Zee जानकारी : लखनऊ मुठभेड़ आईएस के खतरे का ट्रेलर है
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Zee जानकारी : लखनऊ मुठभेड़ आईएस के खतरे का ट्रेलर है

Zee जानकारी : लखनऊ मुठभेड़ आईएस के खतरे का ट्रेलर है

पिछले 3 वर्षों से Zee News लगातार, जिस बात की तरफ देश का ध्यान खींचने की कोशिश कर रहा था, आखिरकार वो डर अब एक सच्चाई बन गया है. क्योंकि, भारत में आतंकवादी संगठन ISIS ने अपना पहला Trailer Launch कर दिया है और बगदादी एंड कंपनी अब भारत को भी सीरिया और इराक जैसा बनाने की Planning कर रही है. हो सकता है ये ख़बर देखने के बाद आपको डर लगे और आप परेशान हो जाएं. लेकिन मैं यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं, कि इस विश्लेषण के पीछे हमारा मकसद सिर्फ और सिर्फ आपको जागरूक करना है. क्योंकि मंगलवार को मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में जो कुछ भी देखने को मिला है, वो काफी चिंता का विषय है. इसलिए सबसे पहले इन दोनों ही ख़बरों के बारे में आपको विस्तार से जानकारी देते हैं.

कल मध्यप्रदेश के शाजापुर में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में एक धमाका हुआ था. जानकारी के मुताबिक, आतंकवादियों ने इस धमाके के लिए ट्रेन में रखे Pipe Bomb का इस्तेमाल किया था. इसके बाद आतंकवादियों ने धमाके की तस्वीर सीरिया में मौजूद ISIS के आकाओं को भी भेजी थीं. आपको बता दूं, कि ये धमाका देश में ISIS का पहला हमला है. जिसमें 9 लोग ज़ख्मी हो गए थे. आतंकवादियों के पास से जो विस्फोटक मिले हैं, उनपर लिखा था....ISIS...हम भारत में हैं. इसके बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने कानपुर के रहने वाले दानिश अख़्तर, आतिश मुज़फ्फर और अलीगढ़ के रहने वाले सैय्यद मीर हुसैन को गिरफ़्तार किया था. 

मध्यप्रदेश पुलिस से मिली जानकारी के आधार पर उत्तर प्रदेश की पुलिस और Anti-Terrorism Squad ने, लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एक घर की घेराबंदी कर ली. जिसमें मोहम्मद सैफुल्लाह नाम का एक आतंकवादी छिपा हुआ था. पुलिस इस आतंकवादी को ज़िन्दा पकड़ने की कोशिश कर रही थी. लेकिन वो सरेंडर करने के लिए तैयार नहीं था. आखिरकार 11 घंटे के Operation के बाद रात करीब ढाई बजे इस आतंकवादी को मार गिराया गया. हालांकि, उत्तर प्रदेश के Additional Director General Of Police, दलजीत चौधरी ने ये स्पष्ट किया है कि मारा गया आतंकवादी, Self-Radicalized था...इस आतंकवादी को सीधे ISIS से कोई निर्देश मिले थे या नहीं.. ये अभी नहीं कहा जा सकता.. लेकिन वो ISIS की विचारधारा से कहीं ना कहीं प्रभावित ज़रूर था.. 

सैफुल्लाह के कमरे में था बड़ी मात्रा में विस्फोटक

जिस कमरे में सैफुल्लाह छिपा हुआ था, उसमें से बड़ी संख्या में विस्फोटक मिले हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि इस आतंकवादी के कमरे से आतंकवादी संगठन ISIS के झंडे के साथ-साथ, भारतीय रेलवे का नक्शा भी बरामद किया गया है. इसके अलावा UP पुलिस ने कानपुर के ही रहने वाले दो और संदिग्ध लोगों गिरफ़्तार किया है.. इसके अलावा इटावा से भी एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ़्तार किया है. कानपुर से गिरफ़्तार किए गए दो संदिग्ध आतंकवादियों के पास से एक Laptop और कुछ Mobile Phones मिले हैं. गौर करने वाली बात ये है, कि उनके Laptop में ISIS से संबंधित Videos और युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें भड़काने वाला Study Material भी मौजूद था. 

