राज ठाकरे को बड़ा झटका, BMC ने सील किया मुख्यालय स्थित मनसे का ऑफिस
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राज ठाकरे को बड़ा झटका, BMC ने सील किया मुख्यालय स्थित मनसे का ऑफिस

बीएमसी का कहना है कि मनसे के पास सिर्फ एक नगरसेवक होने के चलते पार्टी ऑफिस को सील कर दिया गया. 

मनसे के नगरसेवक संजय तुर्डे ने ऑफिस सील किए जाने पर कड़ी आपत्ती जताई है.

मुंबई: राज ठाकरे की पार्टी मनसे के लिए एक बुरी खबर है. मुंबई के बीएमसी मुख्यालय स्थित मनसे के ऑफिस को बीएमसी ने सील कर दिया है. मनसे के ऑफिस को सील करने का निर्णय सत्ता में बैठी शिवसेना और भाजपा ने विपक्षी पार्टीयों के ग्रुप लीडर्स के साथ मिलकर लिया. आपको बता दें कि मनसे के बीएमसी में पहले 7 पार्षद थे लेकिन उनमें से छह पार्टी छोड़कर शिवसेना में शामिल हो गए. ऐसे में पार्टी के पास मात्र एक नगरसेवक बचा है. बीएमसी का कहना है कि मनसे के पास सिर्फ एक नगरसेवक होने के चलते पार्टी ऑफिस को सील कर दिया गया. 

उधर, मनसे के नगरसेवक संजय तुर्डे ने ऑफिस सील किए जाने पर कड़ी आपत्ती जताई है. उन्होंने 22 नवंबर को बिएमसी कमिश्नर अजोय मेहता को पत्र लिखकर बीएमसी मुख्यालय में ऑफिस देने की मांग की है. पत्र में उन्होंने लिखा कि, हमारे कुल 7 पार्षद चुनाव जीत कर आए थे जिनमें से 6 पार्षदों ने अचानक शिवसेना में शामिल होने का फैसला कर लिया. उन्होंने लिखा है कि पार्षदों के इस फैसले के खिलाफ मनसे ने कोर्ट में शिकायत किया इसका निर्णय आना अभी बाकी है. 

इसका भुगतना पड़ा खामियाजा
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने शिवसेना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि शिवसेना भले ही यह कह रही है कि मनसे का एक नगरसेवक होने के कारण पार्टी ऑफिस सील किया जा रहा है. लेकिन असल बात यह है कि मेयर बंगले को लेकर राज ठाकरे ने बिएमसी को पत्र लिखकर मीडिया से बातचीत करने की चेतावनी दी थी. राज ठाकरे ने कहा था कि शिवाजी पार्क के जिमखाना में किसी भी हालात में मेयर बंगला नहीं बनने देंगे. इससे शिवसेना बौखला गई और उसने यह निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि बीएमसी का किसी मराठी पार्टी के साथ ऐसा करना नाइंसाफी है.

नियमों के मुताबिक लिया गया फैसला: शिवसेना
वहीं, शिवसेना की नगरसेविका किशोरी पेडणेकर के मुताबिम बीएमसी ने नियमों को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक, बीएमसी मुख्यालय में ऑफिस पाने के लिए पार्टी के पास कम से कम 5 नगरसेवक होने ही चाहिए. उन्होंने कहा कि यह निर्णय अकेली शिवसेना ने नहीं बल्कि ग्रुप लीडर की बैठक में आयुक्त महोदय के प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से लिया गया है.

लगातार घटती गई मनसे की लोकप्रियता!
आपको बता दें कि, साल 2012 मुंबई के 227 पार्षदों में मनसे के कुल 28 पार्षद चुनकर आए थे. जबकि 2017 में हुए चुनाव में पार्षदों की संख्या घटकर 7 हो गई. इनमें से भी 6 ने शिवसेना का दामन थाम लिया जिसके बाद अब राज ठाकरे की पार्टी के पास मात्र एक पार्षद मौजूद है. अब बीजेपी मुख्यालय में ऑफिस सील होने के बाद पार्टी में खलबली मच गई है. मनसे इस मुद्दे को आक्रामक तरीके से उठाने की कोशिश कर रही है. 

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