किसान के बेटे को 290 करोड़ रुपये का आईटी नोटिस जारी, जानें कैसे हो गया ऐसे
Advertisement
trendingNow11124942

किसान के बेटे को 290 करोड़ रुपये का आईटी नोटिस जारी, जानें कैसे हो गया ऐसे

एक किसान के बेटे (Farmer's Son) को आयकर विभाग (Income Tax Department) से 290 करोड़ रुपये के लेनदेन के चलते कारण बताओ नोटिस मिला है. लेकिन बेटे का कहना है कि उसके साथ फ्रॉड (Fraud) हुआ है.

किसान के बेटे को 290 करोड़ रुपये का आईटी नोटिस जारी

भोपाल: मध्य प्रदेश के एक किसान का बेटा आजकल आयकर विभाग के चक्कर काट रहा है. आयकर विभाग से किसान के बेटे प्रवीण राठौर को 290 करोड़ रुपये के लेनदेन को लेकर कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) मिला है, जिसके बाद उसके पैरों तले जमीन ही खिसक गई.

  1. किसान के बेटे को लगा बड़ा झटका
  2. 290 करोड़ रुपये का आईटी नोटिस जारी
  3. बेटे ने बताया इसे धोखाधड़ी का मामला

दर-दर भटक रहा किसान का बेटा

आयकर विभाग ने प्रवीण (Praveen Rathor) को 15 मार्च को अधिकारियों के सामने पेश होने को कहा है. इसके चलते प्रवीण आयकर विभाग से लेकर स्थानीय पुलिस तक दर-दर भटक रहा है. लेकिन अभी तक उसे इस लेनदेन (Transactions) की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.

पुलिस कमिश्नर के ऑफिस तक पहुंचा 

हाल ही में प्रवीण इंदौर के पुलिस कमिश्नर के ऑफिस (Indore Police Commissioner's Office) भी गया लेकिन उसे वहां से भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई. बता दें कि प्रवीण खंडवा जिले के छोटे से देशगांव गांव के एक किसान का बेटा (Farmer's Son) है.

ये भी पढें: पुलिस को इस राज्य सरकार ने दिया एक दिन की छुट्टी का तोहफा, जानें क्यों

प्रवीण को लगा बड़ा झटका

प्रवीण राठौर के मुताबिक मार्च-अप्रैल 2021 में उसे आयकर विभाग (Income Tax Department) का पहला नोटिस मिला था और उसे लगा कि किसी ने उसके साथ मजाक किया है. लेकिन कुछ महीने बाद ही जब उसे 290 करोड़ रुपये के लेनदेन का दूसरा नोटिस (Notice) मिला तब प्रवीण को बड़ा झटका लगा.

चल रहे हैं दो बैंक खाते 

बता दें कि प्रवीण के नाम से मुंबई में दो बैंक खाते (Bank Accounts) चल रहे हैं. जबकि प्रवीण के मुताबिक ना तो उसका उस बैंक में कोई खाता है और ना ही वह कभी मुंबई गया है. अधिकारियों ने उसे पुलिस (Police) में शिकायत दर्ज करने की सलाह दी. लेकिन खंडवा पुलिस ने मामला मुंबई से जुड़े होने के कारण मामले में कुछ ना कर पाने की बात कही.

ये भी पढें: गलती से भी फल खाने के बाद ना पिएं पानी, हो सकता है ऐसा अंजाम

2013 में खोले गए थे खाते

खंडवा बैंक कार्यालय से पता चला कि ये खाते 2013 में खोले गए थे और कुछ लेनदेन के बाद थोड़े समय बाद बंद भी कर दिए गए थे. प्रवीण का कहना है कि उसके घर में आग लगने के कारण उसके दस्तावेज (Documents) उसके पास नहीं हैं. उसने इसे धोखाधड़ी (Fraud) बताते हुए पुलिस से मामले की जांच (Inquiry) करने की अपील भी की है.

LIVE TV

Trending news