आपको ये तमाम जानकारियां देनी इसलिए ज़रुरी थीं, ताकि आप ये समझ सकें, कि हम क्यों पिछले 3 वर्षों से लगातार ये कह रहे हैं, कि भारत को ISIS के ख़तरे को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. 1 जुलाई, 2014 को ज़ी न्यूज़ ने सबसे पहले आपको जानकारी दी थी, कि ISIS ने एक नक्शा जारी करके अपनी पंचवर्षीय योजना बताई है. उस नक्शे में ISIS के प्रमुख अल-बगदादी ने भारत को अपने कब्ज़े में लेने की योजना बनाई थी.

इसके बाद 13 अक्टूबर, 2014 को हमने वो तस्वीरें भी आपको दिखाई थीं, जब श्रीनगर में ISIS के काले इरादों वाले झंडे लहराए गए थे. इसके बाद 16 अक्टूबर, 2014 को हमने एक बड़ा खुलासा किया था, कि आतंकवादी संगठन ISIS...और अल क़ायदा का गठबंधन हो सकता है....हमने उस वक्त आपको ये भी बताया था, कि भारत में आतंक फैलाने के लिए इन दोनों आतंकवादी संगठनों ने लश्कर-ए-तैय्यबा..जैश-ए-मोहम्मद और इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे संगठनों को दहशत फैलाने का ठेका दिया है. पिछले वर्ष ही हमने आपको वो तस्वीरें भी दिखाई थीं, जब श्रीनगर में पत्थरबाज़ों की फौज, ISIS के आतंकवादी अबु बक्र अल बगदादी के समर्थन में नारेबाज़ी कर रहे थे. यानी ज़ी न्यूज़ ने जिस गंभीर ख़तरे का ज़िक्र 3 साल पहले किया था, वो डरावना सपना अब एक चिंताजनक हकीकत बन चुका है.

सिर्फ वर्ष 2014 ही नहीं, हमने समय-समय पर पूरे देश को ISIS के ख़तरे के बारे में आगाह किया है और आपको हमेशा सावधान रहने की सलाह दी है. लेकिन, ये ख़तरा इतनी ज़ल्दी हमारे देश में फैल सकता है, इसकी किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी. ISIS की विचारधारा एक तरह का वैचारिक वायरस है, जो अब भारत में फैल रहा है. हमें हर स्तर पर इसे रोकना होगा और इस दिशा में ज़ी न्यूज़ अपने हिस्से की कोशिश करता रहेगा.

आतंकवाद को कोई धर्म नहीं होता है

DNA में हम ये सवाल लगातार उठाते रहे हैं, कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है, लेकिन अगर इस्लाम के ठेकेदारों ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया, तो जल्द ही वो दिन भी आ जाएगा जब दुनिया कहेगी कि आतंकवाद का धर्म होता है. यहां पर सवाल ये भी है, कि लखनऊ में सैफुल्लाह नाम का जो आतंकवादी मारा गया, उसे किस धर्म का माना जाए.. क्या सैफुल्ला का कोई धर्म था? जिस वक्त ये पूरा ऑपरेशन चल रहा था, उस वक्त सैफुल्लाह को  समझाने के लिए मौलवियों की मदद ली गई, उसकी बात उसके परिवार के सदस्यों से भी कराई गई. लेकिन, वो नहीं माना, क्योंकि उसके सिर पर जिहाद का जुनून सवार था. 

हालांकि अब उसकी मौत को लेकर भी हमारे देश के डिज़ाइनर नेताओं का दिल कोमल हो गया है. और हमारे देश में Secularism की दुहाई देकर अपना एजेंडा चलाने वाले लोग एक बार फिर Active हो गए हैं. ऐसे सभी लोगों को आज मैं इस आतंकवादी के पिता द्वारा कही गई एक बात सुनाना चाहता हूं. इस बुज़ुर्ग की बात में ये शिक्षा छिपी हुई है कि आतंकवादी का ना तो कोई धर्म होता है.. और ना ही कोई परिवार होता है.

