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नई दिल्ली: पश्चिमी राज्यों में आया 'ताउ-ते' (Cyclone Tauktae) नाम का तूफान अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल में कई लोगों की जान ले चुका है और कई लोग अब भी मौत के मुंह में फंसे हैं. कुल 3 समुद्री जहाज और एक नाव है, जिसे आम बोलचाल की भाषा में बजरा भी कहा जाता है, वो फंसे हुए हैं. इस संकट से पहले ही देश कोरोना (Corona) से जूझ रहा है, पश्चिमी राज्यों में आए तूफान और कोरोना काल के बीच 'सामनताएं' भी हैं.
अभी भी फंसे हैं इतने लोग
जो नाव फंसी हुई हैं इनमें पहली है P-305, जिसमें 273 लोग सवार थे, जिनमें से 177 लोगों को बचा लिया गया है और बाकी लोग अब भी फंसे हुए हैं. दूसरा जहाज है 'Gal Constructor', जिसमें 137 लोग फंसे थे, और इन सभी लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है. तीसरा जहाज है Oil रिग सागर भूषण, जिसमें 101 लोग सवार थे. INS तलवार के जरिये इन लोगों को बचाने का काम किया जा रहा है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है. चौथा जहाज है SS-3, जिसमें 196 लोग मौजूद थे और ये अब तक तूफान के बीच फंसे हैं.
मानसिकता की समानता
बड़ी बात ये है कि इनमें से ज्यादातर लोग वो हैं, जो अपनी लापरवाही की वजह से समुद्र की लहरों में फंसे. सरकार और मौसम विभाग (IMD) ने काफी समय पहले ही लोगों को समुद्री इलाकों से दूर रहने की चेतावनी दी थी लेकिन इन लोगों ने उसे नजरअन्दाज किया और अपनी जान जोखिम में डाली और कोरोना काल में भी ऐसा ही हो रहा है. यानी ताउ ते तूफान और कोविड में जो समानता है, वो लोगों की मानसिकता को लेकर है.
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गलती खुद की, दोष सबका
आपने देखा होगा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर में प्रति दिन हजारों लोगों की मौत हो रही है इसके बावजूद सड़कों पर भीड़ जुट रही है और कई लोग नियमों का उल्लंघन भी कर रहे हैं और ताउ ते तूफान के दौरान भी ऐसा ही हुआ. यानी दोनों ही मामलों में पहले लापरवाही हुई और जब इस लापरवाही की वजह से मृत्यु का संकट खड़ा हुआ तो इन लोगों ने खुद को छोड़ कर सभी को दोष देना शुरू कर दिया है और यही इस देश का दुर्भाग्य है.
पश्चिमी राज्यों में बेहद नुकसान
ताउ ते तूफान से पश्चिमी राज्यों में बेहद नुकसान हुआ है. अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान ताउ ते ने भारत के तटीय इलाकों में काफी तबाही मचाई. गुजरात के सूरत में भी तूफान की गति काफी तेज रही. तूफान की तेज हवाओं से यहां एक बिल्डिंग की छत उड़कर नीचे आ गिरी. गनीमत रही कि इस हादसे में किसी को चोट नहीं लगी क्योंकि जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त सड़क पर ट्रैफिक भी चल रहा था. सूरत के रिहायशी इलाकों में कार पार्किंग की छतों का भी यही हाल रहा. सूरत के कई इलाकों में सड़कों पर पेड़ ताउ ते के तेवर झेल नहीं पाए और कई मकानों की छत भी गिर गई.
गुजरात में ताउ ते का कहर
कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और गोवा के बाद ताउ ते ने गुजरात में काफी नुकसान पहुंचाया. गुजरात में 40 हजार से ज्यादा पेड़ गिर गए. 16 हजार से ज्यादा कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचा है. 2 हजार से ज्यादा गांवों में बिजली नहीं आ रही है. अहमदाबाद में भी तेज हवाओं की वजह से कई पेड़ गिर गए. जिसके बाद आम लोगों ने खुद ही उन पेड़ों को अपने घरों की चाहरदिवारी से हटाने की कोशिश की. अमरेली से तूफान गुजरा तो उसके बाद ये तस्वीरें दिखाई दीं जिसमें बीच सड़क बेतरतीब आसपास से उखड़ा हुआ सामान पड़ा था.
महाराष्ट्र में तबाही
मुंबई में ताउ ते की तूफानी हवाओं ने समंदर में खूब हलचल पैदा की. समंदर की ऊंची लहरें गेटवे ऑफ इंडिया को छूते हुए सड़क पर आ गईं. तूफान के गुजर जाने के बाद तबाही का मंजर था. समंदर की लहरें इतनी तूफानी थीं कि बैरिकेडिंग तो उसे क्या ही रोकती. सड़क पर लगे डिवाइडर भी उसकी रफ्तार संभाल नहीं सके, वो भी उखड़ गए. पार्किंग में खड़ीं तमाम कारों को काफी नुकसान पहुंचा. तूफान की वजह से कई जगह बाउंड्री वॉल गिर गई. महाराष्ट्र के रायगढ़ में भी तूफान ने भारी तबाही की. पूरे जिले में 5 से ज्यादा मकानों की छत गिर गई. इन हादसों में अभी 4 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 6 लोग घायल हुए हैं.
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दीव और गोवा में भी तूफान का असर
दीव के हालात भी बेहद चिंताजनक हैं. मछुआरों की नावें समंदर में कागज की नाव जैसी दिखीं. तट पर इन्हें बांधा गया, लेकिन समंदर की लहर की वजह से जमीन पर आने को आतुर हैं. गोवा के मडगांव में तूफान का असर देखने को मिला रहा है. एनडीआरएफ की टीमें सड़कों पर आरियां लेकर पेड़ काटकर रास्ता साफ करने को मजबूर हैं क्योंकि तूफान की वजह से सैकड़ों पेड़ सड़कों पर गिरे हुए हैं.
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