मराठा आरक्षण आंदोलन के समर्थन में एक और विधायक ने दिया इस्तीफा
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मराठा आरक्षण आंदोलन के समर्थन में एक और विधायक ने दिया इस्तीफा

औरंगाबाद जिले की सीलोद विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार ने विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे को इस सिलसिले में एक पत्र भेजा है.

फाइल फोटो

मुंबई: महाराष्ट्र के एक और विधायक ने मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग का समर्थन करते हुए सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. औरंगाबाद जिले की सीलोद विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अब्दुल सत्तार ने विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे को इस सिलसिले में एक पत्र भेजा है. सत्तार ने लिखा कि राज्य सरकार ने मराठा, मुसलमान, धनगर तथा महादेव कोली समुदायों को आरक्षण देने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है इसलिए वह पद से इस्तीफा दे रहे हैं. गौरतलब है आरक्षण की मांग को लेकर पांच विधायकों ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दिया था.

आंदोलनकारियों ने किया हिंसक प्रदर्शन
वहीं, महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों ने सोमवार को पुणे और नासिक के बीच जमकर हिंसक प्रदर्शन किया. मोटरसाइकिल पर लाल झंडा लगाए आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इससे जी नहीं भरा तो उन्होंने पुणे-नासिक हाइवे पर चाकण के पास रास्ता रोक दिया. इस दौरान यात्रियों से भरी बसों में तोड़फोड़ की गई और बीच हाइवे पर टायर जलाए गए. आंदोलनकारियों के आगे पुलिस भी बेबस नजर आई. गनीमत रही कि बसों में तोड़फोड़ के दौरान कोई यात्री घायल नहीं हुआ. 

हिंसा फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को साफ कर दिया था कि मराठा आंदोलन के दौरान केवल प्रदर्शन करने वालों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे. लेकिन, जिन लोगों पर हिंसा फैलाने और पुलिस के साथ मारपीट करने का आरोप है उनपर दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा किया हुआ तो अराजकता की स्थिति पैदा हो जाएगी. मुख्यमंत्री ने रविवार को मराठा समाज के कुछ नेताओं के साथ बैठक करने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान य बात कही.   

नहीं होगा मराठा समाज के अन्याय- फडणवीस
सीएम ने आगे कहा कि राज्य सरकार की तरफ से जो 72,000 कर्मचारियों की भर्ती होने वाली है उसमें मराठा समाज के लोगों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. आपको बता दें कि मराठा समाज को आरक्षण देने के मामले पर रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को सौंपा गया है. सरकार ने आयोग से एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा है. इसके बाद ही मुद्दे का हम निकाल पाना संभव होगा. मुख्यमंत्री ने तब तक के लिए मराठा समाज से संयम बरतने की अपील की. 

शिवसेना के सांसद चंद्रकांत खरे का विरोध
आपको बता दें कि बीते सोमराव को औरंगाबाद के कैगांव में 28 वर्षीय काकासाहेब दत्तात्रेय शिंदे ने आरक्षण की मांग को लेकर गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी, जिसकी प्रतिक्रिया में मंगलवार को कई जिलों में बंद किया गया. बंद के दौरान मुंबई-नवी मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए. 

9 अगस्त को फिर बंद होगा महाराष्ट्र!
महाराष्ट्र सरकार ने शिंदे के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया. लेकिन कई पार्टियों ने इसके लिए 50 लाख रुपए की मांग की. इस बीच कई मराठा समूहों ने नौ अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाने के लिए महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है.

(इनपुट भाषा से)

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