एक आतंकवादी का पिता ये कह रहा है, कि वो अपने बेटे का शव इसलिए नहीं लेगा, क्योंकि उसने देशद्रोह का काम किया है. और जो देश का नहीं हुआ, वो उनका क्या होगा. ये अपने आप में एक बहुत बड़ी बात. आज हम इस पिता को और इस परिवार को सलाम करते हैं. हालांकि, हमारे देश के कई नेता, सर्जिकल स्ट्राइक की ही तरह अब इस आतंकवादी के ISIS का आतंकवादी होने के सबूत भी मांग रहे हैं. हम इस सोच का भी विश्लेषण करेंगे. लेकिन सबसे पहले आपको इस पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताते हैं. ताकि आपके सामने पूरी तस्वीर साफ हो जाए

कुछ दिनों पहले ISIS को लेकर एक खबर आई थी. जिसमें कहा गया था कि ISIS के सरगना अबु बक्र अल बगदादी ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. इस खबर में ये भी कहा गया था कि बगदादी ने अपनी हार कबूल करते हुए एक FareWell स्पीच दी है. जिसमें बगदादी ने ISIS के आतंकवादियों से कहा है कि या तो वो अपने अपने घर लौट जाएं, यानी जिन देशों से आए हैं, वहां वापस चले जाएं..या फिर खुद को बम से उड़ा लें. ये ऐसा है जैसे किसी कंपनी के अचानक बंद हो जाने पर उसके कर्मचारियों से कहा जाए कि या तो वो दूसरी नौकरी ढूंढ लें..या फिर VRS लेकर घर बैठ जाएं. 

अभी बंद नहीं हुई है आईएसआईए सकी फैक्ट्री

लेकिन लखनऊ में ISIS से प्रभावित आतंकी का मारा जाना इस बात का सबूत है कि ISIS की फैक्ट्री बंद नहीं हुई है. बल्कि इस आतंकवादी संगठन ने दुनिया के दूसरे देशों में अपनी Franchisee खोलना शुरू कर दिया है. और ISIS की विचारधारा से प्रभावित आतंकवादी अब किसी के निर्देश पर On site अपने Project पूरे करने की बजाय..अपनी इच्छा से Freelance कर रहे हैं. और लखनऊ में एनकाउंटर में मारा गया ISIS का आतंकवादी सैफुल्ला भी एक ऐसा ही Freelance आतंकवादी था .

सवाल ये है कि ISIS की विचारधारा में आखिर ऐसा क्या है कि इराक और सीरिया में मिल रही हार के बावजूद , ये संगठन दुनियाभर के युवाओं का Brain wash कर रहा है. इसका जवाब है आतंक फैलाने का एक नया तरीका. ISIS पूरी दुनिया के जिहादियों को Lone Wolf Attack के लिए उकसा रहा है .  Lone Wolf Attack एक ऐसा आतंकवादी हमला होता है, जिसे कोई व्यक्ति अकेले ही अंजाम देता है. इसके लिए सीधे तौर पर किसी Command Structure की ज़रूरत नहीं होती है. ISIS की विचारधारा से प्रभावित कोई आतंकवादी  जब Lone Wolf Attack करता है तो बाद में ISIS उस हमले की जिम्मेदारी ले लेता है. 

ISIS एक तरह से इन हमलों और हमलावरों को Certify करने का काम करता है. इससे ISIS को दो फायदे होते हैं पहला - ISIS का खर्चा बचता है.. और दूसरा - ISIS का ख़ौफ बढ़ता है.. यानी कम खर्च में ज़्यादा ख़ौफ. इसलिए जब भी दुनिया में कहीं भी ISIS का नाम लेकर कोई आतंकवादी हमला होता है तो ISIS कभी भी उसका खंडन नहीं करता.. बल्कि आगे बढ़कर हमले का Credit लेता है. ज़ी न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ISIS ने अपने India Module से कहा है कि उन्हें अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सीरिया या इराक आने की ज़रूरत नहीं है. यानी आतंकवादी जिस भी देश में मौजूद हैं वो हमलों को वहीं से अंजाम दे सकते हैं. 

