RSS पर पाबंदी का सरदार पटेल का आदेश उनकी प्रतिमा के पास लगा दिया जाए :कांग्रेस
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RSS पर पाबंदी का सरदार पटेल का आदेश उनकी प्रतिमा के पास लगा दिया जाए :कांग्रेस

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा का अपना खुद का कोई आदर्श नहीं है. कांग्रेस ने कहा कि पटेल कांग्रेस के थे और वह पार्टी के अध्यक्ष भी रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को गुजरात में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह 182 मीटर ऊंची है. (फोटो साभार - ani)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल को ‘‘असली श्रद्धांजलि’’ यह होगी कि आरएसएस पर पाबंदी के उनके आदेश को गुजरात में ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास लगा दिया जाए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा का अपना खुद का कोई आदर्श नहीं है. उन्होंने कहा कि पटेल कांग्रेस के थे और वह पार्टी के अध्यक्ष भी रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को गुजरात में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे. यह 182 मीटर ऊंची है. इसे पटेल की जयंती पर राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा. 

शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं जानते कि बारदोली सत्याग्रह के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पटेल को सरदार की उपाधि दी थी और चार फरवरी 1948 को पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का हाथ से लिखा एक आदेश जारी किया था. 

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल को असली श्रद्धांजलि यह होगी कि प्रधानमंत्री को उनकी प्रतिमा के पास एक कांस्य फलक या ताम्र फलक लगा देना चाहिए, जिसमें आरएसएस पर पाबंदी लगाने का उनका आदेश तथा पटेल और गुरू गोलवलकर के बीच हुआ पत्राचार उत्कीर्ण हो.

गणतंत्र दिवस का न्योता ट्रंप की ओर से अस्वीकार किया जाना ‘कूटनीतिक चूक’
वहीं कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए भारत का न्योता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अस्वीकार किये जाने को मंगलवार को एक ‘‘कूटनीतिक चूक’’ और देश के लिए एक ‘किरकिरी की बात’ करार दिया. व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी व्यस्तताओं की वजह से अगले साल भारत की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में भाग नहीं ले पाएंगे.

कांग्रेस ने देश की विदेश नीति को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि भारत सरकार ने जब भी अपने प्रधानमंत्री के जरिये किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को न्योता भेजा है, उसे कभी अस्वीकार नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार यह ध्यान रखती है कि न्योता तभी भेजा जाए जब कूटनीति के रास्ते उसे स्वीकार करने का भरोसा प्राप्त हो जाए.

(इनपुट - भाषा)

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