केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानूनों (New Farm Law) को वापस लेने का ऐलान हो चुका है. उसके बाद एक राज्य ने आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है.
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हैदराबाद: केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानूनों (New Farm Law) को वापस लेने के ऐलान के बाद अब राजनीतिक दलों में किसानों को अपने पाले में करने की कवायद शुरू हो गई है. तेलंगाना (Telangana) सरकार ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) में मारे गए राज्य के लोगों के आश्रितों को 3-3 लाख रुपये की मदद देने की घोषणा की है.
तेलंगाना के सीएम और TRS के अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव (K Chandrashekar Rao) ने कहा, 'जिन किसानों ने आंदोलन के दौरान अपनी जान दी. उन्हें तेलंगाना सरकार की ओर से 3-3 लाख रुपये एक्स-ग्रेशिया देने का एलान करते हैं. हम केंद्र सरकार से भी आग्रह करते हैं कि वे आंदोलन में मरे किसान परिवारों को 25-25 का मुआवजा दे.'
CM के. चंद्रशेखर राव ने कहा, ' मैं केंद्र सरकार से किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए मुकदमों को भी वापस लेने का आग्रह करता हूं. इससे पीड़ित किसान परिवारों को भारी राहत मिलेगी और वे अपने घर लौट सकेंगे.'
बताते चलें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु पूरब पर तीनों नए कृषि कानूनों (New Farm Law) को वापस लेने का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने कहा, 'हमने किसान भाई-बहनों की बेहतरी के लिए ये कानून बनाए थे. लेकिन शायद हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई थी, जो हम कुछ किसान भाईयों को इन कानूनों के फायदे समझा नहीं पाए. इसलिए अब सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. संसद के शीत सत्र में इस संबंध में प्रस्ताव पारित हो जाएंगे. अब किसान भाई-बहन भी अपने घरों को वापस लौट जाएं.'
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हालांकि आंदोलनकारी किसानों (Farmers Protest) ने सरकार की वापस लौटने के आग्रह को नकार दिया है. अब उन्होंने MSP, मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा, केस वापसी और मेमोरियल के लिए जगह देने की नई मांग शुरू कर दी है. किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि वे इन 4 मांगों को माने जाने तक दिल्ली बॉर्डर से नहीं हटेंगे. इससे जाम से जूझ रहे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को राहत मिलने की संभावना फिर से धूमिल हो गई है.
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