सुनंदा पुष्कर केसः शशि थरूर ने आरोपपत्र को बताया बेतुका, बोले-'डटकर करूंगा मुकाबला'
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सुनंदा पुष्कर केसः शशि थरूर ने आरोपपत्र को बताया बेतुका, बोले-'डटकर करूंगा मुकाबला'

  पुलिस ने अदालत से अनुरोध किया कि थरूर को आरोपी की तरह तलब किया जाए. सुनन्दा 17 जनवरी 2014 की रात में राजधानी के एक पांच सितारा होटल के कमरे में मृत पायी गयी थीं.

अभियोजन के सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने आरोप पत्र में कहा है कि शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर के साथ कथित तौर पर मानसिक और शारीरिक क्रूरता होती थी. (फाइल फोटोः इंडिया डॉटकॉम)

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने के दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र में लगाये गये आरोप को आज ‘बेतुका’ करार दिया. उन्होंने कहा कि उनकी मंशा इसका डटकर मुकाबला करने की है. इस मामले में थरूर एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें आरोपी के रूप में नामजद किया गया है. पुलिस ने अपने आरोपपत्र में थरूर पर उनकी पत्नी के साथ क्रूरता करने का भी आरोप लगाया है. यह आरोपपत्र 3000 पृष्ठों में दाखिल किया गया है.

  1. सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर आरोपी
  2. दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में दो धाराओं में आरोपी
  3. आत्महत्या के लिए उकसाने, प्रताड़ित करने का आरोप

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘इस बेतुके आरोपपत्र को दाखिल किये जाने का मैंने संज्ञान लिया है और मेरी मंशा इसका डटकर मुकाबला करने की है. मेरी तरफ से उकसाये जाने की बात को जाने दें तो भी सुनंदा को जो कोई जानता है, वह इस बात पर कभी भरोसा करेगा कि वह कभी आत्महत्या कर सकती है?’’ 

 

थरूर ने कहा, ‘‘यह दिल्ली पुलिस के तरीकों के अनुरूप नहीं है. 17 अक्तूबर को विधि अधिकारी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा था कि उन्हें किसी के बारे में कुछ भी नहीं मिला है और अब छह माह के भीतर वे कह रहे हैं कि मैंने आत्महत्या को उकसाया. ’’  पुलिस ने अदालत से अनुरोध किया कि थरूर को आरोपी की तरह तलब किया जाए. सुनंदा 17 जनवरी 2014 की रात में राजधानी के एक पांच सितारा होटल के कमरे में मृत पायी गई थीं.

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में पुलिस ने दायर किया आरोप पत्र
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में उनके पति और कांग्रेसी नेता शशि थरूर पर खुदकुशी के लिये उकसाने का आरोप लगाते हुये पुलिस ने यहां एक अदालत में कहा कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ किये जाने की जरूरत है क्योंकि जांच अभी पूरी नहीं हुई है. करीब तीन हजार पन्नों के अपने आरोप पत्र में पुलिस ने मामले में थरूर को एक मात्र आरोपी बनाया है और दावा किया कि उनके खिलाफ आगे कार्रवाई के लिये पर्याप्त साक्ष्य हैं.

पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि थरूर अपनी पत्नी से क्रूरता करते थे. पुलिस ने आज मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धमेंद्र सिंह के समक्ष आरोप पत्र दायर किया जो इस पर 24 मई को विचार करेंगे. पुलिस ने अदालत से तिरूवनंतपुरम से लोकसभा सांसद थरूर को आरोपी के तौर पर समन करने का भी अनुरोध किया है. दंपति का घरेलू नौकर नारायण सिंह इस मामले के प्रमुख गवाहों में से एक है.

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कांग्रेस नेता पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए ( पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा महिला को प्रताड़ित करना ) और 306 ( खुदकुशी के लिए उकसाना ) के तहत आरोप लगाए गए हैं. आरोप पत्र में कहा गया है कि पुष्कर की मौत थरूर से शादी के तीन साल तीन महीने और 15 दिन बाद हुई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात दिल्ली के एक लग्जरी होटल के कमरे में मृत पायी गई थीं.

अभियोजन के सूत्रों के मुताबिक आरोप पत्र में कहा गया है कि पुष्कर के साथ कथित तौर पर मानसिक और शारीरिक क्रूरता होती थी. आरोप पत्र में कहा गया कि सभी संभावित और भौतिक साक्ष्य जुटाए गए और उनका प्रमाणीकरण किया गया. यह महसूस किया गया कि मामले में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत होगी.

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थरूर को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि जब भी जरूरत हुई वह जांच में शामिल हुए हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल 26 अक्टूबर को सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच कराए जाने की मांग से जुड़ी भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की जनहित याचिका को खारिज करते हुये इसे राजनीति से प्रेरित याचिका का उदाहरण बताया था.  स्वामी ने बाद में उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी. न्यायालय ने स्वामी से कहा कि वह याचिका को बरकरार रखने को लेकर अदालत को संतुष्ट करें. 

विशेष जांच दल ( एसआईटी ) ने 20 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय को बताया था कि कांग्रेस सांसद की पत्नी की मौत के मामले में ‘‘ व्यापक पेशेवर और वैज्ञानिक जांच’’ ’ के बाद अंतिम मसौदा रिपोर्ट तैयार की गई है. उच्चतम न्यायालय में दिये अपने हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि अंतिम मसौदा रिपोर्ट को दिल्ली सरकार के अभियोजन विभाग को ‘‘ विधिक जांच ’’ के लिये भेजा गया है और निरीक्षण के बाद संबंधित निचली अदालत में इसे दायर किया जाएगा.

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