लेकिन Brain Wash किए गए लोगों के मन में आतंकवादी भावनाएं भड़काने के लिए ISIS ऑनलाइन ट्रेनिंग और Study Material उपलब्ध कराता है. आपने देखा होगा कि बहुत सारे युवा Distance Learning यानी पत्राचार से कोर्स करते हैं और उन्हें Study Material भेज दिया जाता है.. ठीक इसी तरह ISIS भी आतंकवाद का Distance Learning कोर्स करवा रहा है. पहले Semester में वो विचारधारा में ज़हर भरता है.. दूसरे Semester में Bomb बनाने और हत्या करने के तरीके सिखाए जाते हैं .. और फिर कोर्स खत्म होते होते.. एक युवा... आतंकवादी बन जाता है

- इंटरनेट की मदद से ISIS ऐसे Literature को शेयर करता है..जिसमें घर के सामान से ही बम बनाने के तरीके मौजूद होते हैं.

- युवाओं को ISIS में शामिल करने के लिए Whatsapp और Telegram जैसे messaging apps पर ग्रुप बनाए जाते हैं.

- इन्हीं Groups पर युवाओं को कट्टर बनाया जाता है और Lone Wolf Attack करने के लिए उकसाया जाता है.

- पिछले कुछ महीनों में ISIS ने भारत से जिन लोगों की भर्ती की है, उनमें से ज्यादातर Online माध्यमों से ही ISIS के संपर्क में आए हैं.

ISIS भले ही इराक और सीरिया का युद्ध हार रहा हो..लेकिन उसकी योजना अब भी भारतीय उपमहाद्वीप पर कब्ज़ा करने की है. ISIS की योजना को खुरासान कहा जाता है. लखनऊ में जो आतंकवादी मारा गया है..वो भी इसी खुरासान Module का हिस्सा था. खुरासान एक Persian शब्द है. जिसका मतलब होता है वो ज़मीन जहां सूर्य उगता है.  खुरासान या ग्रेटर खुरासान मध्य एशिया से लेकर अफगानिस्तान और भारत तक फैले एक इलाके को कहा जाता है. ISIS की योजना वर्ष 2020 तक इस पूरे इलाके पर कब्ज़ा करने की है. वर्ष 2015  में ISIS ने एक Map भी जारी किया था. जिसमें 2020 तक भारत पर कब्ज़े का जिक्र था .

जो इस्लाम कबूल नहीं करेगा उसे मौत की सजा : ISIS

ISIS अपने आतंकवादियों से कहता है कि जो लोग इस्लाम कबूल नहीं करेंगे उन्हें मौत की सज़ा दी जानी चाहिए. इसके अलावा ISIS ये भी कहता है कि सिवाए मुसलमानों के दुनिया पर किसी और धर्म के लोग शासन नहीं कर सकते हैं. गैर मुस्लिमों की हकूमत नाजायज़ हुकूमत है. और ISIS अपनी योजनाओं में खिलाफत का भी जिक्र करता है..यानी दुनिया भर में मुसलमानों की एक ही हुकूमत होनी चाहिए.

ISIS कैसे कट्टरपंथी सोच का फायदा उठाकर युवाओं को भड़का रहा है. ये समझाने के लिए हम आपको पाकिस्तान के इस्लामिक स्कॉलर जावेद अहमद ग़मीदी का एक बयान सुनाना चाहते हैं. ग़मीदी पाकिस्तान के उन गिने चुने लोगों में शामिल हैं. जो ये मानते हैं कि इस्लाम की गलत व्याख्या करके लोगों को भड़काया जा रहा है. उनका एक एक शब्द आपको ध्यान से सुनना चाहिए.

