मायावती ने कहा, 'मुझे पता चला है कि कुछ लोग प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैला रहे हैं. मैं इसकी घोर निंदा करती हूं. हमारी पार्टी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की किसी घटना के पीछे नहीं है.'
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नई दिल्ली: बीएसपी चीफ मायावती ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर चल रहे आंदोलन का सर्मथन किया है. मायावती ने कहा, 'मुझे पता चला है कि कुछ लोग प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैला रहे हैं. मैं इसकी घोर निंदा करती हूं. हमारी पार्टी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की किसी घटना के पीछे नहीं है.' बसपा चीफ ने कहा कि हिंसा फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि आंदोलन के दौरान कुछ असमाजिक तत्वों को हिंसा फैलाने के लिए भेजा गया. मायावती ने कहा कि कुछ असमाजिक तत्वों को प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने के लिए भेजा गया जिसका नतीजा यह हुआ कि कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा.
दलित संगठनों के बंद के दौरान कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन
बता दें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति ( अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित तौर पर शिथिल किए जाने के विरोध में दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान आज हिंसक प्रदर्शन हुए. विभिन्न राज्यों में सामान्य जनजीवन बाधित रहा. मध्य प्रदेश में दलित संगठनों के भारत बंद विरोध प्रदर्शन के दौरान सोमवार को फैली हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन को ग्वालियर शहर के चार थाना क्षेत्रों और कुछ कस्बों में कर्फ्यू तथा तीन शहरों में धारा 144 लागू करनी पड़ी है.
पीटीआई के मुताबिक पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) मकरंद देऊस्कर ने बताया, ‘‘बंद प्रदर्शनकारियों की गोलीबारी में ग्वालियर में दो, भिण्ड में एक और मुरैना में एक व्यक्ति की मौत हो गई।’’ उन्होंने बताया कि मरने वाले लोगों की पहचान राकेश जाटव, दीपक जाटव, :ग्वालियर:, महावीर राजावत :भिण्ड: और राहुल पाठक (मुरैना) के तौर पर हुई है।
मकरंद देऊस्कर ने बताया कि भारत बंद प्रदर्शन के दौरान बंद समर्थकों और बंद विरोधियों के बीच तनाव के चलते बालाघाट, सागर और दतिया में धारा 144 लागू की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों से पथराव और लूट की कुछ सूचनाएं मिली हैं। उन्होंने बताया कि ग्वालियर और चंबल संभाग में एक एसडीएम और एक पुलिस अधिकारी भी घायल हुआ है। उन्होंने बताया कि ग्वालियर और चंबल संभाग में अफवाहों की रोकथाम के लिये इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई हैं।
I support the protest against the SC/ST Act. I have got to know that some people spread violence during the protests, I strongly condemn it. Our party is not behind the violence during the protests: BSP Chief Mayawati pic.twitter.com/SZ4xrvG13k
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2018
Strict action should be taken against those who spread violence during the protests: BSP Chief Mayawati #BharatBandh pic.twitter.com/8ygHO7BzU9
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2018
Anti-social elements were sent to cause violence during the protests resulting in death of some people and damage to public property: BSP Chief Mayawati on protests over SC/ST Act pic.twitter.com/sGhHjAXYEL
— ANI UP (@ANINewsUP) April 2, 2018
SC/ST एक्ट: रिव्यू पिटीशन में केंद्र ने कोर्ट से कहा, कानून बनाना संसद का काम
राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शांति की अपील की है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अनुसूचित जाति. जनजाति अधिनियम पर उच्चतम न्यायालय के फैसले में कोई पक्षकार नहीं है और वह इस फैसले के पीछे दिये गये तर्क से‘ ससम्मान’ असहमत है. सरकार ने इस मामले पर एक समग्र समीक्षा याचिका भी दायर की है.
केंद्रीय मंत्री और महत्वपूर्ण दलित नेता एवं राजग के सहयोगी लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान ने याचिका दायर करने का शीघ्र निर्णय लेने पर केंद्र सरकार की सराहना की और कांग्रेस पर बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाया.
(इनपुट : एजेंसी)