केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, 21 राज्य विश्वविद्यालयों, 26 निजी विश्वविद्यालयों और10 अन्य कॉलेजों को स्वायत्त कॉलेज नियमन के तहत स्वायत्तता दी गई है.
Trending Photos
नई दिल्लीः केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग( यूजीसी) ने पांच केंद्रीय एवं 21 राज्य विश्वविद्यालयों सहित62 उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को पूर्ण स्वायत्तता दी है. जिन संस्थाओं को पूर्ण स्वायत्तता दी गई है वे अपनी दाखिला प्रक्रिया, फीस की संरचना और पाठ्यक्रम तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे. जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘ उदार नियामक व्यवस्था के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुसार उच्च मानक बनाकर रखने वाली 62 उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को यूजीसी की ओर से आज स्वायत्तता दी गई.’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पांच केंद्रीय विश्वविद्यालयों, 21 राज्य विश्वविद्यालयों, 26 निजी विश्वविद्यालयों और10 अन्य कॉलेजों को स्वायत्त कॉलेज नियमन के तहत स्वायत्तता दी गई है.
Five Central Univs, 21 State Univs, 26 Pvt Univs and 10 other colleges have been granted autonomy under the Autonomous Colleges Regulation. (2/2)#NewIndia#TransformingEducation#TransformingIndia
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) March 20, 2018
40 केंद्रीय विवि में प्रोफेसरों के 1200 से ज्यादा पद खाली
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 8 मार्च को कहा कि उसके तहत आने वाले 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के स्वीकृत 2417 पदों में से 1262 पद रिक्त हैं. मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डा. सत्यपाल सिंह ने कहा कि पहली जनवरी 2018 की स्थिति के अनुसार इस मंत्रालय के क्षेत्राधिकार में आने वाले देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों के स्वीकृत 2417 पदों में से 1262 पद रिक्त हैं.उन्होंने बताया कि 2016-17 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने 72 प्रोफेसरों की नियुक्ति की जबकि 2015-16 में 41 प्रोफेसरों की नियुक्ति की गयी थी. सिंह ने नरेश अग्रवाल के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
यह भी पढ़ेंः आईआईटी और सेंट्रल यूनिवर्सिटी में होंगे देशभक्तिपूर्ण रॉक शो, विपक्ष ने उठाए सवाल
संसदीय समिति ने उच्च शिक्षण संस्थाओं मं शिक्षकों की कमी पर चिंता जताई
देशभर में उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की भारी कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद की एक समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि पर्याप्त और योग्य शिक्षकों का उपलब्धता सुनिश्चित करना गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के लिए जरूरी है. राज्यसभा में पेश मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबंधित स्थाई समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति देशभर में उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षकों की भारी कमी के संबंध में समय-समय पर अपनी चिंता व्यक्त करती रही है.
(इनपुट भाषा से)