Twitter Controversy: भारत से 10 गुनी कम है इन देशों की आबादी, लेकिन Twitter से पोस्ट हटाने में हैं अव्वल
Advertisement
trendingNow11247589

Twitter Controversy: भारत से 10 गुनी कम है इन देशों की आबादी, लेकिन Twitter से पोस्ट हटाने में हैं अव्वल

Twitter Controversy: जिन देशों की आबादी भारत से 10 गुना से भी ज्यादा कम है, वो ट्विटर को भारत से भी ज्यादा posts हटाने के आदेश देते हैं. पोस्ट्स हटाने के आदेशों के मामले में दुनियाभर में भारत चौथे स्थान पर आता है. 

Twitter Controversy: भारत से 10 गुनी कम है इन देशों की आबादी, लेकिन Twitter से पोस्ट हटाने में हैं अव्वल

Twitter Controversy: बीते मंगलवार 5 जुलाई को माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर भारत सरकार के उसके प्लेटफार्म पर मौजूद कंटेंट को हटाने के आदेश के खिलाफ कर्नाटक हाइकोर्ट गया था, जिसमें ट्विटर ने आरोप लगाया कि भारत सरकार कानूनों को ताक पर रख कर ट्विटर के प्लेटफार्म से content हटाने का दबाव बना रही है. ट्विटर के मुताबिक केंद्र सरकार की तरफ से उसे हाल ही में जारी गये posts को हटाने के ब्लॉकिंग ऑर्डर IT ACT की धारा 69(A) की प्रक्रियाओं को पूरा नहीं करते और जिन posts को ब्लॉक किया जाना है, उनके यूजर्स को पहले नोटिस जारी किया जाना चाहिए था. लेकिन ट्विटर के मुताबिक सरकार ने उसे ऐसा नहीं करने दिया और यूजर्स को बिना नोटिस दिए ही, उनके कंटेंट को हटवाया गया. 

सरकार के खिलाफ कोर्ट पहुंचा ट्विटर

ट्विटर के मुताबिक यह IT ACT की धारा 69(A) का उल्लंघन है. अपने इस कदम से ट्विटर ने भारत की जनता को एक message देने की कोशिश की कि वो भारत के लोगों की आवाज को मंच देना चाहता है, लेकिन भारत की सरकार लोगों की आवाज को दबाना चाहती है. ट्विटर और किसी देश की सरकार के बीच content को हटाने के मुद्दे पर twitter के इस तरह से कोर्ट जाने का यह अपने आपमें एक बड़ा मामला है ऐसे में हमारी investigation टीम ने यह जानने की कोशिश की क्या भारत के अलावा अन्य देशो की सरकारों भी ट्विटर को उसके प्लेटफार्म से posts हटाने का आदेश देती हैं, अगर देती हैं तो क्या भारत सबसे ज्यादा देता है और ट्विटर सरकारों के आदेशों का कैसे पालन करता है. 

पोस्ट हटाने का आदेश देने के मामले में भारत चौथे नंबर पर

इन सभी सवालों का जवाब हमें मिला ट्विटर द्वारा इसी साल 25 जनवरी को जारी की गई Nineteenth Transparency Report में. जिसमें ट्विटर ने पूरी दुनिया मे सरकारों द्वारा गैरकानूनी content हटाने का जनवरी 2021 से जून 2021 तक सारा डेटा दिया है. ट्विटर की इस रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2021 से जून 2021 तक दुनियाभर की सरकारों ने उससे 43 हजार से ज्यादा posts हटाने का आदेश दिया था और पोस्ट्स हटाने की मांग करने वाले देशों में सबसे ऊपर जापान था. पूरी दुनिया की सरकारों से जितनी उसके पास गैरकानूनी posts हटाने के आदेश आते हैं उन कुल आदेशो में 43% आदेश अकेले जापान की सरकार देती है. दूसरे स्थान पर रूस जो पूरी दुनिया के देशों द्वारा दिए गए गैरकानूनी posts को हटाने के कुल आदेशो का 25% देती है, तीसरे पर 13% के साथ टर्की और चौथे पर 11% के साथ भारत था.

सबसे ज्यादा पोस्ट हटावाता है जापान

जनवरी 2021 से जून 2021 तक जापान ने ट्विटर को 18 हजार से ज्यादा गैरकानूनी posts को हटाने और 22 हजार से ज्यादा ट्विटर अकाउंट्स पर कार्रवाई करने की मांग की थी. रूस ने 10 हजार से ज्यादा गैरकानूनी पोस्ट्स को हटाने और 12 हजार से ज्यादा ट्विटर एकाउंट्स पर कार्रवाई करने और टर्की ने 5 हजार 400 से ज्यादा गैरकानूनी पोस्ट्स को हटाने और 6 हजार 800 से ज्यादा अकाउंट्स पर कार्रवाई करने का ट्विटर को आदेश दिया था. जबकि भारत जिसकी आबादी जापान से 10 गुना ज्यादा है , रूस ने 9 गुना ज्यादा और टर्की से 15 गुना ज्यादा है उसने 4903 गैरकानूनी पोस्ट्स को हटाने और 17 हजार 125 अकाउंट्स पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था.

भारत में ही शिकायत करता है ट्विटर

जापान जिसकी आबादी भारत से 10 गुना कम है वो भारत से 4 गुना ज्यादा पोस्ट्स को हटाने की ट्विटर से मांग करता है. रूस जिसकी आबादी भरत से 9 गुना कम है वो भारत के मुकाबले दोगुने ज्यादा पोस्ट्स को हटाने का आदेश देता है. टर्की जिसकी आबादी भारत से 15 गुना कम है वो भी भारत के मुकाबले ज्यादा posts को हटाने का आदेश ट्विटर को देता है. इन तीनों देशों की कुल आबादी को अगर जोड़ भी लिया जाए तब भी भारत से 3 गुना कम है, लेकिन ट्विटर को सिर्फ भारत से ऐसी क्या समस्या है कि वो कोर्ट तक चला गया. इस सवाल का जवाब भी ट्विटर खुद ही अपनी रिपोर्ट में दे रहा है.

