सीलिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार, कहा- 'क्या तबाही का कर रहे हैं इंतजार?'
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सीलिंग पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार, कहा- 'क्या तबाही का कर रहे हैं इंतजार?'

 दिल्ली में चल रही सीलिंग को लेकर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने सीलिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहा है. 

दिल्ली में चल रही सीलिंग को लेकर इन दिनों खूब राजनीति हो रही है

नई दिल्ली : दिल्ली में चल रही सीलिंग को लेकर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने दिल्ली सीलिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहा है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से कहा कि आप लोग दिल्ली में तबाही का इंतजार कर रहे हैं. 

  1. दिल्ली में सीलिंग पर राजनीतिक तूफान
  2. सीलिंग पर AAP और BJP में तकरार
  3. सीलिंग पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

हर कोई अपनी आंखें मूंदे है
कोर्ट ने दिल्ली के स्थानीय निकाय को अपनी आंखे मूंदने और कोई हादसा होने का इंतजार करने के लिए आड़े हाथ लिया और दिल्ली विकास प्राधिकरण से नगर के मास्टर प्लान 2021 में बदलाव करने के उसके प्रस्तावों पर सवाल किए. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण किसी तरह के दबाव के आगे झुक रहा है. न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘दिल्ली में हर कोई अपनी आंखें मूंदे है और कोई हादसा होने का इंतजार कर रहा है. आपने (नगर निकाय) उपहार सिनेमा अग्निकाण्ड त्रासदी और बवाना तथा कमला मिल्स जैसी घटनाओं से भी कुछ नहीं सीखा है.’’ 

दिल्ली विकास प्राधिकरण ने हाल ही में दुकान-रिहाइशी भूखण्डों और परिसरों का एफएआर और रिहाइशी भूखण्डों के बराबर करने का प्रस्ताव किया है. प्राधिकरण के इस कदम से सीलिंग के खतरे का सामना कर रहे कारोबारियों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी.

दो सप्ताह में दें हलफनामा
पीठ ने प्राधिकरण से सवाल किया, ‘‘दिल्ली में रहने वाली जनता के बारे में क्या कहना है?’’ पीठ ने कहा, ‘‘आपको जनता का पक्ष भी सुनना होगा. आप सिर्फ कुछ लोगों को ही नहीं सुन सकते.’’ पीठ ने दिल्ली में हो रहे अनधिकृत निर्माणों का जिक्र किया और कहा, ‘‘आप दिल्ली की जनता के हितों का ध्यान रख रहे हैं या नहीं?’’ पीठ ने कानून का शासन बनाये रखने पर जोर देते हुये कहा कि दिल्ली कचरा प्रबंधन, प्रदूषण और पार्किंग जैसी अनेक समस्याओं से जूझ रही है.

पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित 20 शहरों में से 13 भारत में है. दिल्ली उनमें संभवत: सबसे अधिक प्रदूषित है. मैं नहीं जानता कि दिल्ली में निकाय प्राधिकारी क्या कर रहे हैं.’’ न्यायालय ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जिसमें मास्टर प्लान 2021 में प्रस्तावित बदलावों का जिक्र हो.

31 जनवरी को हुए थी सुनवाई
31 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीडीए और अन्य पार्टियों से दिल्ली का मास्टर प्लान लाने के निर्देश दिए थे. अदालत ने कहा कि अगर एक बार यह मान लिया जाए कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर दें तो क्या निगम ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं कर सकता? अदालत छतरपुर रोड स्थित मारबल की दुकानों की याचिका पर सुनवाई कर रही है. 

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मास्टर प्लान पर चर्चा
पिछले दिनों दिल्ली सरकार और बीजेपी के बीच जमकर तकरार हुई थी. इस हंगामें के बाद दिल्ली के मास्टर प्लान में बदलाव को लेकर केंद्र ने सहमति जताई और केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय के आला अधिकारियों कीमीटिंग हुई, जिसमे केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी व दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, निगम आयुक्त के सचिव डीएस मिश्रा व एनडीएमसी के प्रमुख नरेश कुमार व डीडीए के उपाध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने हिस्सा लिया था. बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार जल्द ही इस पूरी समस्या को खत्म करने के लिए जल्द ही अहम कदम उठाएगी.

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डीडीए की बैठक में अहम फैसले
राजधानी में सीलिंग को लेकर हुई डीडीए की बैठक में तीन प्रस्ताव पास किए गए. इस बैठक में पास किए गए प्रस्तावों पर जनता की भी राय ली जाएगी. इस मीटिंग में दुकान और घर के FAR  को बढ़ाकर 350 किया गया. FAR बढ़ने से बेसमेंट भी सीलिंग के दायरे से बाहर होंगे. 12 मीटर की सड़कों पर बने गोदाम रेगुलराइज किए जाएंगे. फ्लोर एरिया रेशो को 180 से बढ़ाकर 350 किया गया. अलग-अलग कैटगरी के लिए अलग-अलग कनवर्जन चार्ज होगा. कनवर्जन चार्ज पर पैनल्टी 10 गुना से घटाकर 2 की गई.

सीलिंग के खिलाफ दिल्ली बंद
देश की राजधानी में हो रही सीलिंग के खिलाफ व्यापारियों ने पिछले शुक्रवार को दिल्ली बंद का ऐलान किया था. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दो दिन दिल्ली बंद का अह्वान किया था वहीं चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज (CTI) ने तीन दिन के बंद की घोषणा की थी. इस बंद के चलते 8 लाख दुकानों और 1.5 लाख फैक्ट्रियों के पूरी तरह बंद रहीं. 

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