सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना पर दुख जताया है. मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजे और घायलों के निशुल्क इलाज की घोषणा भी की.
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नई दिल्ली : पंजाब के अमृतसर में रविवार को बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है. यहां के अदलिवाल गांव के निरंकारी भवन के अंदर मौजूद श्रद्धालुओं पर ग्रेनेड से हमला किया गया है. आईजी (बॉर्डर) सुरिंदर पाल सिंह परमार के अनुसार इस ब्लास्ट में तीन लोगों की मौत हुई है. साथ ही 15-20 लोग घायल हुए हैं. जिस समय यह हमला हुआ, उस दौरान निरंकारी भवन में करीब 250 लोग मौजूद थे.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना पर दुख जताया है. उन्होंने कहा है कि उनकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने इस हमले के बाद आपात बैठक भी बुलाई. मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजे और घायलों के निशुल्क इलाज की घोषणा भी की. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को हरसंभव मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने गृह सचिव, डीजीपी, डीजी (कानून एवं व्यवस्था) और डीजी (खुफिया) को अमृतसर के राजासांसी में जाकर जांच की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देशों पर राज्य में निरंकारी भवनों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
हमलावरों को पकड़ने की कोशिश भी की
बता दें कि पंजाब पुलिस ने तीन दिन पहले ही हाई अलर्ट भी जारी किया था. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस हमले का कारण क्या था. वहीं फॉरेंसिक टीम भी घटना की जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंच गई है. साथ ही कुछ चश्मदीदों का कहना है कि बाइक से दो लोग इलाके में आए और निरंकारी भवन पर ग्रेनेड फेंका. इसके बाद वे फरार हो गए. उनका कहना है कि ग्रेनेड फेंकने वाले लोगों की उम्र अधिक नहीं थी. सेवादारों ने हमलावरों को पकड़ने की कोशिश भी की थी लेकिन वे भागने में सफल रहे. चश्मदीदों के अनुसार हमलावरों ने फायरिंग भी की थी.
फायरिंग नहीं हुई : पुलिस
पंजाब पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है. उसके मुताबिक दो लोग पल्सर मोटरसाइकिल पर आए और निरंकारी भवन पर ग्रेनेड फेंका. हमले में ग्रेनेड इस्तेमाल हुआ है इसलिए पुलिस इसे आतंकी हमला मान रही है. इस हमले के पीछे कौन है, ये अभी नहीं पता चल पाया है. वहीं पुलिस ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है. हमले में आतंकी जाकिर मूसा का नाम सामने आने पर पुलिस का कहना है कि इस हमले का जाकिर मूसा से संबंध नहीं है.
पाकिस्तान की हरकत तो नहीं!
अमृतसर का अदलिवाल गांव पाकिस्तान सीमा के पास है. वहीं खुफिया एजेंसी आईबी के सूत्रों के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई धार्मिक नेताओं को मारने की योजना बना रही है. उनका कहना है कि आईएसआई पंजाब में लोगों को मारने के लिए खालिस्तान समर्थकों को जरूरी सामान मुहैया करा रही है. सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी एनआईए की जांच में भी यह बात सामने आई है.
दिल्ली तक में बढ़ाई गई सुरक्षा
इस हमले के बाद दिल्ली के कई स्थानों की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं बुराड़ी स्थित निरंकारी भवन की भी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. अमृतसर एयरपोर्ट से इस निरंकारी भवन की दूरी महज पांच किमी है. हमले के बाद पंजाब में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. साथ ही बीएसएफ को भी अलर्ट रहने को कहा गया है. लोगों के अनुसार हर रविवार को इस निरंकारी भवन में सत्संग होता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.