Trending Photos
भोपाल/ मंदसौर : पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों के परिजन से मिलकर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर पहुंचे. चौहान के साथ उनकी पत्नी साधना भी थीं. इस दौरान उन्होंने मारे गए किसान घनश्याम धाकड़ के परिजन को एक करोड़ रुपये के मुआवजे का चेक सौंपा. दूसरी तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भोपाल में 72 घंटे का सत्याग्रह शुरू कर दिया है.
और पढ़ें : मोदी कैबिनेट की बैठक में किसानों के लिए बड़ा फैसला, कर्ज के ब्याज पर ज्यादा छूट मिलेगी
सत्याग्रह पर बैठे सिंधिया
इसी बीच, मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में मारे गये किसानों के मामले में कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार से भोपाल में 72 घंटे के लिए टीटी नगर के दशहरा मैदान में सत्याग्रह पर बैठेंगे. कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसकी तैयारी कर ली गई है और सिंधिया का सत्याग्रह आज दो बजे शुरू होगा.
मैं किसानों की लड़ाई लड़ने आया हूं
सत्याग्रह शुरू करने से पहले मीडिया से मुखातिब सिंधिया ने कहा कि, मैं किसानों की लड़ाई लड़ने आया हूं. सिंधिया ने भोपाल में 72 घंटे के लिए टीटी नगर के दशहरा मैदान में सत्याग्रह शुरू किया है. सिंधिया के सत्याग्रह में विस में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव भी शामिल हुए.
और पढ़ें : मध्यप्रदेश: पिछले 7 दिनों में कर्ज से परेशान पांच किसानों ने की खुदकुशी
मृतक के परिजन को एक करोड़ का चेक
शिवराज जिले के बडवन गांव में गए और छह जून को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसान घनश्याम धाकड़ के पिता दुर्गालाल धाकड़ और मृतक की पत्नी रेखा बाई से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. सीएम ने धाकड़ के परिजन को एक करोड़ रुपये के मुआवजे का चेक दिया. चौहान ने मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में किसान आंदोलन के दौरान 6 जून को मारे गये पांच किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए देने का वादा किया था.
हत्यारों को सजा दिलाने का वादा किया
सीएम ने मृतकों के परिजनों को यह भी आश्वासन दिया कि इस गोलीकांड में जिस किसी ने भी उनके प्रियजनों की हत्या की है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. चौहान इस गोलीकांड में मारे गये दूसरे किसानों के परिजनों से मुलाकात करने के लिए बुधवार को लोध, नयाखेडा, पिपलियामंडी, बरखेडा पंथ और बूढा गांव भी जाएंगे.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए
सीएम के दौरे के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा के इंतजाम किए थे और विभिन्न जगहों पर पांच अस्थायी हेलीपैड बनाये गए थे, ताकि वे बिना रोकटोक के मृतकों के परिजनों से मिल सकें.