बिप्‍लव देब होंगे त्रिपुरा के नए मुख्‍यमंत्री, जिष्‍णु देव वर्मा बनेंगे उप मुख्‍यमंत्री
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बिप्‍लव देब होंगे त्रिपुरा के नए मुख्‍यमंत्री, जिष्‍णु देव वर्मा बनेंगे उप मुख्‍यमंत्री

त्रिपुरा में नई सरकार आगामी 8 मार्च को यहां स्वामी विवेकानंद मैदान में शपथ ले सकती है. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भाग ले सकते हैं.

त्रिपुरा में मुख्यमंत्री की दौड़ में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बिप्लव देव का नाम आगे चल रहा था. (फाइल फोटो)

अगरतला : त्रिपुरा के नए मुख्‍यमंत्री का नाम मंगलवार को तय कर लिया गया. बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा करते हुए कहा कि त्रिपुरा बीजेपी के अध्‍यक्ष बिप्‍लव देब मुख्‍यमंत्री, जबकि जिष्‍णु देव वर्मा उप मुख्‍यमंत्री होंगे. बिप्‍लव को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया. बिप्‍लव बनमालीपुर सीट से विधायक हैं. नए मुख्‍यमंत्री के रूप में नाम तय होने के बाद बिप्‍लव ने कहा कि 'सुशासन देना हमारी सरकार की प्राथमिकता होगी.'

  1. मुख्यमंत्री पद के लिए त्रिपुरा भाजपा के अध्यक्ष बिप्लव देव का नाम फाइनल
  2. नई सरकार 8 मार्च को स्वामी विवेकानंद मैदान में शपथ ले सकती है
  3. त्रिपुरा में भाजपा ने 35, जबकि आईपीएफटी ने आठ सीटेें जीती हैैं

दरअसल, त्रिपुरा भाजपा के अध्यक्ष बिप्लव देव का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में सबसे आगे चल रहा था. मंगलावर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में राज्य अतिथिगृह में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव भी इस बैठक में मौजूद रहे. इसी बीच राज्‍य में कई जगहों पर हुई हिंसा के चलते मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने त्रिपुरा के राज्यपाल और डीजीपी से बात की और उनसे राज्य में नई सरकार बनने तक हिंसक घटनाओं के मद्देनजर चौकस रहने को कहा. ऐ‍हतियातन कई जगहों पर धारा 144 लगा दी गई है.

 

 

8 मार्च को हो सकता है शपथ ग्रहण समारोह
त्रिपुरा में नई सरकार आगामी 8 मार्च को यहां स्वामी विवेकानंद मैदान में शपथ ले सकती है. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भाग ले सकते हैं. त्रिपुरा में 59 सीटों के लिए चुनाव हुए, जिनमें से 35 पर भाजपा और 8 सीटों पर उसके सहयोगी दल इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के उम्मीदवार विजयी हुए हैं. एक सीट पर माकपा उम्मीदवार के निधन के कारण मतदान रद्द कर दिया गया था.

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मंत्रिपरिषद में सम्मानजनक स्थान नहीं मिलने पर बाहर से समर्थन देगा आईपीएफटी : देबबर्मा
इस बीच आईपीएफटी ने भाजपा पर दबाव बनाते हुए कहा कि अगर उसे मंत्रिमंडल में सम्मानजनक पद नहीं दिए गए तो वह नई सरकार को बाहर से समर्थन देगी. आईपीएफटी के अध्यक्ष एन सी देबबर्मा ने स्थानीय विधायकों में से ही मुख्यमंत्री चुने जाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में परंपरा है कि स्थानीय समुदाय से मुख्यमंत्री का चुनाव किया जाए. देबबर्मा ने कहा कि आईपीएफटी को अगर कैबिनेट में सम्मानजनक पद नहीं मिलते तो वह विधानसभा में अपने विधायकों के बैठने के लिए अलग ब्लॉक की मांग करेगी.

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भाजपा नेताओं ने आईपीएफटी की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
सम्मानजनक पदों से क्या आशय है, यह पूछे जाने पर आईपीएफटी नेता ने कहा कि उनका मतलब कैबिनेट में उचित अनुपात में उनके विधायकों को प्रतिनिधित्व मिलने और उन्हें बड़े विभाग भी दिए जाने से है. देबबर्मा ने कहा, 'आशंका है कि हमें कैबिनेट में उचित जगह नहीं दी जाएगी और भाजपा की तरह महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिए जाएंगे.' भाजपा नेताओं ने आईपीएफटी की मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. आईपीएफटी ने चुनाव से पहले साझा न्यूनतम एजेंडा के आधार पर भाजपा के साथ गठजोड़ किया था. इसका गठन आदिवासी समुदाय के लोगों ने 90 के दशक में किया था. 

चुनाव में भाजपा ने 35, जबकि आईपीएफटी ने आठ सीटें जीतीं
उल्‍लेखनीय है कि हाल ही में हुए पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. त्रिपुरा में उसने सहयोगी आईपीएफटी के साथ मिलकर 60 सदस्यीय विधानसभा में 43 सीटें जीतीं हैं. इसमें से भाजपा ने 35, जबकि आईपीएफटी ने आठ सीटों पर कब्जा किया है.

(इनपुट भाषा से भी)

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