पीएम मोदी अब यहां 15 के बजाय 21 चुनावी रैलियां करेंगे. पीएम गुरुवार (3 मई) को कलबुर्गी, बेल्लारी और बेंगलुरु में रेलियां करेंगे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गुरुवार से ही कर्नाटक में चुनाव प्रचार शुरू करेंगे.
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बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार कार्यक्रम में बदलाव किया गया है. पीएम मोदी अब यहां 15 के बजाय 21 चुनावी रैलियां करेंगे. पीएम गुरुवार (3 मई) को कलबुर्गी, बेल्लारी और बेंगलुरु में रेलियां करेंगे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गुरुवार से ही कर्नाटक में चुनाव प्रचार शुरू करेंगे. तय कार्यक्रम के मुताबिक पीएम मोदी कलबुर्गी में सुबह 11.30 बजे, बेल्लारी में 03.00 शाम, और बेंगलुरु में शाम 06.00 रैली करेंगे. वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सिरसी में सुबह 10.20 बजे और शिवमोगा में दोपहर 12.25 बजे रैली करेंगे.
एक मई को पीएम मोदी ने कर्नाटक में अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की थी. इस दिन उन्होंने तीन रैलियां की थी. कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव आयोजित होने जा रहा है. बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में यहां सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित कई बीजेपी नेता आएंगे.
पीएम मोदी ने पहले चरण के प्रचार में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर करारा हमला करते हुए चुनाव प्रचार अभियान शुरू किया था. प्रधानमंत्री का अगला चुनाव प्रचार अभियान तमाकुरा में पांच मई को होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रचार की धार तेज करते हुए कांग्रेस पर ‘हत्या में सुगमता’ की संस्कृति शुरू करने को लेकर तीखा हमला बोला. उन्होंने कांग्रेस पर बैंकों की कथित ‘लूट’ तथा किसानों एवं युवाओं की अनेदखी का भी आरोप लगाया.
पीएम ने राहुल पर लगाया देवगौड़ा का अपमान करने का आरोप
कर्नाटक में अपने प्रचार के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए मोदी ने राज्य में एक के बाद एक तीन रैलियों को संबोधित किया. मोदी ने कर्नाटक की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जदएस की तरफ भी दोस्ती का हाथ बढ़ाया और इसके शीर्ष नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा का ‘अपमान’ करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथ लिया.
कर्नाटक में अधिकतर चुनाव विश्लेषकों ने त्रिशंकु विधानसभा का पूर्वानुमान व्यक्त किया है. ऐसे में जेडीएस ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभा सकता है.
मोदी ने प्रचार के दौरान हिन्दुत्व कार्ड का भी कुशलता से इस्तेमाल करते हुए कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान राजनीतिक हिंसा में दो दर्जन से अधिक भाजपा कायर्कर्ता मारे गये.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनका क्या अपराध है? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वह आपके विचारों का विरोध कर रहे थे, उन्होंने कर्नाटक के लोगों के लिए आवाज उठायी.’’
भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे ‘जेहादी ताकतों’ का हाथ होने और कांग्रेस पर उन्हें बचाने का आरोप लगाती रही है.
उन्होंने केन्द्र में सत्तासीन रही विभिन्न कांग्रेस सरकारों पर चंद लोगों को बैंकों की ‘लूट’ की छूट देने और गरीबों को कर्ज नहीं मुहैया कराने का भी आरोप लगाया.
राहुल गांधी को दी सिद्धरमैया सरकार की उपलब्धियां गिनाने की चुनौती
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी चौतरफा हमला बोला और कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार की उपलब्धियों के बारे में कागज की पुर्जी की मदद के बिना 15 मिनट बोलने की उन्हें चुनौती दी.
उन्होंने चामराजनगर जिले के सांतेमरनाहल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष को चुनौती देता हूं कि वह हिन्दी, अंग्रेजी या अपनी माताजी की मातृभाषा में पार्टी की सरकार की उपलब्धियों के बारे में कागज पढ़े बिना, 15 मिनट तक बोलें....कर्नाटक के लोग अपना निष्कर्ष खुद निकाल लेंगे.’’
मोदी ने यह बात राहुल गांधी द्वारा उन्हें दी गयी उस चुनौती के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि उन्हें संसद में भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मुद्दों पर बोलने दिया जाए तो प्रधानमंत्री 15 मिनट भी बैठ नहीं पाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनका 15 मिनट बोलना ही बहुत बड़ी बात होगी. और जब मैंने यह सुना कि मैं 15 मिनट भी नहीं बैठ पाऊंगा तो मुझे लगा, वहां...क्या नजारा होगा? कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमान, हम आपके समक्ष नहीं बैठ सकते. आप नामदार हैं जबकि हम कामदार है. आपके सामने बैठने की हमारी हैसियत नहीं है.’’
पीएम ने राहुल को विश्वेश्वरैया का नाम पांच बार लेने की दी चुनौती
राहुल को आड़े हाथ लेते हुए मोदी ने उन्हें विश्वेश्वरैया का नाम पांच बार बोल कर दिखाने की चुनौती दी. विश्वेश्वरैया प्रतिष्ठित इंजीनियर विद्वान थे और एक चुनावी रैली में राहुल उनके नाम का उच्चारण करने में लड़खड़ा गये. इस भाषण का वीडियो वायरल हो गया है.
उन्होंने उडुपी की चुनावी रैली में कहा, ‘‘हम कारोबार की सुगमता को बढ़ावा देना चाहते हैं, उन्होंने (कांग्रेस ने) हत्या की सुगमता की संस्कृति शुरू की है.’’
उन्होंने रैली में भाग लेने आये लोगों से पूछा कि क्या कांग्रेस कर्नाटक एवं देश से खत्म होनी चाहिए या नहीं तथा क्या राजनीतिक हिंसा की मानसिकता का अंत होना चाहिए कि नहीं? रैली के अधिकतर श्रोताओं ने इसके जवाब में ‘हां..हां’ के नारे लगाये.