आरक्षण पर हिंसा के बाद महाराष्ट्र क्रांति मोर्चा ने वापस लिया आंदोलन
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आरक्षण पर हिंसा के बाद महाराष्ट्र क्रांति मोर्चा ने वापस लिया आंदोलन

संगठन की ओर से आज नवी मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर इलाके में बंद का ऐलान किया गया है. 

फोटो साभार : ANI

मुंबई : मराठा आरक्षण मामले में हो रही देरी और सोमवार को प्रदर्शन के दौरान नदी में कूदकर खुशकुशी के विरोध में बुलाए गए महाराष्ट्र बंद को मराठा क्रांति मोर्चा ने आज (25 जुलाई) वापस लेने का फैसला किया है. संगठन ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि प्रदर्शन के दौरान प्रदेश के लोगों को हुई परेशानी के लिए हम माफी मांगते हैं और बंद को वापस लेते हैं. संगठन की ओर से ऐसे वक्त में वापस लिया गया है, जब प्रदेश में जगह-जगह हिंसा का माहौल है. 

दुकानों को जबरन कराया गया बंद
वहीं, ठाणे में प्रदर्शनकारी जबरन दुकानों को बंद करवाया. इसके अलावा वाशी से आरोली इलाके में बेस्ट बस सर्विस को पूरी तरह से ठप्प कर दिया गया. बंद के कारण महाराष्ट्र के लगभग 70 फीसदी स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है. वहीं, प्रदर्शनकारियों ने जोगेश्वरी में ट्रेन को रोकने की कोशिश की. 

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और आगजनी को देखते हुए बुधवार को मुंबई पुलिस प्रशासन पहले से ही सतर्क हो गया है. जिन इलाकों में बंद का ऐलान किया गया है, वहां पर पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है. इसके साथ ही पुलिस तमाम राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों के सामने भी पहरा दे रही है.

 

 

 

 

वीरेंद्र पवार की प्रदर्शनकारियों से अपील
मुंबई के लिए मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक वीरेंद्र पवार ने बताया, "हजारों लोग पंढरपुर उत्सव से वापस लौट रहे हैं, इसलिए मुंबई और कोंकण क्षेत्र में बुधवार को बंद रखा गया है. हम सभी लोगों से शांति और अनुशासन की अपील करते हैं." कांग्रेस के अशोक चव्हाण और सचिन सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जितेंद्र अव्हाड और अन्य समेत सभी बड़े राजनीतिक दलों ने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार से मराठा आरक्षण के मुद्दे को तत्काल सुलझाने का आग्रह किया है.

मंगलवार को हिंसक हुआ था प्रदर्शन
मराठाओं को आरक्षण देने की मांग को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप अख्तियार कर लिया था, जिसकी चपेट में आकर एक पुलिसकर्मी और चार अन्य लोग घायल हो गए थे. इसके अलावा चार लोगों ने आत्महत्या की कोशिश की, एक दर्जन से ज्यादा वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया या जला दिया गया और एक सांसद और विधानसभा पार्षद के साथ धक्का-मुक्की की गई. 

प्रदर्शनकारियों ने ट्रक को किया आग के हवाले
औरंगाबाद में शुरू हुए इस आंदोलन के बाद, उत्तरी, पश्चिमी महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कई जिलों में लोगों ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर जुलूस निकाला. औरंगाबाद, उस्मानाबाद, पुणे में सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया. वहीं कई क्रुध मराठाओं ने औरंगाबाद में दमकल के एक वाहन और एक ट्रक, हिंगोली में एक पुलिस वैन, कोल्हापुर में कम से कम पांच सरकारी बसों पर पथराव किया और इसके अलावा अन्य वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. दोपहर में परभणी में रेलसेवा को भी आधे घंटे के लिए बाधित कर दिया गया.

बस सर्विस और स्कूल बंद
हिंसा को देखते हुए, राज्य परिवहन बस सेवा को औरंगाबाद, उस्मानाबाद, नांदेड़ में स्थगित कर दिया गया, जिस वजह से हजारों लोगों को यहां मुश्किलों का सामना करना पड़ा. अधिकारियों ने एहतियाती कदम उठाते हुए औरंगाबाद में इंटरनेट सेवा स्थगित कर दी. नांदेड़, उस्मानाबाद और कुछ अन्य जगहों पर स्कूल और कॉलेज बंद रहे. 

शिवसेना के सांसद चंद्रकांत खरे का विरोध
औरंगाबाद के कैगांव में 28 वर्षीय काकासाहेब दत्तात्रेय शिंदे ने सोमवार शाम आरक्षण की मांग को लेकर गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी, जिसकी प्रतिक्रिया में मंगलवार को कई जिलों में बंद किया गया. शिंदे के अंतिम संस्कार में उसके पैतृक गांव कानड से हजारों लोग इकट्ठे हुए. यहां गुस्साए मराठाओं ने शिवसेना के सांसद चंद्रकांत खरे का विरोध किया और उनके साथ धक्का-मुक्की की. वहीं कांग्रेस के विधान परिषद के सदस्य सुभाष जांबद के साथ भी धक्का-मुक्की की गई और उन्हें पुलिस सुरक्षा का सहारा लेना पड़ा. 

महाराष्ट्र सरकार ने की 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान
इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने शिंदे के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की, लेकिन कई पार्टियों ने इसके लिए 50 लाख रुपये की मांग की. औरंगाबाद में, जयंत सोनावने और जगन्नाथ सोनावाने ने भी नदी में कूद कर और जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, लेकिन दोनों को अस्पताल ले जाया गया और दोनों का इलाज चल रहा है. 

9 अगस्त को मनाया जाएगा क्रांति दिवस
कई मराठा समूहों ने नौ अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में मनाने के लिए महाराष्ट्र बंद की घोषणा की है. इस बीच, सरकार की ओर से राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा, "प्रदर्शन, हिंसा से आरक्षण सुनिश्चित नहीं होगा. हम चाहते हैं कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिले. हमें कई पहलुओं पर विचार करना होगा."

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