प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों को लोकतंत्र का महापर्व बताया है. भारत में इस महापर्व को मनाने की शुरूआत 1952 में हुई थी. हिमाचल प्रदेश में 25 अक्टूबर, 1952 को चुनाव हुए थे.
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शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों को लोकतंत्र का महापर्व बताया है. भारत में इस महापर्व को मनाने की शुरूआत 1952 में हुई थी. हिमाचल प्रदेश में 25 अक्टूबर, 1952 को चुनाव हुए थे. क्योंकि बर्फ पडने के कारण हिमाचल प्रदेश के उस इलाके में समय से पहले मतदान कराया गया था जिसमें श्याम शरण नेगी ने सबसे पहले मतदान किया था और इस तरह वह स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता बन गए थे. उस समय वह कल्पा में चुनाव ड्यूटी पर थे और उसी मतदान केंद्र पर उन्होंने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. सौ साल की उम्र पार कर चुके नेगी ने अबतक सभी 16 लोकसभा चुनावों तथा 14 विधानसभा चुनावों में मताधिकार का इस्तेमाल किया है और इस तरह से वह अब तक 31 बार मतदान कर चुके हैं.
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दोपहर बाद श्याम शरण नेगी ने अपने परिजनों के साथ मतदान स्थल पर जाकर मतदान किया. मतदान के बाद उन्होंने कहा कि सभी लोगों को राष्ट्र के विकास के लिए मतदान करना चाहिए. बता दें कि स्थानीय प्रशासन ने उनके स्वागत के लिए खास इंतजाम किए थे. मतदान केंद्र पर रेड कार्पेट बिछा कर उनका स्वागत किया गया. हालांकि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है, लेकिन मतदान को लेकर उनके परिवार में भी खासा उत्साह देखाने को मिला. उनके पुत्उर ने बताया कि उनके पिता ने राज्य विधानसभा चुनाव या आम चुनाव में कभी भी मतदान से दूरी नहीं बनाई. जब वह मतदान करने जाते हैं तो पूरे मीडिया की नजर उन पर होती है.
नौ भाई-बहनों में सबसे छोटे प्रकाश ने बताया, ‘‘ मेरे पिता को आज भी वह दिन याद है, जब वह पहली दफा मतदान करने गए थे. जब भी वह मतदान करते हैं उनका उत्साह और रोमांच वैसा ही होता है.’’
India's oldest voter Shyam Saran Negi cast his vote in Kinnaur, says everyone must work in the nation's interest. #HimachalPradeshElections pic.twitter.com/l8FDL98cMg
— ANI (@ANI) 9 नवंबर 2017
पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत लाल बहादुर शास्त्री के बड़े प्रशंसक नेगी ने कहा कि लोगों को अच्छे नेताओं के लिए मतदान करना चाहिए क्योंकि इससे देश को विकसित होने में मदद मिलेगी. नेगी बताते हैं, ‘मुझे अब भी याद है कि जब गिनेचुने स्कूल ही हुआ करते थे और वहां तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. अब तो दूरदराज के इलाकों में भी स्कूल हैं और मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात से होती है कि लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है जबकि पहले लड़कियों को घर की चारदीवारी में ही रखा जाता था.’
किन्नौर के उपायुक्त डॉ. नरेश कुमार लठ जो जिला निर्वाचन अधिकारी भी हैं, उन्होंने कहा कि नेगी को मतदान करने में कोई परेशानी ना आए, उसके लिए पूरी व्यवस्था की गई. उन्होंने बताया कि काल्पा में मतदान केंद्र के प्रवेश द्वार पर उनका स्वागत किया गया. परंपरागत किन्नौरी टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह के साथ उनका सम्मान किया गया. काल्पा के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट डॉ. अवनिंदर कुमार ने बताया कि घर से मतदान केंद्र तक लाने और मतदान के बाद उन्हें घर भेजने की पूरी व्यवस्था की गई थी.