ये ISIS का वो सच है...जो पूरी दुनिया के लिए  खतरा बना हुआ है..लेकिन अफसोस इस बात का है कि भारत समेत कई देशों में मौजूद कट्टरपंथी लोग भी ऐसी ही शिक्षाएं देते हैं. और इसका नतीजा ये होता है कि ISIS जैसे आतंकवादी संगठनों को आसानी से ऐसे लोग मिल जाते हैं..जो उसके नाम पर दहशत फैलाते हैं और लोगों की हत्या करते हैं.

ISIS को इराक और सीरिया में काफी नुकसान हुआ है..और उसकी ताकत कम हो रही है. लेकिन भारत सहित दुनिया के अलग अलग हिस्सों में विचारधारा के तौर ISIS का पोषण आज भी हो रहा है. और लखनऊ में ISIS से प्रभावित आतंकवादी का पकड़ा जाना इसी बात का सबूत है.

ISIS के खतरे से कैसे निपटे भारत

सवाल ये है कि आखिर ISIS के खतरे से कैसे निपटा जा सकता है. भारत चाहे तो इसके लिए फ्रांस से सबक ले सकता है. जनवरी 2015 में फ्रांस में एक बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था. इस हमले को भी ISIS के आतंकवादियों ने ही अंजाम दिया था. इस हमले के बाद फ्रांस ने ISIS से लड़ने की ठान ली और इस्लाम का गलत इस्तेमाल करने वाली कट्टर ताकतों के साथ सख्ती से निपटना शुरू कर दिया.

जिहादी विचारधारा से निपटने के बाद फ्रांस की सरकार ने “Stop Jihadism के नाम से एक अभियान चलाया. इसके अलावा एक वीडियो संदेश जारी करके..ISIS में भर्ती होने वाले लोगों को चेतावनी दी. इस वीडियो संदेश में कहा गया था कि जो लोग ISIS में भर्ती हो रहे हैं..उन्हें निश्चित रूप से मरना पड़ेगा .

फ्रांस में वर्ष 2012 के बाद से ही जिहादी विचारधारा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. वर्ष 2012 के बाद से करीब 80 ऐसे धर्म प्रचारकों को देश से बाहर निकाल दिया गया है. जो अपने भाषणों से नफरत फैला रहे थे..इसके अलावा ऐसी 10 मस्जिदों को भी बंद कर दिया गया..जिनके द्वारा युवाओं को भड़काया जा रहा था .

फ्रांस की सरकार ने एक नया कानून पास करके..खुफिया एजेंसियों की ताकत बढ़ा दी. नए कानून के मुताबिक खुफिया एजेंसियां किसी भी नागरिक की जासूसी कर सकती हैं. यानी फ्रांस की सरकार ने ISIS के खिलाफ सिर्फ युद्ध का ऐलान ही नहीं किया..बल्कि ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की..जो फ्रांस में बैठकर ISIS का प्रचार कर रहे थे. हमें लगता है कि भारत में भी ऐसी जिहादी विचारधारा फैलाई जा रही है और इसे जड़ से काटना होगा .

ज़रा सोचिए कि क्या भारत में ऐसा करना संभव है.. अगर भारत में किसी सरकार ने ऐसी हिम्मत दिखाई तो विपक्ष के नेता धरने और प्रदर्शन करना शुरु कर देंगे. संसद में काम ठप कर देंगे.. बंद की घोषणा करेंगे और तुष्टिकरण की राजनीति के तहत हर फैसले को धार्मिक Angle दे देंगे.

हमें लगता है...कि अब बिना किसी विलंब के देश के हर वर्ग को ISIS की विचारधारा के ख़िलाफ असहनशीलता दिखानी चाहिए...देश के नेताओं को जनता की सुरक्षा के मुद्दे पर बहस करनी चाहिए और देश के दुश्मनों के खिलाफ Zero Tolerance Policy अपनानी चाहिए...तभी भारत एक सुखी और सुरक्षित देश बन पाएगा...और अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो दिन दूर नहीं है, जब भारत के कोने-कोने में ISIS के काले इरादे वाले झंडे दिखाई देंगे. वैसे हमारे पास आपके लिए एक Extra विचार भी है.
 
