गणतंत्र दिवस: जब PAK गवर्नर जनरल को भारत ने दिया चीफ गेस्ट का दर्जा
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गणतंत्र दिवस: जब PAK गवर्नर जनरल को भारत ने दिया चीफ गेस्ट का दर्जा

भारत में पहली बार एक साथ 10 राष्ट्रों के अध्यक्षों को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है.

साल 1955 में पहली बार गणतंत्र दिवस पर शामिल हुए थे पाक के मेहमान (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: भारत में पहली बार एक साथ 10 राष्ट्रों के अध्यक्षों को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि भारत के गणतंत्र दिवस के पहले आधिकारी अतिथि पाकिस्तान के गवर्नर जनरल थे. यूं तो गणतंत्र दिवस देश में पहली बार साल 1950 में मनाया गया था पर इससे पहले इसके लिए कोई आधिकारिक स्थान तय नहीं था.

  1. पहली बार साल 1950 में मनाया गया था गणतंत्र दिवस
  2. 1955 में राजपथ पर हुआ था गणतंत्र दिवस का आयोजन
  3. पाक गवर्नर जनरल मलिक गुलाम अहमद बने थे मेहमान

साल 1955 में आखिरकार राजपथ को गणतंत्र दिवस के आयोजन के लिए आधिकारिक स्थल के रूप में चुना गया. इस आधिकारिक आयोजन में भारत की ओर से पाकिस्तान के तत्कालीन गवर्नर जनरल मलिक गुलाम अहमद को आमंत्रित किया गया था. 26 जनवरी 1955 को वे गणतंत्र दिवस के सम्मेलन में शामिल हुए और भारत को पहला आधिकारिक अतिथि मिला.

इससे पहले साल 1950 में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो गणतंत्र दिवस पर अतिथि बनकर आए थे. साल 1951 में भूटान के तत्कालीन राजा त्रिभुवन वीर विक्रम शाह गणतंत्र दिवस पर अतिथि बने. 1952 और 1953 में भारत की ओर से अतिथि आमंत्रित नहीं थे. वहीं 1954 में फिर से अतिथि के रूप में निमंत्रण भेजा गया, जिसके बाद भूटान नरेश दोर जी वानचुक गणतंत्र दिवस के लिए भारत आए.

अलग-अलग मनाया जाता था गणतंत्र दिवस
1950 और 1954 के बीच भारत में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए एक निश्चित स्थान नहीं था. शुरू में इसे लाल किला, नेशनल स्टेडियम, किंग्सवे कैंप और फिर रामलीला मैदान में आयोजित किया गया था. साल 1955 में पहली बार राजपथ को गणतंत्र दिवस मनाने के स्थायी स्थान के रूप में चुना गया. इस दिवस को मनाते हुए सेना द्वारा परेड की गई और तोपों की सलामी दी गई थी. परेड में सशस्त्र सेना के तीनों बलों ने हिस्सा लिया था. आज भी गणतंत्र दिवस राजपथ पर ही मनाया जाता है.

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संविधान लागू होने के 6 मिनट बाद देश को मिले पहले राष्ट्रपति
26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था. इसके कुछ ही मिनट बाद 10:24 पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी. राजेंद्र प्रसाद ने उसी दिन 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया था. गणतंत्र दिवस के बारे में रोचक तथ्य जानने के लिए यहां क्लिक करें

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