केंद्रीय मंत्री तथा टीडीपी नेता वाईएस चौधरी ने कहा कि बजट को देखकर उन्हें निराशा हुई है. बजट में सरकार ने आंध्र प्रदेश की अनदेखी की है.
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नई दिल्ली : केंद्र सरकार के सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने सरकार के बजट की आलोचना की है. केंद्रीय मंत्री तथा टीडीपी नेता वाईएस चौधरी ने कहा कि बजट को देखकर उन्हें निराशा हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे रेलवे, पोलावरम प्रोजेक्ट, अमरावती के लिए पूंजी समेत आंध्र प्रदेश के कई मुद्दों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया है.
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाईएस चौधरी ने कहा कि उन्हें सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी. आंध्र प्रदेश के विकास के लिए अधिक ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन सरकार ने तो बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है.
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रिश्तों में आई दरार
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दोस्ती का हवाला देते हुए सहयोगी दल भाजपा के साथ विवाद पर बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इस बारे में तब बोलेंगे, जब भगवा दल गठबंधन जारी रखना नहीं चाहेगा. नायडू ने अपनी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर एक सवाल के जवाब में यह कहा. तेलुगू देशम पार्टी (तेदपा) प्रमुख नायडू ने कहा कि मुद्दे के बारे में सोचना भाजपा नेताओं पर निर्भर है. उन्होंने कहा, ‘मैं मित्रपक्ष धर्म के चलते कुछ नहीं कहूंगा. उनके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए.’
We are disappointed with the Union Budget presented today. Many pressing state issues like Railway Zone, Polavaram project funding, Funding for capital Amaravati and other pending issues of Andhra Pradesh are not addressed in the budget: YS Chowdary, MoS Science&Technology, TDP
— ANI (@ANI) 1 फ़रवरी 2018
AAP ने लगाए थे गंभीर आरोप
वाईएस चौधरी पर पिछले साल आम आदमी पार्टी ने गंभीर आरोप लगाए थे. आप के नेता आशुतोष ने उन पर बैंकों का डिफाल्टर होने का आरोप लगाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि चौधरी की तीन कंपनियों पर विभिन्न बैंकों का 4 हजार करोड़ का बकाया है.
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वित्त मंत्री ने पेश किया बजट
बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज पहली फरवरी को आम बजट पेश किया. मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जहां किसानों, गरीबों और महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषणाओं का ऐलान किया, वहीं नौकरीपेशा लोगों को राहत नहीं मिली. जेटली ने इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि सरकार ने स्टैंडर्ड डिडेक्शन की फिर से शुरुआत की है और इसके तहत 40 हजार रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाएगा. वहीं अब, म्युचूअल फंड की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा.
सीनियर सिटिजन्स को विभिन्न जमाओं पर मिलने वाले 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी, पहले यह सीमा 10,000 रुपये थी. शिक्षा, स्वास्थ्य पर सेस अब 3 फीसदी की जगह 4 फीसदी लगाया जाएगा. कस्टम ड्यूटी बढ़ने से मोबाइल फोन और टीवी अब महंगे हो जाएंगे. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 से 7.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पिछले तीन साल में भारत की औसत वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही है.