हम बार बार आपसे ये कहते रहे हैं कि किसी भी ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों से धार्मिक आधार पर उनका अंतिम संस्कार करने का अधिकार छीन लेना चाहिए और उन्हें कूड़े के साथ जला देना चाहिए. ये उपाय आतंकवाद में कमी लाने का उपाय साबित हो सकता है. क्योंकि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, इसलिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आतंकी को जलाया गया या दफनाया गया. सैफुल्ला के परिवार ने उसका शव लेने से इनकार करके एक बड़ा संदेश दिया है.. ये आतंकवादियों का तिरस्कार करने का एक सामाजिक तरीका है. ऐसा करके सैफुल्ला के पिता सरताज ने धार्मिक एजेंडा चलाने वालों को भी करारा जवाब दिया है.

आतंकवाद पर इस बड़े विश्लेषण के अंत में हम आपसे एक बात और कहना चाहते हैं. अक्सर सार्वजनिक जगहों पर, और वाहनों में लिखा होता है कि संदिग्ध वस्तुओं से सावधान रहें..उनमें विस्फोटक हो सकता है. अगर आप ऐसा कोई भी संदिग्ध सामान देखें..तो फौरन पुलिस को इसकी सूचना दें. लेकिन हमें लगता है कि संदिग्ध वस्तुओं के साथ संदिग्ध पड़ोसियों और लोगों पर भी नज़र रखनी चाहिए. आजकल का Life Style और खासतैर पर शहरों का रहन-सहन ऐसा हो चुका है कि सब अपने आप में व्यस्त रहते हैं. 

कई बार आपको ये पता ही नहीं होता कि आपके पड़ोस में कौन रह रहा है ? हो सकता है कि आपके बगल वाले घर में कोई आतंकवादी, साजिश कर रहा हो. अगर आप थोड़े से सतर्क रहेंगे तो आप ऐसे लोगों को आसानी से पहचान पाएंगे. हम ये बिल्कुल नहीं कह रहे कि आप अपने हर पड़ोसी को शक की निगाह से देखने लगें. हम सिर्फ ये कह रहे हैं कि अगर आप सावधान रहेंगे..तो ऐसे लोगों की पहचान आसान हो जाएगी. और अगर समय रहते ऐसे लोग पकड़े जाएंगे..तो फिर कई लोगों की जान बच जाएगी.

सभी गैरमुस्लिमों को काफिर मानता है ISIS

ISIS सभी गैरमुस्लिमों को काफिर मानता है और उसका मानना है कि जो इस्लाम को नहीं मानेगा..उसे मार दिया जाएगा . यानी खुदा ना खास्ता कभी भविष्य़ में ISIS ने दुनिया पर राज किया..तो अल्पसंख्यक उसके लिए वोट बैंक भी नहीं होंगे..क्योंकि ISIS पूरी दुनिया में सिर्फ मुसलमानों को देखना चाहता है. हालांकि वर्तमान में राजनीतिक पार्टियों के लिए अल्पसंख्यक एक बड़ा वोट बैंक होते हैं और भारत में तो ये Minority वोट बैंक चुनावों के नतीजों को भी प्रभावित करता है.  
अब हम वोट बैंक की राजनीति करने वाली पार्टियों और नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण ख़बर का DNA टेस्ट करेंगे. हमारे देश में मुसलमानों को वोट बैंक समझने की एक बहुत गलत परंपरा चली आ रही है. धर्म और जाति की राजनीति करने वाले कई नेताओं और पार्टियों का भविष्य, मुसलमानों के वोट से तय होता है. लेकिन अब ख़बर ये आई है कि 2050 तक दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमान भारत में होंगे. यानी पिछले 70 वर्षों से चली आ रही तुष्टिकरण की राजनीति आगे भी खत्म नहीं होने वाली है. 

