कई कॉलेज और संस्थानों ने आदेश पर अदालत से स्टे लिया हुआ है और निजी तौर पर एमबीबीएस व बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए परीक्षा करा रहे हैं. तमिलनाडु में नीट परीक्षा के खिलाफ बड़े स्तर पर राजनीतिक पार्टियों में सहमति है कि इससे राज्य के छात्रों को अस्थायी तौर पर राहत के बजाय स्थायी राहत दी जाए.
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नई दिल्ली: तमिलनाडु सरकार ने राज्य के सरकारी कॉलेजों में दाखिले के लिए नीट परीक्षा से छात्रों को छूट देने के लिए प्रस्तावित अध्यादेश का मसौदा सोमवार को केंद्र सरकार को सौंपा. तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे. राधाकृष्णन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव आर.के. मित्रा को दस्तावेज सौंपा. इससे एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार इस तरह के अनुरोध पर सिर्फ एक साल के लिए विचार कर सकती है. राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा या नीट-यूजी भारत में मेडिकल कोर्स के स्नातक की पढ़ाई के लिए ली जाने वाली दाखिला परीक्षा है.
कई कॉलेजों ने अदालत से लिया स्टे
इसके जरिए निजी व सरकारी कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिला दिया जाता है. इस परीक्षा का आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कराता है. नीट ने एआईपीएमटी (अखिल भारतीय प्री-मेडिकल टेस्ट) या राज्य के मेडिकल कॉलेजों द्वारा कराई जाने वाली परीक्षा की जगह ली है. हालांकि, कई कॉलेज और संस्थानों ने आदेश पर अदालत से स्टे लिया हुआ है और निजी तौर पर एमबीबीएस व बीडीएस कोर्स में दाखिले के लिए परीक्षा करा रहे हैं. तमिलनाडु में नीट परीक्षा के खिलाफ बड़े स्तर पर राजनीतिक पार्टियों में सहमति है कि इससे राज्य के छात्रों को अस्थायी तौर पर राहत के बजाय स्थायी राहत दी जाए.