आतंकियों के शव के साथ मौके से सुरक्षित बाहर निकलने के लिए ढाई घंटे जद्दोजहद करते रहे सुरक्षा बल.
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नई दिल्ली : जम्मू और कश्मीर के शोपियां में मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ, सेना और स्थानीय पुलिस के जवानों के सामने आतंकियों के ज्यादा स्थानीय पत्थरबाजों ने मुश्किलें पैदा कीं. आलम यह था कि आतंकियों की गोलियों का सामना कर रहे सुरक्षा बलों के जवानों को पांच हजार से अधिक की भीड़ ने न केवल घेर रखा था बल्कि उन पर लगातार पत्थरबाजी कर रहे थे. सीआरपीएफ, राजस्थान राइफल्स और स्थानीय पुलिस के 200 जवानों के लिए मुश्किल हो रहा था कि वे आतंकियों की गोलियों का जवाब दें या फिर पत्थरबाजों के पत्थर की मार सहें. आतंकवादियों को सुरक्षा बल उनकी भाषा में गोलियों से लगातार जवाब दे रहे थे, लेकिन पत्थरबाजों पर किसी तरह के बल का प्रयोग उनके लिए मुश्किल हो रहा था. यह हालात करीब डेढ घंटे तक बने रहे. सुबह करीब नौ बजे सीआरपीएफ की तीन अलग-अलग बटालियन से 400 जवानों के पहुंचने के बाद हालात कुछ काबू में आए. अतिरिक्त फोर्स पहुंचने के बाद करीब 200 जवान आतंकियों से मुठभेड़ में और 400 जवान पत्थरबाजों को मौके पर पहुंचने से रोकने में जूझते रहे.
आतंकियों के शवों को छीनने को आमादा थे पत्थरबाज
शोपियां में सुबह मकरीब 11.15 बजे सुरक्षा बलों ने सभी पांच आतंकियों को मार गिराया. लेकिन सुरक्षा बलों की जद्दोजहद यहीं पर खत्म नहीं हुई. सुरक्षा बलों के लिए सबसे मुश्किल काम आतंकियों के शवों को मौके से लेकर बाहर निकलना था. मुठभेड़ स्थल से कुछ ही दूरी पर मौजूद पत्थरबाजों की भीड़ हर कीमत पर शवों को छीनने के लिए आमादा थी. मुश्किल हालात के बारे में पता होने के बावजूद सुरक्षा बलों ने मौके से बाहर निकलने का फैसला किया.
सुरक्षा बल आतंकियों के शवों के साथ कुछ दूर तक निकलने में कामयाब भी हो गए. लेकिन, इसी बीच हालात कुछ यूंं बने कि करीब 600 जवानों को 5000 पत्थरबाजों की भीड़ ने घेर लिया. मजबूरन सुरक्षा बलों को आंसू गैस, चिली ग्रेनेड और हवाई फायर का सहारा लेना पड़ा. आंसू गैस, चिली ग्रेनेड के असर से भीड़ जितना पीछे जाती, सुरक्षा बल उतने कदम आगे बढ़ जाते. इस तरह करीब ढाई घंटे की कवायद के बाद दोपहर डेढ़ बजे सुरक्षा बल पत्थरबाजों के भीड़ से बाहर निकलने में कामयाब हुए. इस दौरान सुरक्षा बलों को अपने आत्म बचाव में हवाई फायर भी करना पड़ा.
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आतंकी के सुपुर्दे खाक के दौरान हुई जमकर गोलीबारी
पत्थरबाजों की भीड़ से निकलने के बाद सुरक्षा बलों एवं स्थानीय प्रशासन ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद आतंकियों का शव उनके परिजनों को सौंप दिया. हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी सद्दाम पैडर को सुपुर्दे खाक कर दिया. दरअसल सुपुर्दे खाक की रस्म के दौरान कुछ आतंकी आतंकी सद्दाम पैडर की मौत को शहादत मान कर गोलियों की सलामी देने लगे. यह गोलीबारी श्मशान घाट से कुछ दूरी पर की जा रही थी.
सुरक्षा बलों से झड़प में पांच पत्थरबाजों की मौत
सुरक्षा बलों एवं पत्थरबाजों के बीच झड़प में एक दर्जन से अधिक पत्थरबाज गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी घायल पत्थरबाजों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. हालांकि अभी तक मौत की असल वजह का पता नहीं चला है. सुरक्षा बलों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मृतकों के मौत की असल वजह सामने आ सकेगी.