- अमेरिका के Think Tank PEW Research के मुताबिक 2050 तक भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान होंगे..

- अभी दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमान इंडोनेशिया में रहते हैं. इंडोनेशिया में करीब 22 करोड़ मुसलमान रहते हैं. इसके बाद भारत का नंबर आता है, जहां करीब 19 करोड़ मुसलमान हैं. 

- लेकिन PEW Research ने भविष्यवाणी की है कि 2050 तक भारत में करीब 30 करोड़ मुसलमान हो जाएंगे. 

- इस वक्त इस्लाम Christianity के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. दुनिया में इस्लाम मानने वालों की संख्या करीब 1 अरब 70 करोड़ है. 

- लेकिन PEW Research के मुताबिक इस सदी के अंत तक इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन जाएगा. 

यानी 33 वर्षों में भारत में मुसलमानों की आबादी बढ़कर 30 करोड़ हो जाएगी. और इसीलिए हम कह रहे हैं कि 2050 में भी मुसलमान भारत के राजनेताओं के लिए सबसे बड़ा वोट बैंक होंगे. हमारे देश के कई नेताओं की राजनीतिक दुकानें मुसलमानों के वोटों से ही चलती हैं. इसलिए हमें लगता है कि PEW Research की इस भविष्यवाणी को सुनते ही कई नेताओं ने अभी से ही तुष्टिकरण की नई योजनाएं बनानी शुरू कर दी होंगी. 

इस पूरी ख़बर का एक और पक्ष है. और वो ये है कि आने वाले वर्षों में भारत का मुसलमान दुनिया को एक नई दिशा दे सकता है. क्योंकि पूरी दुनिया में भारत के मुसलमान सबसे अलग हैं.. यहां के मुसलमानों को कट्टर नहीं.. बल्कि Secular माना जाता है. 2050 तक भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान होंगे, लेकिन इसके बावजूद भारत तब भी एक धर्मनिरपेक्ष देश रहेगा. इसीलिए हमें लगता है कि 2050 के बाद भारत के मुसलमान.. पूरी दुनिया के मुसलमानों को एक नई दिशा दिखा सकते है.

यहां मैं एक और बात जोड़ना चाहता हूं.. और वो ISIS से जुड़ी हुई है. मुसलमानों की बढ़ती हुई जनसंख्या पर और ख़ासतौर पर मुस्लिम युवाओं पर ISIS की नज़र है. अगर खुद को मुस्लिम समुदाय का ठेकेदार कहने वाले लोगों ने अब भी इस ख़तरे को गंभीरता से नहीं लिया.. तो फिर ISIS, मुसलमानों की एक बहुत बड़ी जनसंख्या को कट्टर बनाने में सफल हो जाएगा. आतंकवादी किसी के सगे नहीं होते.. उनका कोई धर्म नहीं होता. 

आतंकवादियों को धर्म के चश्में से देखने वाले लोगों ने बार बार मुसलमानों का नुकसान ही किया है. मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ने के साथ ही मुस्लिम युवाओं की संख्या भी बढ़ेगी और ISIS पूरी कोशिश करेगा कि वो कच्ची उम्र के युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सके. ये पूरी दुनिया के एक लिए बहुत ख़तरनाक स्थिति होगी

अभी पांच राज्यों में चुनाव खत्म हुए हैं और आपने देखा होगा कि आज भी हमारे नेता वोट बैंक से ऊपर कुछ नहीं सोच पाते..लखनऊ में हुए एनकाउंटर के बाद बहुत से नेता यही सोच रहे होंगे कि इस एनकाउंटर का सियासी फायदा कैसे उठाया जाए ? ऐसे नेता ना तो हिंदुओं के सगे हैं और ना ही मुसलमानों के.. ये बात देश के लोगों को जल्द से जल्द समझ लेनी चाहिए.

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