केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद से पारित तीनों कृषि कानूनों (New Farm Law) को वापस लेने का ऐलान कर चुकी है. इसके बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने शनिवार को बैठक कर अपने आंदोलन को लेकर (Farmers Protest) बड़ा फैसला किया.
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Farmers Protest Latest Updates: किसानों के विरोध के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संसद से पारित तीनों कृषि कानूनों (New Farm Law) को वापस लेने का ऐलान कर चुकी है. अब दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के लोगों की निगाहें प्रदर्शनकारी किसानों (Farmers Protest) के अगले कदम पर लगी है. इसी बीच आंदोलनकारी किसानों ने शनिवार को बैठक करके आंदोलन पर बड़ा फैसला किया.
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे BKU नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा, 'किसान आंदोलन को यह मुकाम 700 किसानों की शहीदी देकर मिला है. किसान न इस बात को भूलेगा और न ही हुकूमत को भूलने देगा.'
टिकैत ने कहा, 'MSP भी एक बड़ा सवाल है, उस पर भी क़ानून बन जाए. किसान जो फसल बेचता है उसे वह कम कीमत पर बेचता है, जिससे बड़ा नुक़सान होता है. अभी बातचीत करेंगे, यहां से कैसे जाएंगे. अभी बहुत से क़ानून सदन में है, उन्हें फिर ये लागू करेंगे.'
MSP भी एक बड़ा सवाल है, उस पर भी क़ानून बन जाए, क्योंकि किसान जो फसल बेचता है उसे वह कम कीमत पर बेचता है, जिससे बड़ा नुक़सान होता है। अभी बातचीत करेंगे, यहां से कैसे जाएंगे। अभी बहुत से क़ानून सदन में है, उन्हें फिर ये लागू करेंगे: किसान नेता राकेश टिकैत, गाज़ीपुर बॉर्डर pic.twitter.com/V4XHZhHH64
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 20, 2021
पंजाब के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी (Gurnam Singh Charuni) ने कहा, 'अभी यहां से जाने का समय नहीं आया है. हम MSP, मर चुके किसानों के आश्रितों को मुआवजा और दर्ज हो चुके मुकदमों को खारिज किए जाने तक यहीं रहेंगे. इस संबंध में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) की रविवार को बैठक होगी. जिसमें आंदोलन के आगे के कदमों के बारे में फैसला किया जाएगा.'
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता दर्शन पाल सिंह (Darshan Pal Singh) ने कहा, ' दिल्ली बॉर्डर से अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा. हमारे पहले से जो कार्यक्रम तय थे, वे अब तय तारीख पर आयोजित होंगे. हम 22 नवंबर को लखनऊ में किसानों की बड़ी रैली करेंगे. जबकि 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर देशभर में रैली निकालेंगे. उस दिन सभी राज्यों में ट्रैक्टर और बैलगाड़ी परेड के साथ-साथ अन्य प्रदर्शन किए जाएंगे. वहीं 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान प्रतिदिन 500 प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार होकर संसद तक शांतिपूर्ण मार्च करेंगे.'
Our programs for 22nd, 26th & 29th Nov will continue as usual. Lucknow rally on 22nd, a gathering on 26th when one yr (of farmers' agitation) will be marked across the nation & tractor march (to Parliament) on 29. Agitation will continue: Darshan Pal Singh, Krantikari Kisan Union pic.twitter.com/GnUG7Mq8hC
— ANI (@ANI) November 20, 2021
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दर्शन पाल सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा हमारी और भी दूसरी मांगें हैं. इनमें MSP की लिखित गारंटी, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेना, पावर बिल 2020 और एयर क्वालिटी ऑर्डिनेंस की वापसी और मृतक किसानों का मेमोरियल बनाने के लिए जमीन की मांग शामिल है. संयुक्त किसान मोर्चा को उम्मीद है कि सरकार इन सब मुद्दों पर सकारात्मक रवैया अपनाएगी. जब तक ये सब मांगें पूरी नहीं होती, दिल्ली (Kisan Andolan) बॉर्डर को खाली करने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
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