12 में से केवल 1 आदेश पर अमल करता है ट्विटर

ट्विटर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है उसने सरकारों के गैरकानूनी पोस्ट्स को हटाने के कुल आदेशों में कितने आदेशों का पालन किया है, जिसे Compliance Rate भी कहा जाता है. जपान की सरकार द्वारा दिये गए गैरकानूनी पोस्ट्स को हटाने के कुल आदेशों में ट्विटर ने 67% से ज्यादा आदेशों का पालन किया, रूस के मामले में 47.1% आदेशों का पालन किया, टर्की के मामले में  60.9% आदेशों का पालन किया और posts हटा दिया. लेकिन भारत के मामले में ट्विटर का Compliance Rate सिर्फ 11.8% ही है. यानी हर 12 आदेश पर ट्विटर ने सिर्फ 1 आदेश पर अमल किया और बाकी के आदेशों का पालन करना जरूरी नहीं समझा. ट्विटर का वैश्विक compliance rate भी 54% है.

Compliance रेट बता रही कंपनी की मंशा

ज़ी न्यूज़ के साथ बातचीत के दौरान साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे ने कहा कि ट्विटर की खुद की रिपोर्ट ही उसकी मंशा साफ तौर पर बता रही है. भारत से भी छोटे-छोटे देश ट्विटर को पोस्ट्स हटाने के कई गुना ज्यादा आदेश देते हैं और ट्विटर उन पर बिना बहस किए अमल भी करता है, लेकिन भारत के मामले में जहां उसकी अमल करने की दर यानी Compliance रेट ही ट्विटर की मंशा को बता रहा है कि उसे भारत मे किसी खास विचारधारा का एजेंडा हावी रखना है, जिसके लिए वो कोर्ट तक जाएगा.

क्या है IT ACT की धारा 69(A)?

अब आपके लिए यह भी जानना जरूरी है कि आखिर IT ACT की धारा 69(A) क्या है? जिसका ट्विटर कोर्ट में हवाला दे रहा है. आईटी एक्ट, 2000 की धारा 69 (ए) केंद्र सरकार को यह ताकत देती है कि वो किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को निश्चित कंटेंट ब्लॉक करने का आदेश जारी कर सकती है. इस धारा के मुताबिक, अगर केंद्र सरकार देशहित में स्वायत्ता-अखंडता से जुड़े मुद्दे, रक्षा और सुरक्षा से जुड़े मामलों, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने से जुड़े मामलों और विदेश संबंध को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर सोशल मीडिया कंपनियों को आदेश जारी करता है तो यह बाध्यकारी हो.। यानी सभी प्लेटफॉर्म्स को यह आदेश मानना ही होगा. इन नियमों के तहत सरकार की ओर से सोशल मीडिया कंपनी को ब्लॉकिंग ऑर्डर भेजने से पहले उसे समीक्षा समिति के पास भेजा जाता है. यह समिति ही पूरी जांच-परख के बाद आईटी एक्ट की धारा 69 (ए) के तहत ब्लॉकिंग ऑर्डर जारी करती है. इन आदेशों को गुप्त रखने का भी प्रावधान है.

खुद को कानून से भी बड़ा मानने लगा है ट्विटर

साइबर कानून के विशेषज्ञ अधिवक्ता पवन दुग्गल के मुताबिक ट्विटर का ट्रैक रिकॉर्ड  ऐसा है की वो वर्षों से खुद को कानून से भी बड़ा मानने लगा है, लेकिन ट्विटर को समझना होगा कि उसे अगर देश मे काम करना है तो कानून के दायरे में रह कर ही काम करना होगा. आईटी नियम 2021 के आने के बाद ट्विटर का हनीमून पीरियड खत्म हो गया है. ऐसे मे ट्विटर या तो भारत के कानून को माने या फिर देश छोड़ दे यही दो विकल्प उसके पास है. 

भारत के लिए ही दोहरा रवैया

पूरी दुनिया मे ट्विटर के कुल 22 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं, जिसमें सबसे ज्यादा अमेरिका के 7 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं, दूसरे पर जापान के 5 करोड़ 80 लाख , तीसरे पर भारत के 2 करोड़ 36 लाख और चौथे पर ब्राजील के 1 करोड़ 90 लाख से ज्यादा लोग ट्विटर का इस्तेमाल करते हैं. तुर्की के 1 करोड़ 61 लाख और रूस के 90 लाख से ज्यादा ट्विटर का प्रयोग करते हैं, लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद रूस ने ट्विटर पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रखा है. ऐसे में सवाल यह उठता है जिन देशों की जनसंख्या भारत से कई गुना कम है और ट्विटर का प्रयोग करने वालो की संख्या भी भारत से कम है तो ऐसे देश जब ट्विटर से गैरकानूनी कंटेंट हटाने का आदेश देते हैं तब तो ट्विटर को कोई समस्या नहीं होती, लेकिन जब भारत की संवैधानिक सरकार ट्विटर से ऐसा करने को कहती तो ट्विटर कोर्ट तक चला जाता है. आखिर ट्विटर का यह दोहरा रवैया सिर्फ भारत के लिए ही क्यों है इसका जवाब अब ट्विटर को ही देना है.

ये ख़बर आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर

LIVE TV

Trending news