगों की वजह से उन्हें जाना जाता है।

शिवसेना ने पीएम मोदी को गोधरा कांड की याद दिलाई, बीजेपी कल बिगड़ते संबंधों पर करेगी चर्चा

मुंबई : बीजेपी के साथ तनाव बढ़ने के बीच शिवसेना ने मुंबई में गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बुधवार को उन्हें गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगों की याद दिलाई जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे और कहा कि दंगों की वजह से उन्हें जाना जाता है। इस बीच, भाजपा ने गुरुवार को मुंबई में अपने मंत्रियों और पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है जहां दोनों दलों के बीच बिगड़ते संबंधों पर चर्चा हो सकती है।

महाराष्ट्र और केंद्र की सत्ता में साझेदार दोनों दलों में तनाव बढ़ने के बीच शिवसेना के बयान निश्चित रूप से भाजपा को रास नहीं आएंगे जिसमें शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि मोदी को गोधरा और अहमदाबाद की वजह से जाना जाता है और उनका सम्मान किया जाता है। राउत ने कहा कि दुनिया नरेंद्र मोदी को गोधरा और अहमदाबाद की वजह से जानती है और हम इसी वजह से उनका सम्मान करते हैं। इन्हीं नरेंद्र मोदी ने अगर गुलाम अली और पूर्व पाकिस्तानी मंत्री खुर्शीद कसूरी से जुड़े विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण कहा है तो यह निश्चित रूप से हम सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

राउत मोदी के एक साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जो उन्होंने बांग्ला अखबार आनंद बाजार पत्रिका को दिया है। प्रधानमंत्री ने कथित तौर पर गौमांस खाने की अफवाह को लेकर दादरी में पीट पीट कर एक अधेड़ की हत्या किये जाने की घटना और शिवसेना की चेतावनी की वजह से मुंबई में गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि उनकी सरकार का इससे कोई संबंध नहीं है। मोदी ने कहा कि दादरी की घटना या पाकिस्तानी गायक का विरोध अनपेक्षित और दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन केंद्र सरकार का इन घटनाओं से क्या संबंध है। भाजपा की कल होने वाली बैठक का आधिकारिक एजेंडा देवेंद्र फडणवीस सरकार के एक साल की उपलब्धियां और इसके लिए आयोजनों पर चर्चा करना है, लेकिन सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच बिगड़ते संबंधों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। पार्टी के एक पदाधिकारी ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर यह जानकारी दी। एक और नेता ने एक कदम आगे जाते हुए कहा कि बैठक में शिवसेना से संबंध खत्म करने की संभावना पर भी बातचीत होगी। शिवसेना ने कल कहा था कि अगर भाजपा ‘राष्ट्रवाद’ और ‘देशभक्ति’ की अपनी पहचान से बोर हो गई है तो वह महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार से बाहर होने के लिए स्वतंत्र है। शिवसेना ने पिछले कुछ दिनों में मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और फडणवीस समेत कई पार्टी नेताओं पर निशाना साधा है।

भाजपा के एक अन्य नेता ने भी नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर कहा कि शिवसेना केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा सरकार में शामिल है, लेकिन उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और भाजपा की आलोचना करने का एक भी अवसर नहीं गंवाया। उन्होंने कहा कि हाल ही में भाजपा के मंत्रियों और नेताओं की एक गुप्त बैठक हुई जिसमें शिवसेना के साथ संबंध समाप्त करने के विषय पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि हमारे 123 विधायक हैं। भाजपा के साथ सात निर्दलीय विधायक हैं। अगर शिवसेना सरकार से हट जाती है तो भी हमें बहुमत साबित करने के लिए 15 और विधायकों की जरूरत होगी। नेता ने कहा कि अगर शिवसेना हमारा साथ छोड़ती है तो कम से कम 17, 18 विधायक भाजपा में शामिल हो जाएंगे। हालांकि वरिष्ठ भाजपा नेता और प्रदेश के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने शिवसेना के सरकार से हटने की संभावना को खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि कोई भी अपना कार्यकाल पूरा होने से पूर्व चुनाव नहीं लड़ना चाहता। भाजपा और शिवसेना अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगी तथा कोई भी सरकार की स्थिरता को प्रभावित नहीं कर सकता। शिवसेना के मंत्री रामदास कदम ने सरकार से अलग होने की खबरों को ‘महज अफवाह’ बताकर खारिज कर दिया। शिवसेना ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की पुस्तक के मुम्बई में विमोचन कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी दी थी और विरोध स्वरूप उसके आयोजक सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोत दी थी।

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